एंग्री यंग मेन नाम से आई सलीम खान और जावेद अख्तर की डॉक्यूमेंट्री में उनके संघर्ष और सफलता की कहानी दिखाई गई है। इस जोड़ी के बाद लेखन के मामले में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं आया जो इन्हें टक्कर दे सके। पर्दे पर किरदारों को इन्होंने ऐसे गढ़ा कि सिनेमा की परिभाषा ही बदल गई। आज बात इसी खूबसूरत जोड़ी की।
एंटरटेनमेंट डेस्क,नई दिल्ली। सलीम जावेद की जोड़ी अपने जमाने की सुपरहिट जोड़ी है। इस जोड़ी ने हिंदी सिनेमा को एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक फिल्में दी हैं। एक इंटरव्यू में जावेद अखतर ने बताया था कि सलीम खान कहानी लाते थे और राइटर डायलॉग लिखते थे। इन्हीं के आने के बाद से फिल्मों में लेखकों को तवज्जो मिलने लगा।
इस जोड़ी के बारे में कई ऐसे किस्से हैं जिनसे आज की जनता अनजान है। हाल ही में इसी को लेकर एक वेब सीरीज भी बनाई गई जिसका नाम एंग्री यंग मैन है। इस सीरीज में दोनों के जीवन की कहानी दिखाई गई है और यह 20 अगस्त को अमेजन प्राइम पर रिलीज हो चुकी है।
एक साथ 24 फिल्मों में किया काम
इस जोड़ी ने हमें अंदाज, हाथी मेरे साथी, सीता और गीता, जंजीर, यादों की बारात, दीवार, शोले और डॉन जैसी कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं। इन्होंने साथ में कुल 24 फिल्मों में काम किया। इनमें से 22 फिल्में जबरदस्त हिट रहीं लेकिन 2 बुरी तरह पिट गईं।
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ये दो फिल्में हुईं फ्लॉप
साल 1975 में आई फिल्म ‘आखिरी दांव’ का लेखन भी सलीम-जावेद ने किया था। इस फिल्म में जीतेंद्र,सायरा बानो लीड रोल में थे। इनके अलावा फिल्म में डैनी डेंगजोग्पा, पद्म खन्ना और रंजीत भी दिखाई दिए थे। फिल्म का निर्देशन ए सलाम ने किया था। इसके बाद साल 1977 में आई शशि कपूर, संजीव कुमार, अमिताभ बच्चन, रेखा, अपर्णा सेन, हेलन और प्रेम चोपड़ा जैसे दिग्गज सितारों से सजी फिल्म ‘ईमान धरम’ भी कोई कमाल नहीं कर पाई।
बागबान के लिए नहीं मिला क्रेडिट
वहीं साल 1982 में किसी कारणवश ये जोड़ी अलग हो गई। इनके अलग होने के बाद उनकी दो फिल्में आईं जमाना जोकि साल 1985 में रिलीज हुई और मिस्टर इंडिया जोकि 1987 में रिलीज हुई। लेकिन ये बात बहुत ही कम लोग जानते हैं कि सफल साझेदारी के 21 साल बाद सलीम खान और जावेद अख्तर साल 2003 में फिर दोबारा साथ आए। फिल्म का नाम था बागबान। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी ने लीड रोल निभाया था जबकि सलमान खान का फिल्म में स्पेशल अपियरेंस था।
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अलग होने के बाद लिखे थे डायलॉग
अगर आपने फिल्म देखी होगी तो आपको पता होगा कि क्लाइमेक्स सीन में दो दमदार स्पीच हैं। एक सलमान खान बोलते हैं और दूसरा अमिताभ बच्चन। बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के अनुसार सलमान खान ने जो स्पीच बोला था वो सलीम जावेद ने लिखा था जबकि अमिताभ का स्पीच जावेद अख्तर ने लिखा था। इसके लिए सलमान ने पिता सलीम खान को और अमिताभ ने जावेद अख्तर साहब को मनाया था। हालांकि इसके लिए दोनों को क्रेडिट नहीं दिया गया था।
इस तरह से इस जोड़ी को साल 1971 में रिलीज हुई फिल्म 'अधिकार' और आखिरी फिल्म बागबान के लिए कभी क्रेडिट नहीं मिला।
पेंटर को पैसे देकर लिखवा दिया था नाम
फिल्मों में पहले स्क्रीनप्ले राइटर को क्रेडिट नहीं दिया जाता था। लेकिन सलीम-जावेद की सोच अलग थी। उनका मानना था कि अगर फिल्म के गाने लिखने वाले को क्रेडिट दिया जाता है तो जिन डायलॉग्स ने जनता को 2 घंटे बांधकर रखा और मनोरंजन किया उसका क्रेडिट राइटर को क्यों नहीं दिया जाता? इस वजह से दीवार रिलीज होने से पहले उन्होंने एक पेंटर को पैसे देकर फिल्म के हर पोस्टर पर 'सलीम-जावेद द्वारा लिखित'लिखवा दिया था।
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