कॉलेज में गर्लफ्रेंड ने दिल तोड़ा तो देवदास बन गए थे Rishi Kapoor, ताज होटल में लोगों को बांटी फ्री ड्रिंक्स
प्रेम कहानियों का संजीदा नायक भय पैदा करने वाला खलचरित्र या चरित्र भूमिकाओं में ढलने की कला सभी में माहिर थे ऋषि कपूर। अभिनय से इतर जो बात उन्हें खास बनाती थीवह उनकी बेबाकी थी। जीतेंद्र के साथ उन्होंने फिल्म ‘कुछ तो है’ की थी। इसकी निर्देशक एकता कपूर थी फिल्म रिलीज हुई तो बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कमाल नहीं कर पाई। ऋषि ने इसके लिए उन्हें बहुत डांट लगाई।
कीर्ती सिंह, मुंबई। ‘प्रेम तो वो रोग है जो आसानी से लगता नहीं और जब लग जाता है तो कभी मिटता नहीं।’ फिल्म ‘प्रेम रोग’ में ऋषि कपूर के इस संवाद पर सिनेमाघरों में दर्शकों ने खूब तालियां बजाई थीं। पर्दे का यह संवाद उनके वास्तविक जीवन का सच बन गया। फिल्मों में उनकी नायिकाएं बदलती रहीं,पर प्रेम में डूबे नायक के हर पात्र को वह जीवंत कर देते थे। उससे इतर जब असल जीवन में किसी के प्रति आकर्षित हुए तो उसका वाकया भी दिलचस्प था।
ऋषि कपूर से जुड़ी स्मृतियों के बारे में हमसे बात की उनके बचपन के दोस्त और फिल्मकार राहुल रवेल ने। आइए जानते हैं बातचीत के कुछ अंश।
कॉलेज में यास्मीन ने तोड़ा दिल
कॉलेज के दिनों की साथी यास्मीन ने जब उनका दिल तोड़ा तो देवदास बन गए। मुंबई के ताज होटल पहुंचे और ड्रिंक करने के बाद वहां मौजूद लोगों को भी अपनी ओर से ड्रिंक ऑफर करने लगे। राहुल ने बताया कि दोस्त का मनोबल बनाए रखने के लिए उस वक्त वो भी उनके साथ थे। बार बंद होने के समय जब बिल चुकाने की बारी आई तो पैसे कम पड़ गए। होटल वालों ने रोक लिया फिर किसी तरह एक दोस्त के माध्यम से पैसे का इंतजाम किया गया और बिल चुकाया। बाद में हम इस घटना को याद करके मुस्कुराते भी थे। हालांकि बाद में जब ऋषि जी को कई फिल्मों में उनके साथ काम कर चुकीं अभिनेत्री नीतू सिंह से प्यार हुआ तो फिर कभी किसी के साथ उनका नाम नहीं जुड़ा।यह भी पढ़ें: जब Rishi Kapoor ने पिता राज कपूर और नरगिस के अफेयर पर की थी बात, बोले- शादीशुदा लोगों के साथ हो जाते हैं हादसे
राज कपूर का बहुत सम्मान करते थे ऋषि
ऋषि अपने पिता राज कपूर का इतना सम्मान करते थे कि उनके सामने सिगरेट को हाथ नहीं लगाते थे। उनके फ्रेंड ने कहा, 'एक बार मैं और चिंटू (ऋषि कपूर को बचपन में प्यार से दिया नाम) लंदन में स्टेशन पर ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहे थे। चिंटू ने सिगरेट सुलगाई ही थी कि अचानक उनके चेहरे का रंग बदल गया। जल्दी में सिगरेट तुरंत बुझा दी। मैंने पूछा कि क्या हुआ,तो उन्होंने कहा कि सामने एयर इंडिया की ड्रेस में उन्होंने उसके क्रू मेंबर को आते देखा है,अगर उन्होंने राज साहब को बता दिया तो वह कितना नाराज होंगे।'