Bollywood News: तमिल सिनेमा में पदार्पण के लिए तैयार शरद केलकर, बोले- रामायण ने सिखाया है जीवन कैसा होना चाहिए
शरद केलकर बोले रामायण ने सिखाया है जीवन कैसा होना चाहिए। आगे बोले कि देखिए कई बार ऐसे किरदार होते हैं जिन्हें किसी और कलाकार ने निभाया होता है लेकिन उनका सोचने का अपना तरीका होता है। उन्होंने उसे कैसे जीवंत किया है। उनकी अपनी सोच थी। मेरी सोच अलग है। मैं एक किरदार को दस तरीके से सोच सकता हूं कि मैं ऐसे नहीं ऐसे करुंगा।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। भगवान श्रीराम का जीवन सभी के लिए अनुकरणीय रहा है। आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। तब जय श्रीराम के उद्घोष से पूरा माहौल भक्तिमय हो जाएगा। उससे दस दिन पहले राम के परमभक्त हनुमान पर एनीमेशन सीरीज द लेजेंड ऑफ हनुमान सीजन 3 का प्रसारण डिज्नी प्लस हाट स्टार पर 12 जनवरी से होगा।
इस शो में शरद केलकर ने रावण के किरदार को आवाज दी है। इससे पहले फिल्म आदिपुरुष में वह राघव यानी प्रभास के किरदार को अपनी आवाज दे चुके हैं। शरद से उनकी आवाज, आस्था और शो को लेकर हुई बातचीत के प्रमुख अंश।
1-रामायण से कैसा लगाव रहा है?
-देखिए कहानी तो बचपन से सुनते आए हैं। नानी, दादी, मम्मी सबने सुनाया है और उदाहरण भी दिया है। उससे कनेक्ट भी करते आए हैं कि जीवन कैसा होना चाहिए। जहां तक लेजेंड आफ हनुमान में रावण के पात्र को आवाज देने की बात है अभी तक इतना विस्तारित रावण किसी ने दिखाया नहीं है। मैं फख्र के साथ कह सकता हूं कि हिंदुस्तान की सबसे बड़ी और सबसे बढ़िया एनीमेटेड सीरीज है। सारे परिवार के लिए। ऐसा नहीं है कि विस्तारित है तो बोरिंग है। बहुत एंटरटेनिंग है। बहुत सारा ज्ञान है उसके अंदर। उसके वीएफएक्स की क्वालिटी बहुत शानदार है। जैसे-जैसे सीजन आ रहे हैं क्वालिटी बढ़ती जा रही है।आगे बोले कि यह पहली सीरीज है जहां वॉयसिंग पहले हुई है एनीमेशन बाद में हुआ है। इसलिए आपको इतना परफेक्ट एनीमेशन दिखता है। मेरे पास पूरी आजादी थी कि उसे अपने तरीके से प्रस्ततु कर सकूं। जैसा मैं उसे अनुभव कर सकूं जैसा उसके बारे में सोच सकूं। उसे करने में मुझे बहुत मजा आया। यह एक अलग अनुभव है एक कलाकार के लिए ऐसे किरदार को करना जिसके बारे में सब जानते हैं। यहां पर रावण शिव भक्त है, ज्ञानी है, ताकतवर है, सर्वशक्तिमान है पर क्या चीजें हैं जो उसे बुरा बनाती हैं उन चीजों को विस्तार से दिखाया गया है।
2- पौराणिक शो के संवादों को लेकर कितना सजग रहते हैं?
-चूंकि मैं ग्वालियर से हूं। मैंने हिंदी मीडियम में पढ़ाई की है और संस्कृत भी पढ़ी हैं। दसवीं क्लास तक मध्य प्रदेश में अनिवार्य होती है तो मेरी हिंदी काफी अच्छी है। तो जहां कई त्रुटियां होती हैं उन्हें ठीक करना मुझे आता है। हम ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं कर सकते हैं जो किसी को आहत करें। किसी को तकलीफ न पहुंचे उसका ख्याल रखा गया है। हम सबको पता है कि कौन सी बात किसको चुभ सकती है? किस बात से विवाद खड़ा हो सकता है। पर क्यों विवादित शो करना। यह एंटरटेनिंग और पारिवारिक शो है। हमने पूरी सतर्कता बरती है।3- धारावाहिक रामायण में रावण के किरदार में अरविंद त्रिवेदी खासे लोकप्रिय हुए थे। ऐसे में आपके लिए चुनौतीपूर्ण रहा होगा ?
-देखिए कई बार ऐसे किरदार होते हैं जिन्हें किसी और कलाकार ने निभाया होता है लेकिन उनका सोचने का अपना तरीका होता है। उन्होंने उसे कैसे जीवंत किया है। उनकी अपनी सोच थी। मेरी सोच अलग है। मैं एक किरदार को दस तरीके से सोच सकता हूं कि मैं ऐसे नहीं, ऐसे करुंगा। तो यह हर इंसान पर निर्भर करता है कि वो उसे कैसे देखता है। बतौर कलाकार आपको करना ही पड़ेगा। आप कॉपी पेस्ट नहीं कर सकते हैं। अरविंद जी ने जो किया वो शानदार था। वह बेहतरीन कलाकार थे। मैं चाहूंगा अगले दस पंद्रह साल तक लोग इस रावण को भी याद रखें।