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Animal: निर्देशक संजय गुप्ता ने जावेद अख्तर पर कसा तंज, कहा- गुलाबी रंग के चश्मे से देखते हैं दुनिया

रणबीर कपूर और रश्मिका मंदाना स्टारर फिल्म एनिमल बीते साल 2023 में दिसंबर में रिलीज हुई थी। इस फिल्म का निर्देशन संदीप रेड्डी वांगा ने किया है और यह मूवी अपनी रिलीज से ही सुर्खियों में बनी हुई है। अब निर्देशक संजय गुप्ता ने भी इस पर अपने विचार शेयर किए हैं और साथ ही जावेद अख्तर वाले बयान पर भी तंज कसा है।

By Rajshree VermaEdited By: Rajshree VermaUpdated: Thu, 25 Jan 2024 05:00 PM (IST)
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संजय गुप्ता ने 'एनिमल' को लेकर अपने विचार किए शेयर (Photo Credit: Instagram)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। संदीप रेड्डी वांगा के निर्देशन में बनी फिल्म 'एनिमल' अपने रिलीज के समय से सुर्खियों में बनी हुई है। इस फिल्म को लेकर कई आम लोगों और सेलेब्स ने अपने-अपने विचार शेयर किए। किसी ने फिल्म की तारीफ की, तो किसी ने इसमें दिखाए गए सीन का विरोध किया।

अब कांटे, जज्बा और काबिल जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके संजय गुप्ता ने हाल ही में 'एनिमल' को लेकर अपने विचार शेयर किए हैं और साथ ही संदीप रेड्डी वांगा का समर्थन भी किया है।

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समाज के पाखंड को किया उजागर

संजय गुप्ता ने हाल ही में, सिद्धार्थ कन्नन के यूट्यूब चैनल पर दिए एक इंटरव्यू में 'एनिमल' के निर्देशक की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने असुविधा पैदा की है और यौन शिक्षा पर समाज के पाखंड को उजागर किया है। उन्होंने कहा, 'उसने बहुत से लोगों को बहुत असहज कर दिया है। हम कामसूत्र और खजुराहो की भूमि हैं और हम यौन शिक्षा के बारे में बात नहीं करेंगे'।

इसके आगे उन्होंने कहा, 'हाल ही में, मैं एक फिल्म के ट्रायल के लिए गया था और वहां मेरी मुलाकात अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य और कुछ अन्य लोगों से हुई। एनिमल ही वह है, जिसके बारे में कोई भी इस समय बात कर सकता है'।

जावेद अख्तर के विचारों पर क्या बोले संजय

जब संजय गुप्ता से 'एनिमल' पर जावेद अख्तर के विचारों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि जावेद सही हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि जावेद दुनिया को 'गुलाबी रंग के चश्मे' से देखते हैं। संजय ने तर्क दिया कि समाज बदल गया है और सामाजिक मुद्दों के लिए फिल्म को दोष देना या इसके विपरीत, उचित नहीं है। जावेद अख्तर ने 9वें अजंता-एलोरा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में संदिग्ध व्यवहार दिखाने वाले सीन की वजह से एनिमल को 'खतरनाक' कहा था।

वह यह स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि समाज पहले ही बदल चुका है। हम वही लोग नहीं हैं, जो 10 साल पहले थे। हमारे पास समान करुणा नहीं है। हमारे पास उतना धैर्य नहीं है'।

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