कुछ इस तरह मनाई जाती थी Dilip Kumar और Saira bano के घर ईद, शामिल होता था पूरा बॉलीवुड
ईद के मौके पर सायरा बानो ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने दिखाया है कि वह और साहब कैसे ईद मनाते थे। इस वीडियो में कई सेलेब्स भी नजर आ रहे हैं। इसी के साथ एक्ट्रेस एक लंबा चौड़ा नोट भी लिखा है जिसमें उन्होंने बताया है कि शादी से पहले और शादी के बाद वह कैसे ईद मनाती थी।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। आज 11 अप्रैल को देशभर में ईद का त्योहार मनाया जा रहा है। ईद की रौनक से फिल्म इंडस्ट्री भी जगमगा रही है। सेलेब्स सोशल मीडिया पर अपने ईद सेलिब्रेशन की फोटोज शेयर कर फैंस को मुबारकबाद दे रहे हैं।
इसी बीच एक्ट्रेस सायरा बानो ने एक पुराना और बेहद खास वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने दिखाया है कि वह और साहब कैसे ईद का जश्न मनाते थे। इस वीडियो में लता मंगेशकर, सुनील दत्त, धर्मेंद्र, बच्चन परिवार, सलमान खान सहित अन्य सेलेब्स भी नजर आ रहे हैं। इसी के साथ एक्ट्रेस एक लंबा चौड़ा नोट भी लिखा है।
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सायरा और दिलीप कुमार की ईद
सायरा बानो ने जब से इंस्टाग्राम पर डेब्यू किया है वह रोजाना अपना और दिलीप कुमार का एक अनसुना किस्सा जरूर फैंस के साथ साझा करती हैं। ईद के मौके पर भी कुछ ऐसा ही हुआ। एक्ट्रेस ने लिखा- हमारे बचपन से, जो हमने आंशिक रूप से भारत में और आंशिक रूप से लंदन में बिताया। मुझे और मेरे सुल्तान भाई को सभी त्योहार मनाने और आस-पड़ोस में सभी खुशी के अवसरों के उत्सव में भाग लेने की आजादी थी।
हम अपनी भारतीय संस्कृति और रीति-रिवाजों से इतनी गहराई से जुड़े हुए थे कि हमें यह बताने की जरूरत नहीं थी कि त्यौहार किस बारे में हैं। हम मुंबई के महानगरीय सामाजिक परिवेश में आसानी से घुस गए। हमने रमजान के महीने की शुरुआत की और रोजे रखे, प्रार्थना की जैसे हमें करनी चाहिए। हम अपने दोस्तों को इस दिन के जश्न में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने के लिए उत्सुकता से ईद का इंतजार करते थे।
'ईद मेरे लिए एक उत्सव बन गई'
एक्ट्रेस ने आगे लिखा- हालांकि, दिलीप साहब से मेरी शादी के बाद ईद मेरे लिए एक उत्सव बन गई। हमारा घर फिल्म उद्योग के हमारे सभी दोस्तों के साथ-साथ भारत के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों के दोस्तों के बड़े सामाजिक समूह के लिए उत्सव का केंद्र बन गया। एक संगीत वाला बैंड सुबह-सुबह फिल्मों के गाने बजाने के लिए आ जाता था और हम ड्रम और बिगुल की आवाज से जाग जाते थे। साहेब बांटने और देने में विश्वास करते थे और उनके जैसे सरल और प्रेमपूर्ण लोगों की संगति में रहने से ज्यादा खुशी उन्हें किसी और चीज से नहीं मिलती।
हमारे उत्सव किसी शास्त्रीय वादक के संगीत और गायन के बिना कभी पूरे नहीं होते थे। मेरे पास यादों का खजाना है जो कभी नहीं मिटेगा। यह कहना पर्याप्त है, प्रिय दोस्तों, उन अच्छे समय के लिए धन्यवाद, जिनका हमने आनंद लिया और वे हमारे दिलों में बने रहेंगे। हमें शांतिपूर्ण समय और अच्छे स्वास्थ्य और सद्भाव से भरा जीवन मिले। ईद मुबाकर।यह भी पढ़ें- सायरा बानो ने धर्मेंद्र के किए कराए पर फेरा था पानी, ही-मैन ने सोशल मीडिया पर बताई पूरी कहानी