'कई सालों तक काम नहीं मिला', 10 वर्ष के फिल्मी करियर को लेकर Saiyami Kher ने की खुलकर बात
फिल्म इंडस्ट्री में एक दशक पूरा करने वाली सैयामी खेर लगातार विविधतापूर्ण भूमिकाओं में नजर आ रही हैं। फिल्म ‘8 ए.एम. मेट्रो’ के बाद जल्द ही वह फिल्म ‘अग्नि’ में नजर आएंगी। सिनेमा के साथ वह ओटीटी पर भी सक्रिय हैं। फिल्मों में एक दशक के सफर सिनेमा को लेकर पसंद प्रमोशन के मौजूदा चलन व निजी जीवन को लेकर उन्होंने खुलकर बात की है।
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई डेस्क। अभिषेक बच्चन के साथ स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म घूमर से फैंस का दिल जीतने वालीं एक्ट्रेस सैयामी खेर किसी अलग पहचान की मोहताज नहीं हैं। हाल ही में सैयामी की फिल्म 8 एम मेट्रो ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई है और आने वाले वक्त में वह फिल्म अग्नि में दिखेंगी। इस बीच सैयामी ने अपने 10 साल के फिल्मी करियर को लेकर खुलकर बात की है।
आप इंडस्ट्री में एक दशक पूरा करने के करीब हैं,यह सफर कैसा रहा?
सैयामी खेर ने कहा है- सफर तो मजेदार रहा। कई उतार-चढ़ाव आए। विफलता से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वो अनुभव हमेशा काम आते हैं। ‘मिर्जिया’ के बाद कई वर्ष तक काम नहीं था। फिर जब काम मिलना शुरू हुआ तो काम की कमी नहीं हुई। मैं गिलास को हमेशा आधा भरा देखती हूं। मैं उसका सकारात्मक पक्ष देखती हूं। उस फिल्म के निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने सिखाया था कि अपने काम से काम रखो। अपने काम को मांजते रहो।
कोशिश वही रही है कि अपने काम को और बेहतर करूं। ‘मिर्जिया’ के बाद मैंने गुलजार साहब के साथ दोबारा ‘8 ए.एम. मेट्रो’ फिल्म की। वह मेरे लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं रही। उसमें उनकी कविता पढ़ी। कोशिश हमेशा यही रही कि नए और चुनौतीपूर्ण पात्र करूं। बेहतर काम करने की कोशिशें आगे भी जारी रखूंगी। आपकी पहली फिल्म सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई, उसके बाद ओटीटी पर अधिक काम आ रहा है। सिनेमा में फिल्म के प्रदर्शन को कितना आवश्यक मानती हैं?
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बतौर कलाकार तो हमारी इच्छा यही होती है कि हमारा काम अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे। वो भले ही सिनेमाघरों के माध्यम से पहुंचे या ओटीटी। काम बस पहुंचना चाहिए। कुछ फिल्में ओटीटी के लिए ही अच्छी रहती हैं, वहां से उनकी पहुंच काफी बढ़ जाती है और कुछ सिनेमाघरों के लिए होती हैं। मुझे उम्मीद है कि लोग सिनेमाघरों में जाकर फिल्म देखना जारी रखेंगे। बतौर कलाकार मेरा काम यह है कि भूमिका के साथ न्याय करूं।