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25 Years of Dil Se: शाह रुख खान की 'मौत' के बाद प्रोड्यूसर्स हो गए थे परेशान, दिलचस्प है 'दिल से' का ये किस्सा

25 Years of Dil Se शाह रुख खान की क्लासिक कल्ट फिल्म दिल से को रिलीज हुए 25 साल पूरे हो जाएंगे। मूवी के अंत में शाह रुख खान की मौत हो जाती है। हालांकि इस एंडिंग के साथ फिल्म को पसंद जरूर किया गया लेकिन उस वक्त इस सीन से जुड़े एक सुझाव को सुनकर डायरेक्टर मणि रत्नम ने आपा खो दिया था।

By Karishma LalwaniEdited By: Karishma LalwaniUpdated: Sun, 20 Aug 2023 01:48 PM (IST)
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Still Image of Shah Rukh Khan and Manisha Koirala from Dil Se

नई दिल्ली, जेएनएन। 25 Years of Dil Se: 'गुरु' और 'रोजा' जैसी फिल्में बनाने वाले मणि रत्नम आज इंडस्ट्री के चर्चित डायरेक्टर्स में से एक हैं। उनकी तमाम हिट फिल्मों में एक नाम 'दिल से' (Dil Se) का है, जो आज से 25 साल पहले 1998 में रिलीज हुई थी।

छैया-छैया है फिल्म का सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाला गाना

यह फिल्म शाह रुख खान (Shah Rukh Khan) और मणि रत्नम (Mani Ratnam) की साथ में पहली और एकमात्र फिल्म है। 'दिल से' को क्लासिक कल्ट माना जाता है। आज तक मूवी के गाने और म्यूजिक लोगों को अट्रैक्ट करते हैं। खासकर फिल्म का गाना 'छैया-छैया', जिसे चलती ट्रेन पर शाह रुख खान और मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora) संग हजारों लोगों के ऊपर फिल्माया गया था।

मौत के सीन पर प्ले होना था छैया-छैया

'छैया-छैया' गाना इतना पसंद किया गया कि उस वक्त प्रोड्यूसर्स ने इसे फिल्म के एंडिंग सीन में रिपीट करने के बारे में सोचा था। दरअसल, इसे लेकर एक खास वजह थी। अगर आपने फिल्म देखी है, तो यह जानते होंगे कि कहानी के अंत में हीरो और हीरोइन दोनों मर जाते हैं।

एंडिंग सीन शूट होने के बाद मेकर्स को लगा कि हीरो की मौत से कहानी का रस कहीं फीका न पड़ जाए। इसलिए इसे कवर करने के लिए मार्क्स ने छैया-छैया को एसआरके-मनीषा कोइराला की मौत पर रिप्ले करने के बारे में सोचा था।

हीरो की मौत से गड़बड़ाई थी स्थिति

फिल्म के प्रोड्यूसर रामगोपाल वर्मा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था की हीरो की मौत देखकर कहीं ऑडियंस एंडिंग सीन की आलोचना न करने लग जाए, इसके लिए उनके इमोशंस को बनाए रखने के लिए 'छैया-छैया' सॉन्ग प्ले किया जाए, जो की फिल्म का सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला गाना है।

उनका तर्क था कि अगर ऑडियंस दो बार फिल्म में इस मास्टर पीस को प्ले होते देखेगी, तो खुशी से फूली नहीं समाएगी। लेकिन जब मणि रत्नम को यह आइडिया सुनाया गया, तो वह गुस्से से लाल हो गए।

मणि रत्नम को नहीं पसंद आया था आईडिया

जब राम गोपाल वर्मा ने यह आइडिया फिल्म के डायरेक्टर मणि रत्नम को सुनाया, तो उन्हें प्रोड्यूसर्स की क्रिएटिविटी में जरा भी दिलचस्पी नजर नहीं आई। उन्होंने गुस्से में कहा कि जब शाहरुख खान मनीषा कोइराला को गले लगाएगा, तो वह मलाइका अरोड़ा के बारे में कैसे सोच सकता है?

शाह रुख ने दिया था यह जवाब

वही जब इस बात की भनक शाह रुख खान को लगी, तो उनका रिएक्शन भी ऐसा था, जिस बारे में किसी ने सोचा नहीं था। किंग खान ने कहा था

"तो यह सब पहले सोचना चाहिए था ना। उनको बोलो कि ऑडियंस इतना नहीं सोचेगी। उनको दो बार गाना देखने को मिला है, तो वो लोग खुश हो जाएंगे।"

यह उन दिनों की बात है, जब फिल्म रिलीज के लिए पूरी तरह से तैयार थी। अब जो भी एडिटिंग होनी थी, उसकी जिम्मेदारी लोकल थिएटर ऑनर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स पर थी, जो फिल्म के ऑन ग्राउंड रिलीज को हैंडल कर रहे थे। हालांकि, सोचे गए प्लान के मुताबिक एंडिंग में एडिटिंग नहीं की गई और फिल्म को ऑरिजिनल कॉन्सेप्ट के साथ थिएटर में रिलीज किया गया।