Shatrughan Sinha Birthday: वह विलेन जिसने हीरो को पीटकर बटोरी सुर्खियां, चेहरे पर बने इस निशान ने कर दिया फेमस
जलि को आग कहते हैं बुझी को राख कहते हैं। यह डॉयलॉग सुनते ही लोगों के मन में शत्रुघन सिन्हा की छवि सबसे पहले आती है। लेकिन कम ही लोगों को जानकारी होगी कि शत्रुघन ने न सिर्फ हीरो बनकर बल्कि विलेन के रोल में भी खूब नाम कमाया है।
By Karishma LalwaniEdited By: Updated: Fri, 09 Dec 2022 02:17 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। खलनायक की पर्दे पर एंट्री हो और उसके लिए तालियां बजें, तो समझ लेना चाहिए कि वह किसी भी सूरत में नायक से कम नहीं। अमजद खान, अमरीश पुरी, के एन सिंह जैसे अभिनेताओं ने खलनायक के किरदार को इतना फेमस कर दिया था कि इनके अलावा किसी और का नाम निर्देशकों की पसंद नहीं बनता था। उस जमाने में शत्रुघन सिन्हा ने बतौर विलेन फिल्मों में एंट्री ली थी। कड़क आवाज, चाल ढाल और चेहरे पर बने कट के निशान शत्रुघन खलनायक के रोल के लिए जल्दी ही निर्देशकों की पसंद बन गए। वह इंडस्ट्री के वह अभिनेता हैं, जिन्होंने विलेन बनकर हीरो बनने के सफर की शुरुआत की। आज यह दिग्गज कलाकार अपना 77वां जन्मदिन मना रहे हैं।
शत्रुघन सिन्हा अपने जमाने के जाने माने हीरो रहे। लेकिन फिल्मी दुनिया में बने रहने के लिए उन्हें हीरो से नहीं, बल्कि विलेन के तौर पर पहली पहचान मिली थी। हीरो बनने की चाह लिए मुंबई आए शत्रुघन को करियर के शुरुआती दिनों में विलेन का रोल निभाना पड़ता था। इसी तरह के रोल ने उन्हें वो कामयाबी दी कि हीरो के आगे इनके किरदार के लिए ज्यादा तालियां बजने लगीं। स्क्रीन पर जब भी विलेन बनकर शत्रुघन सिन्हा हीरो की पिटाई करते थे, तो सिनेमा हॉल तालियों की गूंज से बज उठता था। वह सिनेमा के एक ऐसे विलेन रहे, जिनकी स्क्रीन पर मौजदूगी फैंस को पसंद आती थी।
गाल पर बने निशान ने बना दिया चर्चित
माना जाता है कि शत्रुघन सिन्हा के बॉलीवुड का लोकप्रिय खलनायक बनने के पीछे उनके गाल पर बने कट का बहुत बड़ा हाथ था। इस निशान की वजह से ही शत्रुघन सिन्हा विलेन के रोल में जंचते थे। इसी निशान को निर्देशकों ने अपनी फिल्म में खूब भुनाया भी। शत्रुघन सिन्हा के जन्मदिन पर एक नजर डालते हैं उन फिल्मों पर जिनमें उनके उनके खलनायक के किरदार ने हीरो तक को मात दे दी थी।बॉम्बे टू गोवा
अमिताभ बच्चन को हीरो लेते हुए बनाई गई यह फिल्म वैसे तो कॉमेडी, गाने और बिग बी के करियर की बेहतरीन अदायगी के लिए जानी जाती है। लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर शत्रुघन सिन्हा ने विलेन का रोल नहीं किया होता, तो फिल्म की कहानी का रंग कुछ फीका पड़ जाता है। उन्होंने इस मूवी में इतना अच्छा निगेटिव रोल प्ले किया कि दर्शक उनकी एक्टिंग के मुरीद हो गए।
“Shatrughan Sinha started with negative roles & was probably the 1st villain whose entry received Big Applause in cinema hall - until then only the hero got such claps“
Happy Birthday @ShatruganSinha
here with costars - Dharmendra & Amitabh Bachchan#Shotgun #Khamosh pic.twitter.com/DrcaO7UD6y
— Film History Pics (@FilmHistoryPic) December 9, 2018
खिलौना
खिलौना फिल्म में विलेन के लिए शत्रुघन सिन्हा निर्देशक के साथ-साथ हीरोइन मुमताज की भी पहली पसंद थे। चंदन वोहरा की फिल्म 'खिलौना' में शत्रुघन सिन्हा ने ऐसे विलेन के किरदार को पर्दे पर उतारा था, जो पैसा कमाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। जिस तरह से शत्रुघन ने इस कैरेक्टर को निभाया था, वह आज भी लोगों के दिलों में ताजा है। इसके हीरो संजीव कुमार थे। शत्रुघन सिन्हा को बिहारी दल्ला का रोल दिया गया था। शत्रुघन सिन्हा ने इस रोल को इतनी खूबसूरती से निभाया कि वह रातोंरात विलेन के लिए निर्देशकों की पहली पसंद बन गए।
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भाई हो तो ऐसा
शत्रुघन सिन्हा के फिल्मी किरदार हमेशा तने हुए, गुस्सैल और गरम तेवर वाले रहे हैं। पर्दे पर उनकी छवि ऐसी ही बनती चली गई। 1972 में 'भाई हो तो ऐसा' फिल्म रिलीज हुई। इस मूवी में सिन्हा ने लालची भाई का किरदार निभाया था, जो अपने पिता की संपत्ति हड़पना चाहता है। इसके लिए वह अपने भाई और बीवी को मारने से भी गुरेज नहीं करता।
काला पत्थर
उस दौर में एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन के साथ शत्रुघन सिन्हा को कई फिल्में ऑफर होती थीं, जिसमें से एक थी 'काला पत्थर।' यह फिल्म बिहार के कोयला खदान चसनाला में पानी भर जाने और सैकड़ों मजदूरों को बचाने की घटना पर अधारित फिल्म है, जिसमें शत्रुघन ने मंगलसिंह नामक अपराधी का रोल किया था। काला पत्थर तो नहीं चली लेकिन हीरो अमिताभ बच्चन के सामने विलेन शत्रुघन सिन्हा को खूब पसंद किया गया।
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