रामगढ़ को लूटने वाले गब्बर के पास नहीं थे इतने पैसे, बेटे के जन्म के बाद भर सके अस्पताल का बिल
Amjad Khan Death Anniversary अमजद खान खान की गिनती बॉलीवुड के सबसे खूंखार विलेन्स में होती है। साल 1975 में आई फिल्म शोले में गब्बर का किरदार निभाकर उन्हें पॉपुलैरिटी मिली। उनके पिता और भाई भी एक एक्टर के तौर पर ही जाने जाते थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। Amjad Khan Death Anniversary: बॉलीवुड के सबसे खूंखार विलेन डाकू गब्बर सिंह यानी अमजद खान की आज डेथ एनिवर्सरी है। कुछ दिनों पहले ही अपने पिता के बारे में बात करते हुए उनके बेटे एक्टर शादाब खान ने बताया था कि जिस दिन उनका जन्म हुआ था उसी दिन उनके पिता ने फिल्म शोले साइन की थी। ये फिल्म आगे चल कर कल्ट फिल्म बनी। अमजद खान अपने बेटे को इस कारण लकी मानने लगे हालांकि इसके आगे शादाब खान ने जो बताया उसे सुनकर आपकी आंखों में भी आंसू आ जाएंगे।
शोले को भारतीय सिनेमा की सबसे सफल फिल्मों में से एक माना जाता है। साल 1975 में सलीम-जावेद ने एक एक्शन फिल्म की कहानी लिखी जिसमें एक हीरो था, हीरोइन थी और एक विलेन था- डाकू गब्बर सिंह। रमेश सिप्पी की ये फिल्म पूरी तरह से मसाला फिल्म है। शोले को एक क्लासिक और सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्मों में से एक माना जाता है। इसमें अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, जया बच्चन जैसे अपने समय के सुपर स्टार लीड रोल में नजर आए। इस फिल्म के बाद जाने कितनी ही फिल्में इस जॉनर पर बनीं, पर चली एक भी नहीं। आज भी लोग गब्बर के किरदार में अमजद खान को ही याद करते हैं।
टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में पिता को याद करते हुए शादाब खान ने बताया कि- हां, मेरे पिता मुझे लकी कहते थे, क्योंकि जिस दिन मेरा जन्म हुआ मेरे पिता ने उसी दिन शोले साइन की थी। बावजूद इसके उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि हॉस्पिटल का बिल चुका सकें। मेरी मां रोने लगीं थीं और पिता जी इतने शर्मिंदा थे कि अपना चेहरा नहीं दिखा पा रहे थे। फिल्म मेकर और ऐक्टर चेतन आनन्द मेरे पिता को कोने में लेकर गए और उन्होंने पापा को 400 रुपए दिए। पापा ने हॉस्पिटल का बिल चुकाया, मुझे और मां को घर लेकर आए।