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Shaakuntalam: सामंथा रुथ प्रभु की 'शाकुंतलम' ने कांस फिल्म फेस्टिवल में जीता बेस्ट भारतीय फिल्म का अवॉर्ड

Shaakuntalam शाकुंतलम ने कांस फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट भारतीय फिल्म का अवॉर्ड जीता है। इसके अलावा सामंथा जल्द ही वरुण धवन के साथ सिटाडेल इंडिया में दिखाई देंगी। उनकी आने वाली फिल्मों में से विजय देवरकोंडा के साथ रोमांटिक ड्रामा कुशी भी है।

By Ruchi VajpayeeEdited By: Ruchi VajpayeeUpdated: Sun, 28 May 2023 08:25 PM (IST)
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Shakuntalam won the Best Indian Film Award at Cannes Film Festival
नई दिल्ली, जेएनएन। समांथा रुथ प्रभु की लेटेस्ट फिल्म शाकुंतलम को हाल ही में कांस फिल्म फेस्टिवल में सम्मानित किया गया था। फिल्म ने 'सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्म' का पुरस्कार जीता। सामंथा ने अब अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर इसे साझा किया है और अपना आभार व्यक्त करने के लिए प्रार्थना करने वाले हाथों का इमोजी पोस्ट है।

शाकुंतलम के मिला बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड

सिर्फ कांस फिल्म फेस्टिवल में ही नहीं, शाकुंतलम ने न्यूयॉर्क इंटरनेशनल अवार्ड्स में भी वाहवाही बटोरी। मंत्रमुग्ध कर देने वाले सिनेमाई अनुभव ने फिल्म को वर्ल्ड लेवल पर पहचान दिलाई। प्रतिभाशाली अभिनेत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर जूरी का दिल से आभार व्यक्त किया। अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज में सामंथा ने अवॉर्ड्स की एक फोटो शेयर की थी और लिखा था, " शाकुंतलम ने न्यूयॉर्क अंतर्राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में पुरस्कार जीते, जूरी को धन्यवाद!"

पांच भाषाओं में रिलीज हुई थी फिल्म

गुणशेखर ने इस फिल्म को लिखा और डायरेक्ट किया है। शाकुंतलम एक पौराणिक नाटक है, जिसमें सामंथा रूथ ने लीड रोल प्ले किया है। यह फिल्म पांच भाषाओं- तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी में रिलीज हुई है। सामंथा और देव मोहन स्टारर पौराणिक रोमांस ड्रामा, कालिदास के एक नाटक अभिज्ञान शाकुंतलम पर आधारित है।

शाकुंतलम को लेकर फंफ्यूज थी सामंथा

बता दें कि शाकुंतलम को सिनेमाघरों में इतना अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला था। बड़े प्रमोशन के बाद भी बॉक्स ऑफिस पर शाकुंतलम फिसड्डी साबित हुई। फिलहाल ये फिल्म ओटीटी पर रिलीज हो चुकी है। फिल्म के बारे में बात करते हुए सामंथा ने कहा था कि ये रोल उन्हें तब ऑफर हुआ था जब वो फैमिली मैन 2 कर रही थी, राजी का रोल शाकुंतला से बिल्कुल अलग था। 

सामंथा ने आगे बताया कि उन्होंने इस प्रोजेक्ट पर साइन किया और इसे चुनौती के तौर पर लिया। “पिछले 3 सालों में, मैं बहुत डर में रही हूं। शकुंतला ने कितनी मुश्किलों का सामना किया लेकिन उन्होंने इन सबका सामना गरिमा और शिष्टता के साथ किया।"