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Rashmika Mandanna के डीपफेक वीडियो मामले के बाद सरकार का कड़ा रुख, शिकायत के 24 घंटे के अंदर हटाना होगा कंटेंट

Government On Rashmika Mandanna Deepfake Controversy सोशल मीडिया पर फेक कंटेंट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में साउथ एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो वायरल हुए था। जिस पर एक्ट्रेस ने रिएक्ट करते हुए निंदा की थी। वहीं अब सोशल मीडिया पर फेक कंटेंट को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी की है।

By Vaishali ChandraEdited By: Vaishali ChandraUpdated: Wed, 08 Nov 2023 12:26 PM (IST)
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डीपफेक वीडियो मामले में सरकार ने किया कड़ा रुख, (X Images)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Government On Rashmika Mandanna Deepfake Controversy: रश्मिका मंदाना हाल ही में अपने डीपफेक वीडियो को लेकर चर्चा में आई थीं। एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी थी कि उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो डीपफेक है। रश्मिका मंदाना ने लीगल एक्शन भी लिया था। वहीं, अब सरकार की तरफ से इस तरह के मामले में कड़ा रुख लिया गया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी की है। जिसमें सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से कहा गया कि उन्हें इंटरनेट पर किसी भी तरह के डीपफेक या मॉर्फ्ड वीडियो को शिकायत मिलने के 24 घंटे के अंदर हटाना होगा, नहीं तो उन पर कार्रवाई हो सकती है।

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24 घंटे के अंदर लेना होगा एक्शन

न्यूज एंजेसी एएनआई की खबर के अनुसार, टॉप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम, एक्स और फेसबुक जैसी कंपनियों को शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर अपने प्लेटफॉर्म से डीपफेक और मॉर्फ्ड कंटेंट हटाने का निर्देश दिया है। ऐसा न करने पर आईटी नियमों के तहत प्लेटफॉर्म के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

धोखाधड़ी पर मिलेगी क्या सजा

एडवाइजरी में इस तरह की धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सजा तय की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 66 डी में कंप्यूटर संसाधन का उपयोग करके धोखाधड़ी करते पाए जाने वालों को तीन साल तक की कैद और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

कोर्ट जा सकता है पीड़ित

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को एक्स पर मंदाना के डीपफेक वीडियो पर रिएक्ट किया था। उन्होंने कहा था कि सोशल मीडिया कंपनियां किसी भी गलत सूचना को हटाने के लिए बाध्य है। राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “आईटी नियम, 2021 के तहत किसी भी यूजर द्वारा गलत सूचना के प्रसार को रोकना ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए एक कानूनी दायित्व है। किसी यूजर या गवर्नमेंट अथॉरिटी की तरफ से इस तरह के कंटेंट को हटाने का आदेश मिलने पर प्लेटफॉर्म को एक्शन लेना अनिवार्य है। अगर कंपनी ऐसा नहीं कर पाई, तो नियम 7 लागू हो जाएगा, जो पीड़ित व्यक्तियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधानों के तहत अदालत में जाने का अधिकार देती है।"

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आईटी मंत्री ने पुलिस में जाने की दी सलाह

उन्होंने आगे कहा, "ये जरूरी है कि प्लेटफॉर्म इस खतरे से निपटने के लिए सक्रिय कदम उठाए। जो लोग खुद को डीपफेक से प्रभावित पाते हैं, मैं आपको अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के तहत दिए गए उपायों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करता हूं।"