Deewar में 'मां' के लिए निरुपा रॉय नहीं थीं पहली च्वाइस, दो दिग्गज अभिनेत्रियों ने ठुकरा दिया था रोल
सलीम-जावेद ने सत्तर के दशक में जिन आइकॉनिक फिल्मों का लेखन किया उनमें से एक दीवार है। इस फिल्म की कहानी से लेकर संवाद तक दर्शकों के जहन में बसे हुए हैं। अमिताभ बच्चन शशि कपर निरुपा राय ने फिल्म में लीड रोल निभाये थे जबकि यश चोपड़ा ने निर्देशन किया था। फिल्म से जुड़े कई किस्से फिल्मी दुनिया में मौजद हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 'मेरे पास मां है...' दीवार के इस संवाद की गूंज हिंदी सिनेमा में आज तक सुनाई देती है। फिल्म से निकलकर मां की अहमियत को बताता ये संवाद कल्चरल रिवॉल्यूशन का हिस्सा बना और एआर रहमान के जरिए ऑस्कर के मंच तक पहुंचा।
दीवार में जितने अहम अमिताभ बच्चन और शशि कपूर के किरदार थे, उतना ही जरूरी था मां का किरदार, जिसे निरुपा रॉय ने निभाया था, लेकिन क्या आपको पता है कि इस रोल को निभाने के लिए वो पहली च्वाइस नहीं थीं। उनसे पहले दो अभिनेत्रियों को इस किरदार के लिए एप्रोच किया गया था।
बेहद मजबूत था मां का किरदार
1975 में रिलीज हुई दीवार का निर्देशन यश चोपड़ा ने किया था और स्क्रिट राइटर थे सलीम-जावेद। दीवार हिंदी सिनेमा की आइकॉनिक फिल्मों में शामिल है, जो वक्त की हदों से पार आज भी प्रासंगिक मानी जाती है। एक भाई गैंगस्टर और दूसरा पुलिस अफसर। इन दोनों के बीच पिसती मां, जो नैतिक मूल्यों के लिए अपने सबसे दुलारे बेटे से भी मुंह मोड़ लेने का साहस रखती है।यह भी पढ़ें: अलग होने के 21 साल बाद Salim- Javed ने इस आखिरी प्रोजेक्ट पर किया था काम, क्रेडिट के लिए अपनाई थी ये ट्रिक
वैजयंती माला और सुचित्रा सेन ने ठुकराया किरदार
इस किरदार के लिए मेकर्स ने वैजयंती माला और सुचित्रा सेन से सम्पर्क किया था। बता दें, वैजयंती माला ने 1970 के बाद ही फिल्मों से दूरी बना ली थी। उनकी आखिरी फिल्म गंवार है, जिसमें राजेंद्र कुमार लीड रोल में थे। वहीं, सुचित्रा सेन की आखिरी हिंदी फिल्म आंधी है, जो 1975 में आई थी।
वैजयंती माला और सुचित्रा सेन। फोटो- IMDbइन दोनों अभिनेत्रियों के इनकार के बाद किरदार निरुपा रॉय के पास गया और फिर इतिहास में दर्ज हो गया। इसका खुलासा सलीम-जावेद ने एक चैट में किया, जिसका वीडियो प्राइम वीडियो के यू-ट्यूब चैनल पर मौजूद है। हाल ही में दिग्गज लेखकों पर प्राइम वीडियो ने एक डॉक्युसीरीज भी जारी की है। यह भी पढ़ें: Javed Akhtar की रियल लाइफ से प्रेरित है Sholay का मौसी वाला सीन, 'जय' की जगह थे सलीम खान
वीडियो में होस्ट फराह खान के रैपिड क्वेश्चन सेशन के दौरान सलीम और जावेद ये जानकारी साझा करते हैं। डॉक्युसीरीज में भी निरुपा रॉय का पुराना इंटरव्यू दिखाया जाता है, जिसमें वो दीवार में मां के किरदार को फिल्म का हीरो मानती हैं।