मधुबाला का इश्क भी नहीं डिगा सका था सायरा बानो का इरादा, हर हाल में बनना था मिसेज दिलीप कुमार
दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के निधन के बाद से ही सायरा बानो (Saira Banu) सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाली हैं। अपने करियर के दिनों की पुरानी यादें हों या फिर दिलीप कुमार को लेकर दीवानगी वह मजेदार किस्सों से फैंस के बीच छाई रहती हैं। एक हालिया पोस्ट में उन्होंने दिलीप कुमार के लिए मधुबाला (Madhubala) के इश्क का जिक्र किया है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। फिल्मी दुनिया में कई ऑन-स्क्रीन कपल के इश्क की खबरें सुर्खियों में रहीं। इसमें मधुबाला (Madhubala) और दिलीप कुमार (Dilip Kumar) भी शामिल हैं। संगदिल से लेकर मुगल-ए-आजम और तराना जैसी फिल्मों में साथ काम कर चुके मधुबाला और दिलीप के अफेयर की चर्चा पूरी इंडस्ट्री में हुआ करती थी। मगर यह प्यार ज्यादा टिक नहीं सका। बाद में दिलीप ने 1966 में सायरा बानो (Saira Banu) से शादी कर ली थी।
सायरा बानो, दिलीप कुमार की बहुत बड़ी फैन थीं और वह उस वक्त से उन्हें चाहती थीं, जब उनका नाम मधुबाला के साथ जुड़ा था। मगर सायरा को यकीन था कि भले ही कई अभिनेत्रियां दिलीप कुमार पर मरती हों, लेकिन बीवी तो सिर्फ वही बनेंगी। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वालीं 79 साल की सायरा बानो ने एक हालिया पोस्ट के जरिए पुराना किस्सा शेयर किया है।
दिलीप को अपना दीवाना बनाना चाहती थीं सायरा
सायरा बानो ने अपने हालिया पोस्ट के जरिए दिलीप कुमार से पहली मुलाकात का किस्सा सुनाया है। उन्होंने सोमवार को किए गए पोस्ट में बताया था कि जब उन्हें मुगल-ए-आजम के प्रीमियर में जाने का मौका मिला, तब वह बहुत एक्साइटेड थीं क्योंकि वह पहली बार दिलीप कुमार से मिलने वाली थी। हफ्तों से वह अपने लंबे बालों को चमकाने के लिए ऑइलिंग करती थीं और धूप में बैठती थीं और सेल्फ केयर करती थीं, ताकि जब दिलीप उन्हें देखें तो दीवाने हो जाए।
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भारी-भरकम साड़ी पहन मिलने गई थीं सायरा
अब एक हालिया पोस्ट में उन्होंने आगे की कहानी बताई है। सायरा बानो ने कहा कि प्रीमियर में जाने के लिए उन्होंने अपनी मां की भारी गोटा लगी भारी-भरकम साड़ी पहनी थी। फिर भी उन्होंने अपनी मां की मदद से गोटा लगी भारी साड़ी पहनी और बहादुरी के साथ प्रीमियर में गईं। वह उस साड़ी को संभाल भी नहीं पा रही थीं, लेकिन वह पीछे हटने को तैयार नहीं थीं।
मधुबाला के इश्क से वाकिफ थीं सायरा बानो
सायरा बानो ने आगे लिखा, "मैंने कई सालों तक हवाई महल बनाए थे और मैं खूबसूरत मधुबाला समेत सभी सुंदर महिलाओं से वाकिफ थी जो साहब (दिलीप कुमार) में रुचि रखती थीं, लेकिन क्या आपको लगता है कि कोई भी चीज मुझे मिसेज दिलीप कुमार बनने के मेरे सपने से रोक सकती है?"
मराठा मंदिर में 5 अगस्त 1960 को सायरा बानो, दिलीप कुमार को पहली नजर देखने के लिए बेताब थीं। वह इधर-उधर सिर्फ दिलीप को ही ढूंढ रही थीं, लेकिन उन्हें अपने साहब की एक झलक नहीं दिखी। इस चीज से वह बहुत दुखी हो गई थीं।
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