Shark Tank India: नमिता थापर को दूसरे बच्चे के लिए करना पड़ा था स्ट्रगल, 2 आईवीएफ हुई फैल, लगे 25 इंजेक्शन
शार्क टैंक इन दिनों खासा चर्चाओं में चल रहा है। इस शो में आंत्रप्रेन्योर को लोन दिया जाता है। जिसमें वो अपने बिजनेस प्लान लेकर आते हैं। अब इसकी जज नमिता थापर ने हैरान कर देने वाला खुलासा किया है।
By Priyanka JoshiEdited By: Priyanka JoshiUpdated: Sat, 04 Mar 2023 11:46 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Shark Tank India: शार्क टैंक इंडिया की जज और एमक्योर फार्मास्युटिकल्स कंपनी की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नमिता थापर अपने बिजनेस माइंड के अलावा अपनी खूबसूरती के लिए भी जानी जाती हैं। उन्होंने अपने बिजनेस को काफी अच्छे से संभाला। इसके साथ ही वो अपनी फैमिली के लिए भी समय निकालना नहीं भूलतीं। अब नमिता ने अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में बताते हुए 2 असफल आईवीएफ के बारे में शेयर किया है। उन्होंने अपनी पर्सनल लाइफ का दर्द साझा करते हुए बताया कि दूसरे बच्चे के लिए 3 से 4 साल तक उन्हें कितनी परेशानियों से गुजरना पड़ा।
नमिता थापर दूसरे बच्चे के लिए 3 से 4 साल हुई परेशान
नमिता थापर ने अपने आईवीएफ के एक्सपीरियंस को शेयर करते हुए बताया, 'मेरे मामले में जब मैं 28 साल की थी, मैं गर्भवती होना चाहती थी और 2 महीने में मैंने सामान्य तरीके से गर्भधारण किया। उसके बाद दूसरे बच्चे के लिए मैंने 3 से 4 साल तक कोशिश की और मैं गर्भधारण नहीं कर पाई। मैं बांझपन के 2 उपचारों और उन 25 इंजेक्शनों और भावनात्मक और शारीरिक दर्द से गुजरी हूं जिस दर्द से मैं गुजर रही थी।'
'एक बच्चे के साथ नहीं थी खुश' - नमिता थापर
नमिता थापर ने आगे कहा कि वो एक बच्चे के साथ रहने और दूसरे बच्चे के लिए कोशिशें बंद करने के अपने निर्णय से खुश नहीं थीं। वो कुछ समय बाद गर्भवती हो सकती थीं लेकिन वो इसकी कोशिशें बंद नहीं करना चाहती थीं। उन्होंने कहा, 'मेरे पहले से ही बच्चा है लेकिन उन माता-पिता की कल्पना करें जिनके बच्चे नहीं हैं। दो कोशिशों के बाद मैंने हार मान ली और कहा कि मैं एक बच्चे के साथ खुश हूं। लेकिन फिर एक चमत्कार हुआ और मैं स्वाभाविक रूप से गर्भवती हो गई, लेकिन वो मेमोरी मेरे साथ रही, और 10 साल तक मैं इसके बारे में सार्वजनिक रूप से बात नहीं कर सकी। मेरे लिए इसे किसी के साथ शेयर करना बहुत कठिन था।'अपनी किताब में लिखी जिंदगी से जुड़ा अनुभव
नमिता ने आगे कहा, 'अभी छह महीने पहले, मुझे अपने YouTube चैनल पर बांझपन के विषय पर चर्चा करनी थी और मैं पूरी रात सो नहीं पाई कि मैं अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा कर पाऊंगी या नहीं। मेरे कई शुभचिंतकों ने मुझसे कहा, ये मेरा निजी जीवन है, मैं इसकी चर्चा क्यों करूं? हालांकि, मैंने दूसरों के साथ जो कुछ भी किया है उसे साझा करने का फैसला किया। दरअसल, मैंने इसके बारे में अपनी किताब में भी लिखा है।'
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