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Ramayan पर बनी इस फिल्म से शुरू हुआ था डबल रोल का चलन, एक ही कलाकार ने निभाया राम और सीता का किरदार

रामायण पर अब तक कई फिल्में और सीरियल्स बन चुके हैं। इसमें भगवान राम और माता सीता के किरदार को अलग-अलग कलाकारों ने निभाया है। बता दें कि पौराणिक विषयों पर फिल्में बनने का चलन भारत में साल 1917 के आसपास शुरू हुआ था। साल 1917 में आई फिल्म लंका दहन हिंदी सिनेमा में रामायण पर बनी पहली फिल्म थी।

By Rajshree VermaEdited By: Rajshree VermaUpdated: Sat, 13 Jan 2024 08:02 PM (IST)
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रामायण पर बेस्ड हिंदी फिल्में (Photo Credit: Jagran Graphics)
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। हिंदी सिनेमा की शुरुआत से ही महाकाव्‍य रामायण को पर्दे उतारा गया है। उसमें भगवान श्रीराम को अभिनीत करने का अलग-अलग कलाकारों को मौका मिला।

अब महाकाव्‍य रामायण पर नितेश तिवारी ट्रिलॉजी बना रहे हैं, जिसमें रणबीर कपूर भगवान राम की भूमिका में नजर आएंगे। यह पहली बार होगा, जब रणबीर किसी पौराणिक फिल्‍म का हिस्‍सा बनेंगे।

107 साल पहले आई थी रामायण पर पहली फिल्म

हिंदी सिनेमा के करीब 113 साल के इतिहास में रामायण पर अब तक अनेक फिल्में और धारावाहिक बन चुके हैं। वैसे पौराणिक विषयों पर फिल्में बनने का चलन भारत में साल 1917 के आसपास शुरू हुआ। 1917 में आई फिल्म लंका दहन हिंदी सिनेमा में रामायण पर बनी पहली फिल्म थी।

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उस समय महिलाओं का फिल्‍मों में काम करना अच्‍छी दृष्टि से नहीं देखा जाता था। लिहाजा राम और सीता, दोनों भूमिकाएं अन्ना सालुंके ने निभाई थीं। इसी वजह से उनके नाम हिंदी सिनेमा का पहला डबल रोल करने का भी रिकॉर्ड है। फिल्म का आरंभ राम के चौदह साल के वनवास से होता है और रावण के वध पर खत्म होती है।

इस फिल्‍म ने दस दिनों में ही 35 हजार रुपये की कमाई कर ली थी। इसकी कमाई को बैलगाड़ियों में भरकर निर्माता के पास ले जाया जाता था, क्योंकि कमाई में ज्यादातर सिक्के ही आते थे।

उसके बाद आईं भरत मिलाप (1942) और राम-राज्य (1943) में राम की भूमिका ने अभिनेता प्रेम अदीब को काफी लोकप्रियता दिलाई थी। दोनों ही फिल्‍मों में सीता की भूमिका शोभना समर्थ ने निभाई थी। पांच लाख के बजट में बनी राम राज्य ने करीब साठ लाख रुपये का बिजनेस किया था।

इसके बाद आई रामबाण में भी यह जोड़ी राम सीता की भूमिका में नजर आई थी। 1943 से 1950 तक, अदीब-समर्थ की स्क्रीन जोड़ी इतनी लोकप्रिय हो गई कि इसे धार्मिक प्रकाशनों के कवर और तमाम कैलेंडरों पर प्रदर्शित किया गया था।

1961 में आई बाबूभाई मिस्‍त्री निर्देशित संपूर्ण रामायण वाल्मीकि रामायण पर आधारित थी। उसमें महिपाल ने भगवान राम और अनीता गुहा ने उनकी अर्धांगिनी की भूमिका निभाई थी। यह फिल्‍म बॉक्‍स आफिस पर काफी सफल रही थी।

जब जीतेंद्र बने राम और जया प्रदा सीता

वर्ष 1997 में दिलीप कनिकरिया द्वारा निर्मित और वी मधुसूदन राव द्वारा निर्देशित हिंदी पौराणिक फिल्म लव कुश में जीतेंद्र ने भगवान राम, जयाप्रदा ने सीता की भूमिका निभाई थी। खास बात यह थी कि इस फिल्‍म में अरुण गोविल ने लक्ष्‍मण की भूमिका निभाई थी। हालांकि, फिल्‍म बाक्‍स आफिस पर खास कमाल नहीं दिखा पाई थी।

पिछले साल आई प्रभास और कृति सेनन अभिनीत अखिल भारतीय फिल्‍म आदिपुरुष भी रामायण पर आधारित थी। राम की भूमिका में हिंदी डबिंग में प्रभास को आवाज शरद केलकर ने दी थी।

फिल्‍मों के कुछ संवादों पर आपत्ति होने की वजह से फिल्‍म विवादों में घिर गई थी, लेकिन प्रभास की गिनती अवश्‍य उन अभिनेताओं में शुमार हो गई है, जिन्‍हें राम की भूमिका अभिनीत करने का सुअवसर मिला।

अभूतपूर्व रही राम बने अरुण गोविल की लोकप्रियता

स्क्रीन पर भगवान राम की भूमिका निभाने वाले सभी अभिनेताओं में सर्वाधिक लोकप्रियता अरुण गोविल को मिली। वह इससे पहले पहेली, सावन को आने दो, हिम्मतवाला और कुछ अन्य सफल हिंदी फिल्मों में भी दिखाई दिए थे।

साल 1987 में पहली बार प्रसारित हुए रामानंद के धारावाहिक रामायण में राम की भूमिका ने उनके करियर की दिशा ही बदल दी। उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि लोग उन्‍हें भगवान का दर्जा देने लगे थे। भगवान राम को लेकर उनकी छवि इतनी मजबूत हो गई थी कि निर्माता भी समझ नहीं पाते थे कि उन्‍हें किस भूमिका में कास्‍ट करें।

उस समय किसी ने कल्‍पना नहीं की थी कि राम की भूमिका में वह इतने लोकप्रिय हो जाएंगे। हालांकि, इसका नकारात्‍मक असर उनके करियर पर पड़ा। उन्‍हें काफी समय तक काम नहीं मिला। उनकी छवि ऐसी थी निर्माता उन्‍हें कास्‍ट करने को लेकर संशय में रहते थे।

उनके बाद अभिनेता गुरमीत चौधरी ने भी पौराणिक शो रामायण में भगवान राम के किरदार से प्रसिद्धि हासिल की थी। उसमें उनकी रियल पत्‍नी देबिना बनर्जी ने उनकी रील पत्‍नी सीता की भूमिका अभिनीत की थी। दोनों को उसमें पसंद किया गया था।

दक्षिण भारत में राम पर बनी इतनी फिल्में

दक्षिण भारत फिल्‍मों में भी कौशल्‍या पुत्र श्रीराम पर कई फिल्‍में बनीं। प्रख्‍यात तेलुगु अभिनेता सीनियर एनटीआर यानी एनटी रामाराव ने 'लव कुश', 'श्री रामंजनेय युद्धम' और 'सीता राम कल्याणम' समेत कई पौराणिक फिल्मों में अभिनय किया था। इनमें बतौर निर्देशक एनटीआर रामाराव की पहली फिल्‍म सीता राम कल्‍याणम थी।

1961 में प्रदर्शित हुई यह फिल्‍म बाक्‍स आफिस पर सफल रही थी। इसे सर्वश्रेष्‍ठ तमिल फिल्‍म का नेशनल अवार्ड भी मिला था। इस फिल्‍म में हरनाथ ने राम की जबकि सीनियर एनटीआर ने रावण की भूमिका अभिनीत की थी। उसके बाद 1963 में आई तेलुगु फिल्‍म लव कुश में उन्‍होंने भगवान राम की भूमिका अभिनीत की थी।

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यह तेलुगु सिनेमा की पहली कलर फीचर फिल्‍म भी थी। यह 1934 में इसी नाम से बनी फिल्‍म की रीमेक थी। दोनों ही फिल्‍मों का निर्देशन सी पुलैया ने किया था। इस फिल्‍म को तमिल और तेलुगु में एक साथ बनाया गया था। हालांकि, दोनों के कुछ कलाकार अलग थे। उसके बाद श्री रामंजनेय युद्धम में भी उन्‍होंने राम की भूमिका निभाईथी। यह फिल्‍म भगवान श्रीराम के प्रति हनुमान की भक्ति पर आधारित थी।

1972 में बापू द्वारा निर्देशित संपूर्ण रामायण में शोभन बाबू ने भगवान राम की मुख्य भूमिका निभाई थी और चंद्रकला ने सीता की भूमिका निभाई थी। यह फिल्‍म भी सफल हुई थी। इससे पहले तमिल में वर्ष 1958 में आई के सोमू द्वारा निर्देशित संपूर्ण रामायणम में राम की मुख्य भूमिका में एन. टी. रामाराव, सीता की भूमिका में पद्मनी और भरत की भूमिका में शिवाजी गणेशन थे।

सिनेमाघरों में यह फिल्‍म 264 दिनों से अधिक समय तक चली और सिल्वर जुबली मनाई। इस फ़िल्म को 1960 में रामायण नाम से हिंदी में डब किया गया था।

1997 की पौराणिक तेलुगु फिल्म 'बाल रामायणम' में बाल राम के पात्र में जूनियर एनटीआर थे। फिल्म का निर्देशन 'शकुंतलम' फिल्‍म के गुनाशेखर ने किया था और फिल्म ने उस वर्ष सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था।

उसके बाद साल 2011 में आई बापू द्वारा निर्देशित तेलुगु फिल्‍म श्री राम राज्‍यम में नंदमुरी बालकृष्ण ने भगवान राम की, नयनतारा ने सीता की भूमिका निभाई थी और श्रीकांत ने लक्ष्मण की भूमिका निभाई थी। फिल्‍म का खास आकर्षण इसका संगीत था, जिसे इलैया राजा ने तैयार किया था।

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