Kangana Ranaut के बाद राजनीति में कदम रखेंगे Randeep Hooda, बोले- कई सालों से मैं...
बॉलीवुड अभिनेता रणदीप हुड्डा ने हाल ही में इंटरव्यू में अपने निर्देशन और लेखन को लेकर बात की है। इसके साथ ही एक्टर ने बताया है कि उन्होंने 15 से 20 शॉर्ट स्टोरी लिख ली है। जब रणदीप से राजनीति में शामिल होने को लेकर सवाल किया गया तो चलिए जानते हैं कि स्वातंत्र्य वीर सावरकर एक्टर ने क्या कहा है।
दीपेश पांडेय, मुंबई। फिल्म ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ से फिल्म निर्माण और निर्देशन में भी उतरे अभिनेता रणदीप हुड्डा को अब निर्देशन और लेखन का चस्का लग चुका है। वह आगे और भी कहानियां निर्देशित करना चाहेंगे। निर्देशन और लेखन के अनुभवों पर उनसे बातचीत के अंश...
बतौर निर्देशक क्या अपने ही काम को रिजेक्ट करना और रीटेक कहना आसान रहा?इस पर रणदीप (हंसते हुए) कहते हैं, ‘देखिए मैं फिल्मों में पिछले 23 साल से एक्टिंग कर रहा हूं। मैंने कभी अपने काम को मॉनिटर पर जाकर नहीं देखा था। मैंने हमेशा निर्देशक के नजरिए पर ही निर्भर रहकर काम किया है। ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ फिल्म में भी मैं अपनी परफॉर्मेंस और पात्र पर ध्यान बहुत कम दे पाया था, क्योंकि दूसरे लोगों पर और बाकी सारी चीजों पर भी ध्यान देना था।
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मेरे लिए तो अभी भी अपने टेक देखना बहुत मुश्किल होता है। शूटिंग के दौरान मैं अपने टेक तभी देखता था जब मुझे किसी सीन पर बहुत ज्यादा संदेह होता था, नहीं तो अपने अनुभवों के सहारे ही आगे बढ़ा। कैमरे के सामने और कैमरे के पीछे एक साथ दोनों काम करना बहुत मुश्किल होता है। अब संयोगवश निर्देशन का खून मेरे मुंह लग गया है तो अब लग रहा है कि आगे और फिल्में निर्देशित करनी पड़ेंगी।’