Move to Jagran APP

'बैटल ऑफ सारागढ़ी' के चलते डिप्रेशन का शिकार हो गए थे Randeep Hooda, बोले- 'लगा मेरी जिंदगी आधी कट गई'

Randeep Hooda ने बैटल ऑफ सारागढ़ी के लिए तीन साल मेहनत की लेकिन फिल्म नहीं बन पाई। तीन साल तक दाढ़ी न बनवाने वाले रणदीप हॉलीवुड फिल्म एक्सट्रैक्शन भी छोड़ने वाले थे। फिल्म डिब्बा बंद हो गई तो वह डिप्रेशन का शिकार हो गए थे। एक हालिया इंटरव्यू में अभिनेता ने बताया कि बुरे फेज में उनका क्या हाल हो गया था।

By Rinki Tiwari Edited By: Rinki Tiwari Updated: Sun, 24 Mar 2024 04:48 PM (IST)
Hero Image
रणदीप हुड्डा फिल्म के डिब्बाबंद होने के चलते हो गए थे डिप्रेस। फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम
 एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। रणदीप हुड्डा (Randeep Hooda) अपनी हालिया फिल्म स्वातंत्र्य वीर सावरकर (Swatantrya Veer Savarkar) को लेकर चर्चा में हैं। फिल्म में अभिनेता ने विनायक दामोदर सावरकर की भूमिका में जान फूंक दी। अभिनेता ने जिस तरह से इस फिल्म के लिए मेहनत की थी, वो उनकी परफॉर्मेंस में साफ झलक रही है।

खैर, ऐसा पहली बार नहीं है, जब रणदीप ने किसी फिल्म के लिए इतनी कड़ी मेहनत की हो। वह अपनी सभी फिल्मों के लिए जी जान लगा देते हैं। एक फिल्म के लिए तो उन्होंने तीन साल कड़ी मेहनत की, लेकिन मूवी डिब्बा बंद हो गई। इस चीज ने अभिनेता को इतनी बुरी तरह झकझोरा कि वह डिप्रेशन का शिकार हो गए। यह फिल्म थी- बैटल ऑफ सारागढ़ी।

फिल्म डिब्बा बंद होने पर डिप्रेस हो गए थे रणदीप हुड्डा

एक हालिया इंटरव्यू में रणदीप हुड्डा ने डिप्रेशन के फेज के बारे में बात की है। ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के साथ बातचीत में अभिनेता ने कहा, "बैटल ऑफ सारागढ़ी जैसी फिल्में देखीं, जहां मैंने 3 साल तक पूरी सिख दाढ़ी बढ़ाई थी, इसके लिए तैयारी की और वह फिल्म पूरी नहीं हुई। वह मेरे लिए बहुत बुरा समय था और मैं डिप्रेस हो गया था।"

Randeep Hooda

यह भी पढ़ें- Swatantrya Veer Savarkar Review: कुछ जवाब देती, कुछ सवाल उठाती वीरता की कहानी, किरदार में उतर गये रणदीप हुड्डा

हॉलीवुड मूवी छोड़ने वाले थे अभिनेता

रणदीप ने बताया कि फिल्म के डिब्बा बंद होने पर उन पर क्या बीती। उन्होंने कहा, "यह ऐसा था मानो जिंदगी आधी कट गई हो, मैंने इसके लिए एक्सट्रैक्शन (हॉलीवुड मूवी) को लगभग छोड़ ही दिया था। मैं एक बार स्वर्ण मंदिर गया था, जहां मैंने प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक फिल्म (बैटल ऑफ सारागढ़ी) अपने अंजाम तक नहीं पहुंच जाती, मैं अपने बाल नहीं कटवाऊंगा।"

तीन साल तक नहीं था कोई काम

रणदीप ने आगे कहा, "मगर ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद यह एक संघर्ष था, क्योंकि तीन साल तक मेरे पास कोई काम नहीं था। मेरा वजन बढ़ गया था, यह सब अजीब लग रहा था और मुझे नहीं पता था कि क्या करना है। फिर मैं इससे बाहर निकला, मेरे माता-पिता वाकई परेशान थे। फिर मैंने एक्सट्रैक्शन किया, लेकिन मैं वहां पूरी तरह नहीं था। मैं इस बुरे फेज से लड़ रहा था।"

Randeep Hooda Depression

बुरे फेज की वजह से आया ये बदलाव

रणदीप हुड्डा ने यह भी खुलासा किया कि कैसे बुरे फेज ने उन्हें बतौर अभिनेता कितना बदल दिया है। बकौल अभिनेता, "अगर मुझे जल्दी सफलता मिल गई होती तो मैं आज वह अभिनेता नहीं होता जो मैं हूं। मैंने प्रयास करना बंद कर दिया होता, लेकिन उस संघर्ष ने मुझे खुद को सबसे कठिन परिस्थितियों में और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित किया है।"

यह भी पढ़ें- धंसा पेट, उड़े बाल... Randeep Hooda की ऐसी हालत देख नहीं होगा आंखों पर यकीन, यूजर बोले- ये हैं इंडियन क्रिश्चियन बेल