Sai Pallavi ने माता-पिता संग किए बाबा अमरनाथ के दर्शन, मुश्किल रास्तों से भरी यात्रा का अनुभव किया शेयर
Sai Pallavi Amarnath Yatra साउथ एक्ट्रेस साई पल्लवी अपने माता-पिता के साथ अमरनाथ के दर्शन करने गईं। एक्ट्रेस ने इस कठिन यात्रा का अनुभव शेयर किया है। उनका कहना है कि ये यात्रा उनके और उनके माता-पिता के लिए बहुत कठिन थी। उन्होंने एक वीडियो में अमरनाथ की कठिन यात्रा की झलक भी दिखाई है। यहां देखिए एक्ट्रेस का पोस्ट।
बाबा अमरनाथ के दर्शन करने गईं साई पल्लवी
बूढ़े माता-पिता के लिए मुश्किल थी यात्रा
"अमरनाथ यात्रा, मैं उनमें से हूं, जो अपने निजी विचार किसी के साथ शेयर नहीं करती हूं, लेकिन मैं इस तीर्थयात्रा के बारे में लिखना चाहती हूं, जिसे मैं लंबे समय से करना चाहती थी। अपने 60 साल के माता-पिता को इस यात्रा में लाना इमोशनल रूप से एक टेस्ट करने जैसा है, जिसे कोई समझा नहीं सकता है। उन्हें हांफते हुए और अपनी छाती पकड़कर, बर्फ के बीच फिसलन भरे रास्तों पर ब्रेक लेते हुए देखकर मैंने सर्वशक्तिमान भगवान से सवाल किया, आप इतनी दूर क्यों हैं?"
साई पल्लवी को कैसे मिली हिम्मत?
साई पल्लवी ने आगे बताया कि उन्हें अमरनाथ की यात्रा करने की हिम्मत कैसे मिली। एक्ट्रेस ने अपने नोट में आगे लिखा,"और जब दर्शन करके वापस आई तो मुझे जवाब मिल गया। जैसे ही मैं पहाड़ी से नीचे गई, मैंने कुछ आश्चर्यजनक देखा। जब लोगों ने देखा कि कुछ यात्री हार मानने की कगार पर हैं, तो वे एक लंबी सांस लेते हैं और 'ओम नमः शिवाय' का जाप करते हैं तो वे लोग भी जाप करने लगते हैं और खुद को ऊपर ले जाते हैं। ऐसा जारी रहता है। पवित्र गुफा में भोले नाथ की पूजा करने की इच्छा पूरी करने के लिए घोड़े और गांव वाले यात्रियों को उठाकर ले जाते हैं।"
"हम जैसे लाखों श्रद्धालुओं के लिए इस यात्रा को यादगार बनाने वाले श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के सभी लोगों को मेरा प्रणाम! निस्वार्थ सेवा, बलिदान और कर्तव्य की भावना से हर समय हमारी रक्षा करने के लिए सेना, सीआरपीएफ, पुलिस को धन्यवाद।"
"यह जगह बहुत शक्तिशाली है, क्योंकि यह निस्वार्थ सेवा की गवाह है। हमारी संपत्ति, सुंदरता और शक्ति के बावजूद, यह एक स्वस्थ शरीर, मजबूत दिमाग और एक दिल है, जो दूसरों की मदद करता है, जो पृथ्वी पर हमारी यात्रा को जीने लायक बनाता है।"
साई पल्लवी की अमरनाथ यात्रा की तस्वीरें और वीडियो को सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है।"अमरनाथ यात्रा ने मेरी इच्छा शक्ति को चुनौती दी, मेरे शरीर को टेस्ट किया और मुझे साबित कर दिया कि यह जीवन खुद में एक तीर्थयात्रा है और अगर हम एक-दूसरे के लिए नहीं हैं, तो हम एक मृत जाति हैं।"