किसके कहने पर हरिहर जेठालाल बन गये थे Sanjeev Kumar? दिलचस्प है 'हरिभाई' के नाम बदलने का किस्सा
संजीव कुमार हिंदी सिनेमा के बेहतरीन स्टार्स में से एक रहे हैं। उन्होंने शोले सीता और गीता त्रिशूल अंगूर और जानी दुश्मन समेत कई फिल्मों में काम किया है। एक्टर की एक्टिंग लोगों को काफी पसंद आती थी लेकिन क्या आप जानते हैं कि फैंस के दिलों पर राज करने वाले इस अभिनेता का असली नाम सजीव कुमार नहीं था।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। सत्तर के दशक में जब राजेश खन्ना, धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन जैसे सितारों की तूती बोलती थी, उस वक्त एक अभिनेता ऐसा था, जिसने अपने अभिनय से कई सितारों के स्टारडम को चुनौती दे दी थी। ये थे संजीव कुमार।
उम्र और किरदारों की बंदिशों को तोड़कर संजीव कुमार ने अपने अभिनय से हिंदी सिनेमा को मजबूत बनाया। शतरंज के खिलाड़ी और अंगूर से कई साल पहले उन्होंने सीता और गीता जैसी विशुद्ध कमर्शियल फिल्मों में रोमांटिक हीरो के तौर पर काम किया था। संजीव कुमार के अभिनय की रेंज उस दौर के कई कलाकारों को बेचैन कर दिया करती थी।
क्या आपको पता है कि जिस नाम ने फिल्मों की दुनिया में इतना हंगामा मचाया, वो असली नहीं था? संजीव कुमार का असली नाम यह नहीं था। उन्होंने फिल्मों में आने से पहले अपना नाम बदल लिया था। इसके पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है। चलिए, जानते हैं कि आखिर क्यों उन्होंने अपना नाम बदला और किसने अभिनेता को यह सुझाव दिया था?
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गुजराती ब्राह्मण परिवार में हुआ जन्म
संजीव कुमार का असली नाम हरिहर जेठालाल जरीवाला था। उनका जन्म 9 जुलाई, 1938 को सूरत में एक गुजराती ब्राह्मण परिवार में हुआ था। एक्टर बहुत छोटी उम्र में ही मुंबई आ गए थे। इसके बाद उन्होंने एक फिल्म स्कूल में पढ़ाई की और फिर वह बॉलीवुड पहुंच गए। हालांकि, उनका फिल्मों में आने का सफर आसान नहीं था। इसकी शुरुआत उन्होंने सबसे पहले नाम बदलने से की।
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हरिहर से बन गए थे संजीव कुमार
एक्टर खुद भी इस बात से इत्तेफाक रखते थे कि उनका रियल नाम अभिनेता होने के हिसाब से ठीक नहीं है। ऐसे में निर्देशक कमल अमरोही वह इंसान थे, जिन्होंने कुमार को सुझाव दिया कि पर्दे पर उनकी अलग और प्रभावशाली पहचान होनी चाहिए। इस बात का जिक्र हनीफ जावेरी और वकील सुमंत बत्रा ने जो एक्टर की लाइफ पर 'एन एक्टर्स एक्टर' बुक लिखी थी उसमें भी है।
नाम रखने को लेकर ये थी संजीव कुमार की सोच
बुक में बताया गया था कि एक्टर ने यह तय किया था कि उनका नाम 'एस' लेटर से शुरू होना चाहिए, क्योंकि उनकी मां का नाम (शांताबेन) 'एस' से शुरू होता था और इसका अंत 'कुमार' से होना चाहिए, क्योंकि बहुत से अभिनेताओं के नाम उस समय 'कुमार' से खत्म होता था।
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जब उन्होंने गहन चर्चा के बाद संजय कुमार नाम का प्रस्ताव रखा, तो सर्वसम्मति उसे मंजूरी मिल गई और हरि को 'रामत रामदे राम' और 'आओ प्यार करें' दोनों में इसी नाम से श्रेय दिया गया।
अमरोही ने दिया था सुझाव
जब हरिहर फिल्म 'निशान' की शूटिंग कर रहे थे। उस समय उनकी मुलाकात लेखक निर्माता निर्देशक अमरोही से हुई। उन्होंने अपनी दो फिल्मों 'आखिरी दिन पहली रात' और 'शंकर हुसैन' के लिए उन्हें अपने स्टूडियो में बुलाया। जब वह अमरोही से मिले तो उन्होंने भी उनको नाम बदलने के लिए कहा, क्योंकि उनके अनुसार वह एक अभिनेता के लिए पर्याप्त प्रभावशाली नहीं है।
हम हिंदुस्तानी में इंस्पेक्टर के रोल में संजीव कुमार। Photo Credit: Youtube Screenshot
ऐसे में जरीवाला ने उन्हें यह नहीं बताया कि वह अपना नाम बदलकर संजय कुमार रख चुके हैं। उस समय संजय खान की फिल्म दोस्ती रिलीज हुई थी, तो वह घर-घर में राज कर रहे थे। ऐसे में अस्पी ईरानी ने उनको नाम में फिर से थोड़ा बदलाव करने की सलाह दी, लेकिन एक्टर नाम बदलने के इच्छुक नहीं थे, क्योंकि उनकी दो फिल्में 'आओ प्यार करें' और 'रामत रामाडे राम' संजय कुमार नाम से रिलीज हो चुकी थीं।
निशान फिल्म के क्रेडिट रोल में संजीव कुमार। Photo Credit: Youtube Screenshot
हालांकि, हरि ने एक और चांस लिया और संजय कुमार से अपना नाम बदल कर संजीव कुमार रख लिया और फिर आगे चलकर उन्हें इस नाम से खूब पहचान मिली। संजीव कुमार ने 'हम हिंदुस्तानी' से डेब्यू किया था, लेकिन फिल्म निशान में उन्हें संजीव कुमार नाम से इंट्रोड्यूस किया गया।
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