Aayush Sharma: 'आप सलमान खान की नकल करते हैं', जब फिल्मों को लेकर आयुष शर्मा को सुननी पड़ी ये बात
आयुष शर्मा ( Aayush Sharma) की फिल्म रुसलान (Ruslaan) रिलीज होने वाली है। इस फिल्म से सलमान खान (Salman Khan) का कोई जुड़ाव नहीं है। ऐसे में यह फिल्म आयुष शर्मा के लिए बड़ी परीक्षा होगी। उनके पिता अनिल शर्मा मंडी से विधायक हैं और दादा पंडित सुखराम कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री थे। आयुष से उनकी फिल्म और राजनीतिक जुड़ाव पर बातचीत...
दीपेश पांडेय, मुंबई ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक परिवार से आने वाले अभिनेता आयुष शर्मा की तीसरी फिल्म रुसलान 26 अप्रैल को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी। इससे पहले की उनकी दोनों फिल्मों लवयात्री और अंतिम द फाइनल टूथ से उनके साले और सुपरस्टार सलमान खान जुड़े रहे हैं। रुसलान से सलमान का कोई जुड़ाव नहीं है। ऐसे में यह फिल्म आयुष के लिए बड़ी परीक्षा होगी। उनके पिता अनिल शर्मा मंडी से विधायक हैं और दादा पंडित सुखराम कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री थे। आयुष से उनकी फिल्म और राजनीतिक जुड़ाव पर बातचीत...
यह भी पढ़ें- Salman Khan: नहीं थमेगी सलमान खान की 'दबंगई', इन प्रोजेक्ट्स के साथ भाईजान फिर बनेंगे बॉक्स ऑफिस के 'सिकंदर'
अंतिम द फाइनल टूथ के बाद विकल्प तो काफी रहे होंगे, फिर रुसलान क्यों ?
कलाकारों के साथ अक्सर होता है कि जब उनका कोई काम पसंद किया जाता है, तो वे उसी तरह का काम करने लगते हैं। मुझे वह नहीं करना था। ‘अंतिम' के बाद मुझे गैंगस्टर और निगेटिव भूमिकाओं वाली कई फिल्मों के प्रस्ताव मिले, लेकिन मैंने नहीं किया। रुसलान की कहानी को हमने 'अंतिम' रिलीज होने से पहले ही लॉक की थी। इसकी बातचीत साल 2019 में शुरू हो गई थी। हर फिल्म में नायक कभी देश, कभी प्यार, तो कभी अपनों के लिए लड़ रहा होता है, लेकिन इसका नायक अपनी पहचान के लिए लड़ रहा है।
आपका परिचय सलमान खान के साथ जोड़कर दिया जाता है, ऐसे में सिनेमा में अपनी पहचान बनाने का सफर कैसे देखते हैं?
अपनी पहचान बनाना जरूरी है। मुझे इस बात का कोई मलाल नहीं है कि मेरा परिचय किसी बड़े सुपरस्टार के साथ जोड़कर दिया जाता है। मैं हमेशा इसे अपनी खुशकिस्मती मानता हूं। 'अंतिम' मैं ना जाने कितने लोगों ने मेरा काम देखा, क्योंकि उसमें सलमान भाई थे। उनकी वजह से मुझे एक प्लेटफार्म मिला। मैं उनका नाम इस तरह आगे बढ़ाना चाहता हूं कि उन्हें मुझ पर गर्व हो। कभी-कभी तो कमर्शियल मसाला फिल्मों को लेकर मेरी पसंद देखकर लोग मुझे कहते हैं कि आप उनकी नकल करते हैं। मैं उनकी नकल नहीं करता हूं, मैं अपनी पहचान ढूंढ रहा हूं।
आपने अपने पिता को अपने प्रशंसकों और सिनेमा जगत से मिल रहा प्यार कभी दिखाया ?
जी हां। वो मेरे साथ फिल्म अंतिम : द फाइनल टूथ के प्रीमियर पर थे। पहले तो ट्रेलर देखकर उन्होंने कहा कि तुमने ये क्या मवाली का रोल पकड़ लिया। प्रीमियर के दौरान क्लाइमेक्स सीन मैंने पहली बार अपने पिता को रोते हुए देखा। फिल्म खत्म होने के बाद जैसे ही लाइटें जलीं तो उन्होंने सबसे पहले मुझे गले लगा लिया, उन्हें लगा कि मानो मुझे सच में गोली लग गई। वह भावुक हो गए। उसके बाद अब मेरे लिए पिता जी कहते हैं कि बाप नेता, बेटा अभिनेता ।
क्या इस फिल्म को अपनी असली परीक्षा मानेंगे?
जी हां। वैसे मैं जब तक फिल्म इंडस्ट्री में हूं हर शुक्रवार मेरी परीक्षा होगी। फिर वह फिल्म सलमान खान के साथ हो या उनके बिना हो। मैं इस बात को लेकर उत्साहित नहीं हूं कि मैंने यह फिल्म अपने परिवार (सलमान) के बिना की है, बल्कि मैं यह चाहता हूं कि जब यह फिल्म रिलीज हो तो मेरा परिवार मुझ पर गर्व करे।
रूसलान फिल्म के एक्शन के लिए किस तरह तैयारी की ?
इसके लिए सबसे पहले तो मुझे पतला होना पड़ा, क्योंकि रुसलान ऐसा किरदार है कि अगर उसने कपड़े पहने हैं, तो लोगों को पता नहीं चलना चाहिए कि कपड़ों के नीचे उसकी बॉडी कैसी है। मेरे लिए बॉडी से ज्यादा महत्वपूर्ण गति थी । रुसलान बहुत तेज लड़ता है। हमारी इस फिल्म में सात अलग- अलग तरीके के एक्शन है। मेरे लिए शॉट गन, चाकू, कुल्हाड़ी आदि हथियारों के साथ ट्रेनिंग बहुत मुश्किल रही।
इन दिनों चुनावी माहौल में मंडी काफी चर्चा में हैं, तो चुनाव में कितना जुड़ना हो पाता है ?
मेरा परिवार मंडी में पिछले 70 वर्षों से राजनीति में है। मैं मंडी का बच्चा हूं, सभी वहां आज भी मुझे अपने बच्चे की तरह ही मानते हैं। (हंसते हुए) अगर मैं मंडी में जाकर स्टेज पर खड़ा हो जाऊं तो लोग बोलेंगे कि भाई, घर आया है नीचे उतर जा, यहां सब अपने ही लोग हैं। राजनीति से मैं इतना ज्यादा नहीं जुड़ता, क्योंकि न कभी मेरे परिवार ने मुझे बुलाया, न उन्हें मेरी जरूरत पड़ी। बाकी मंडी तो हमेशा से चर्चा में रहा है, वो हमारे यहां की छोटी काशी है।
यह भी पढ़ें- Bade Miyan Chote Miyan के फ्लॉप होने पर मानुषी छिल्लर ने तोड़ी चुप्पी, बताया असफलता में खुद को कैसे किया शांत
पहली बार वोट डालने का क्या अनुभव था ?
जब मैं पहली बार वोट डालने गया था तो लौटने के बाद अपने पिता जी से मजाक में कहा कि घर जाकर मुझे चॉकलेट मिलेगी क्या? वोट डालने के बदले में आपने मेरे लिए क्या किया है? फिर पिता जी ने भी मजाक में कहा कि बेटा मैंने तुम्हें पैदा किया, पढ़ाया- लिखाया और बड़ा किया, तुम इसके लिए मुझे वोट डालो।