Sholay: 5 दशक बाद भी नहीं बन पाई दूसरी 'शोले', सिनेमा के इतिहास में दर्ज 'गब्बर सिंह' का नाम
शोले (Sholay) इंडस्ट्री की वो कल्ट क्लासिक फिल्म हैं जिसकी जैसी अन्य कोई दूसरी मूवी 5 दशक के लंबे अंतराल के बाद अन्य कोई फिल्ममेकर नहीं बना पाया है। निर्देशक रमेश सिप्पी की शोले की कहानी को सलीम खान और जावेद अख्तर ने लिखा था। फिल्म में धर्मेंद्र अमिताभ बच्चन और अमजद खान जैसे कलाकार अहम किरदारों में मौजूद रहे। आइए मूवी के बारे में और भी कुछ जानते हैं।
अनंत विजय, नोएडा डेस्क। फिल्म ‘शोले’ (Sholay) में जय-वीरू की जोड़ी ने जो धमाल बड़े पर्दे पर किया था, वास्तविक दुनिया में वही शोर इस फिल्म की लेखक जोड़ी सलीम खान (Salim Khan) और जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने मचा दिया था। बीते 15 अगस्त को ‘शोले’ ने रिलीज के 50वें साल में कदम रखा है। आगामी 20 अगस्त को इस जोड़ी पर डॉक्युमेंट्री आने को तैयार है। हमारे इस आलेख में शोले के बारे में विस्तार से जानते हैं।
शोले जो भड़क न सका
करीब 5 दशक पहले पढ़ा ये शीर्षक दिमाग पर इस कदर अंकित हो गया कि वर्षों बाद आज भी स्मृति में बना हुआ है। जब भी फिल्म ‘शोले’ देखते हैं या इससे जुड़ी कोई चर्चा होती है तो ये शीर्षक कौंध जाता है। स्कूल में था, फिल्मों में रुचि थी। उसी समय फिल्म ‘शोले’ पर एक समीक्षानुमा लेख देखा था। उसमें ये बताया गया था कि यह फिल्म सफल नहीं हो सकी। बाद में ‘शोले’ ने सफलता का इतिहास रच दिया। शोले के हर किरदार खास रहा, विशेषतौर पर सिनेमा के इतिहास में गब्बर सिंह का नाम अमर है।
ये भी पढ़ें- नाटक देखते-देखते डायरेक्टर को मिल गया था 'शोले' का गब्बर, 'अभिशप्त चंबल' पढ़कर अमजद खान बने खूंखार डाकू
इस 15 अगस्त से ‘शोले’ के प्रदर्शन का स्वर्ण जयंती वर्ष प्रारंभ हुआ। एक बार फिर से इस शीर्षक की याद आई। इसी समय पता चला कि सलीम खान और जावेद अख्तर एक बार फिर से साथ आ रहे हैं। सलीम-जावेद की जोड़ी पर प्राइम वीडियो पर तीन भाग में एक डॉक्युमेंट्री आ रही है।
ये सलीम-जावेद की जोड़ी ही थी, जिसने हिंदी सिनेमा के एंग्री यंगमैन को गढ़ा था। ‘शोले’ की कहानी और पटकथा सलीम-जावेद की है। जिसकी समीक्षा में लिखा गया था कि ‘शोले जो भड़क न सका’, वो शोले ऐसा भड़का कि मुंबई (तब बांबे) के मिनर्वा सिनेमाहाल में लगातार पांच वर्षों तक दिखाई जाती रही।