Shabana Azmi Birthday: अभिनय की पाठशाला हैं शबाना आजमी की ये फिल्में, जीते राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
Shabana Azmi Birthday शबाना आजमी हिंदी सिनेमा की उन अदाकाराओं में शामिल हैं जिन्होंने अपने करियर में मसाला फिल्मों के साथ आर्ट सिनेमा में भी खूब काम किया है। हीरो के साथ नाचने-गाने से लेकर गंभीर विषय वाली फिल्मों में संजीदा किरदार निभाये हैं। वो उन अभिनेत्रियों में भी शामिल हैं जिन्होंने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते हैं। बर्थडे के मौके पर उनकी ऐसी ही फिल्मों की चर्चा।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय सिनेमा की बेहतरीन अदाकाराओं में से एक शबाना आजमी ने 18 सितम्बर को उम्र का 73वां पड़ाव छू लिया है। 1950 को हैदराबाद में जन्मी शबाना ने हर तरह के किरदार निभाये हैं। विशुद्ध मसाला फिल्मों से लेकर आर्ट सिनेमा तक में, शबाना की अदाकारी का हुनर देखने को मिलता है।
हाल ही में रिलीज हुई फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी में शबाना वेटरन एक्टर धर्मेंद्र के साथ लिपलॉक को लेकर खूब चर्चा में रहीं। दोनों वरिष्ठ अभिनेताओं ने इन चर्चाओं को सकारात्मक तौर पर लेते हुए जवाब भी दिये। किरदार की चुनौतियों का सामना करना उनकी विशेषता रही है।
शबाना आजमी ने अब तक 100 से भी अधिक फिल्मों में काम किया है और कई बार उन्होने अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस से अभिनय का लोहा मनवाया है। शबाना को 5 बार बेस्ट एक्ट्रेस के नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनकी ऐसी फिल्मों की चर्चा, जिनके लिए राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किये।
फोटो- शबाना आजमी इंस्टाग्राम
अंकुर
साल 1974 में रिलीज हुई फिल्म अंकुर का निर्देशन श्याम बेनेगल ने किया था। यह फिल्म शबाना आजमी के करियर की पहली थी। पहली ही फिल्म में शबाना के अभिनय का जादू इस तरह चला कि उन्हें साल 1975 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फिल्म में शबाना ने एक दलित महिला लक्ष्मी की भूमिका निभाई, जो अपने पति के साथ अपने मकान मालिक के बेटे के घर काम करती है।
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फोटो- स्क्रीनशॉट यू-ट्यूब
अर्थ
3 दिसंबर 1982 को रिलीज हुई फिल्म अर्थ को महेश भट्ट ने डायरेक्ट किया था। इसमें शबाना के साथ स्मिता पाटिल और कुलभूषण खरबंदा नजर आए थे।
यह फिल्म एक निर्देशक के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक अभिनेत्री के साथ एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर में शामिल हो जाता है। पूजा इंदर मल्होत्रा के किरदार में शबाना आजमी ने इस फिल्म में शानदार अभिनय किया था। इस फिल्म के लिए उन्हें साल 1983 में करियर का दूसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।
खंडहर
शबाना आजमी के साथ नसीरुद्दीन शाह और पंकज कपूर जैसे कलाकारों से सजी यह फिल्म साल 1984 में रिलीज हुई थी। मृणाल सेन ने खंडहर फिल्म का निर्देशन किया है।
यह एक रोमांटिक फिल्म है, जिसमें शहर से आए एक फोटोग्राफर और गांव की लड़की के बीच प्रेम कहानी को दिखाया गया था। इस फिल्म में बेहतरीन अभिनय के लिए शबाना को एक बार फिर से सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया था।
पार
साल 1985 में रिलीज हुई इस फिल्म में शबाना आजमी के साथ नसीरुद्दीन शाह और ओमपुरी मुख्य भूमिकाओं में हैं। ग्रामीण बिहार पर आधारित पार फिल्म की कहानी गंभीर वास्तविकताओं को दिखाती है और साथ ही गरीबी, शोषण जैसे मुद्दों पर भी प्रकाश डालती है। शबाना आजमी ने नसीरुद्दीन शाह के किरदार मजदूर नौरंगिया की पत्नी रामा की भूमिका निभाई। फिल्म में जबरदस्त अभिनय के लिए शबाना फिर से बेस्ट एक्ट्रेस का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।
गॉडमदर
साल 1999 में रिलीज हुई बायोग्राफिकल ड्रामा फिल्म गॉडमदर का निर्देशन विनय शुक्ला ने किया था। यह फिल्म 80 और 90 के दशक में गुजरात के पोरबंदर की गैंगस्टर संतोबेन जडेजा की कहानी से प्रेरित है। शबाना आजमी ने गॉडमदर के रूप में रंभी का किरदार बहुत ही शानदार तरीके से निभाया था। इस किरदार के लिए शबाना को अपने करियर के पांचवें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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