Move to Jagran APP

बॉलीवुड फिल्में क्यों नहीं दिखा पा रही साउथ जैसा कमाल? 'कांतारा' के ऋषभ शेट्टी ने बताया कहां हो रही गलती

Rishab Shetty ऋषभ शेट्टी की फिल्म कांतारा बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाढ़ रही है। पिछले कई समय से बॉलीवुड की फिल्में खास कमाल नहीं दिखा पा रहीं। आखिर हिंदी फिल्म मेकर्स से कहां गलती हो रही है इसका जवाब दिया है ऋषभ शेट्टी ने।

By Karishma LalwaniEdited By: Updated: Sun, 06 Nov 2022 09:46 AM (IST)
Hero Image
Poster of Rishab Shetty Blockbuster Film Kantara
नई दिल्ली, जेएनएन। Rishab Shetty Reveals Why Hindi Films Are Not Working: 'कांतारा' फेम ऋषभ शेट्टी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनकी फिल्म इतनी बड़ी ब्लॉकबस्टर बनेगी कि, उन्हें बॉलीवुड से ऑफर मिलने शुरू हो जाएंगे। क्षेत्रीय लोक कथाओं और रीति-रिवाजों की कहानी को लेकर गढ़ी गई फिल्म की कहानी हर किसी को पसंद आ रही है। आज यह कन्नड़ सिनेमा की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई है। फिल्म की सफलता को देख बॉलीवुड मेकर्स ऋषभ शेट्टी के साथ काम करने के इच्छुक बन गए हैं। लेकिन उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया है। उन्होंने बताया कि क्यों हिंदी सिनेमा का पहले की तरह दर्शकों पर मैजिक नहीं चल पा रहा।

क्यों पिछड़ रहा बॉलीवुड

'कांतारा' फिल्म मात्र 16 करोड़ के बजट से बनी है। लेकिन इसने कमाई के मामले में हिंदी फिल्मों को भी धूल चटा दी है। बॉलीवुड कहां साउथ की फिल्मों के जैसी सफलता पाने में क्यों नाकामयाब हो रहा है, इसका जवाब ऋषभ शेट्टी ने एक इंटरव्यू में दिया है। ऋषभ शेट्टी के मुताबिक इस सवाल का जवाब छुपा है हमारे कल्चर में।

हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में ऋषभ ने बताया कि जब वह किसी फिल्म का बैकग्राउंड लिखते हैं, तो वह उस दुनिया को चुनते हैं, जो उन्होंने देख रखी हो। यह वह फिल्म हैं, जिसमें हीरो है, विलेन है, थोड़ा सा रोमांस हैं और बाकी वह चीजें भी हैं, जो आमतौर पर किसी भी फिल्म मे में होती हैं। बाकी जो इसमें नया है वह है इसका बैकग्राउंड, फिल्म की लेयर्स और पैकेजिंग।

गांव की कहानी को दिखाया फिल्म में

ऋषभ ने बताया कि जब यह सारी चीजें एक साथ आती हैं, तो फील तैयार करती हैं। उन्होंने जो कहानी दिखाई है, वह उनके गांव की कहानी है। कुछ ऐसा जो उन्होंने बचपन में देख रखा है, तो उन्होंने इसे ही फिल्म में पेश किया। ऋषभ ने कहा- मैं हमेशा कहता हूं कि आप जितना रीजनल होंगे उतने ही यूनिवर्सल होंगे। अगर कोई फिल्ममेकर अपने रीजन में कल्चर नहीं ढूंढ पा रहा है, तो वह काम नहीं कर पाएगा। बॉलीवुड के फिल्म मेकर इन दिनों एक बड़ी गलती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फिल्में ऑडियंस के लिए बनाई जाती हैं, अपने लिए नहीं। हमें उन्हें और उनकी भावनाओं को जेहन में रखना चाहिए। बतौर फिल्ममेकर यह देखना होगा कि लोगों के जीने का तरीका क्या है।

यह भी पढ़ें: Rishab Shetty: कांतारा फेम ऋषभ शेट्टी ने ठुकराया बॉलीवुड का ऑफर? हिंदी सिनेमा में डेब्यू को लेकर बोल दी ये बात

यह भी पढ़ें: Kantara के ऋषभ शेट्टी कभी फिल्म इंडस्ट्री में करते थे क्लैप बॉय का काम, अब उनकी बनाई फिल्म ने कमाये 305 करोड़