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Shahid Kapoor Birthday: करोड़ों कमाने के बाद भी भटक रहे थे शाहिद कपूर, अध्यात्म से जुड़ने पर यूं बदली जिंदगी

बॉलीवुड के टॉप एक्टर Shahid Kapoor इन दिनों फिल्म तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया को लेकर सुर्खियों में हैं। लाइट रोमांटिक और कॉमेडी से भरपूर इस फिल्म के जरिये एक बार फिर एक्टर ऑडियंस पर अपना चार्म चला पाने में कामयाब रहे हैं। शाहिद आज बी टाउन के मोस्ट सक्सेसफुल एक्टर में से एक हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा था जब वह अपनी लाइफ में भटक से गए थे।

By Karishma Lalwani Edited By: Karishma Lalwani Updated: Sat, 24 Feb 2024 11:41 AM (IST)
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शाहिद कपूर. (फाइल फोटो). फोटो क्रेडिट- जागरण
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) फिल्म इंडस्ट्री के मोस्ट हैंडसम एक्टर में से एक हैं। सोशल मीडिया के साथ ही रियल लाइफ में भी उनकी तगड़ी फैन फॉलोइंग है। बड़े पर्दे पर अपनी एक्टिंग से धाक जमाने वाले शाहिद का चार्म पहले जैसे आज भी बरकरार है। आज वह बी टाउन के ए-लिस्ट एक्टर हैं। फिल्म 'कबीर सिंह' उनके करियर की टर्निंग प्वाइंट मूवी साबित हुई, जिसने बॉक्स ऑफिस के साथ-साथ उनके स्टारडम को भी बदल कर रख दिया। हालांकि, उनके लिए 100 करोड़ी एक्टर बनना इतना आसान नहीं था।

उथल पुथल से जूझ रहे शाहिद ने चुना था ये रास्ता

आज शाहिद की गिनती हिट एक्टर्स में होती है। वह अपनी जेनरेशन के सबसे ज्यादा डिमांड वाले एक्टर हैं। प्रोफेशनल लाइफ में वह काफी आगे निकल चुके हैं। मगर एक वक्त था, जब लाखों लड़कियों के फेवरेट शाहिद पर्सनल लाइफ में परेशानियों से जूझ रहे थे। उनकी जिंदगी में एक वक्त ऐसा आया था, जब उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करना चाहिए और सब बेमायने सा लग रहा था।

जब शाहिद अपनी जिंदगी के सबसे लोएस्ट फेज में थे, तब उन्होंने वह रास्ता ध्यात्म का रास्ता चुना। उनके इस एक फैसले ने उनकी जिंदगी इस कदर पलटी कि उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। एक्टर की बर्थ डे स्पेशल स्टोरी में हम आपको बताएंगे कि वह कौन सा पल था, जिसने शाहिद की रातों की नींद छीन ली थी और किस वजह से वह स्पिरिचुऐलिटी से जुड़े।

पंकज कपूर के बेटे हैं एक्टर

25 फरवरी, 1981 को जन्मे शाहिद को एक्टिंग विरासत में मिली है। उनका जन्म दिलवालों की दिल्ली में हुआ। वह इतने खूबसूरत पैदा हुए थे कि उनका नाम ही शाहिद (सुंदर) रख दिया गया। उनका जन्म बॉलीवुड अभिनेता पंकज कपूर और नीलिमा अजीम के घर हुआ था।

ग्लैमर में आने के बाद शाहिद ने चुना ये रास्ता

मुंबई की मायानगरी में पले बढ़े और हमेशा चकाचौंध से घिरे शाहिद के पास सबकुछ होते हुए भी कुछ नहीं था। पेरेंट्स का अलग होना और फिल्मों में अच्छे मौके के बावजूद नाम न हो पाना, इन सबने उन्हें तोड़ कर रख दिया था। यही वो वक्त था, जब शाहिद ने अध्यात्म के रास्ते पर चलने का फैसला किया। पर्दे पर रोमांटिक हीरो बनने वाले शाहिद कपूर को लाइफ का असली मकसद तब समझ आया, जब वह राधा स्वामी सत्संग संगठन से जुड़े। इसका खुलासा उन्होंने क्विंट नियॉन को दिए इंटरव्यू में किया था।

'सब कुछ बेमतलब लगता था'

शाहिद ने कहा, ''मैं जिंदगी को लेकर हमेशा क्यूरियस रहा हूं। ये मेरा स्पिरिचुअल पाथ है, जिसकी वजह से मुझमें बदलाव आया। एक वक्त था, जब मैं भटक गया था। मैं सोचता था कि इन सबका क्या मतलब है। हम यहां क्यों हैं। मेरे पास इन सबका कोई जवाब नहीं होता था। मुझे सब बेमतलब लगता था। फिर मैंने राधास्वामी का अनुसरण करना शुरू किया। मैं उनसे बहुत जुड़ा हुआ महसूस करता था। उन्होंने हर चीज को समझने में मेरी बहुत मदद की।''

'खुद को समझने का मौका मिला'

शाहिद ने कहा कि इससे उन्हें खुद को समझने का मौका मिला था। एक इंसान के तौर पर भगवान से मेरा रिश्ता सुधारने के नाम पर, मुझे बहुत मदद मिली। इसी धार्मिक विश्वास ने उनकी लाइफ पार्टनर, मीरा राजपूत (Mira Rajput) को ढूंढने में मदद की, जो कि राधा स्वामी संगठन से ही जुड़ी थीं।

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