'मुझे निर्माताओं से कोई सहानुभूति नहीं', सितारों के तामझाम और बढ़ते खर्च पर बेबाकी से बोले राजीव खंडेलवाल
डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर मार्च में रिलीज हुई वेब सीरीज शोटाइम फिल्म इंडस्ट्री के अंदर की झलक दिखाती है। राजीव खंडेलवाल सीरीज में सुपरस्टार के किरदार में हैं। इस सीरीज में इमरान हाशमी और महिमा मकवाना लीड रोल में हैं जो एक निर्माता और स्टूडियो के मालिक हैं। कहानी मुख्य रूप से इमरान और महिमा के किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है।
दीपेश पांडेय, मुंबई। टीवी के शीर्ष अभिनेताओं में शुमार रहे अभिनेता राजीव खंडेलवाल ने स्वयं को ग्लैमर जगत की चकाचौंध से हमेशा दूर रखा। इन दिनों वह सिनेमा के साथ डिजिटल प्लेटफार्म पर भी सक्रिय हैं।
डिज्नी प्लस हाटस्टार पर हाल ही में प्रदर्शित वेब सीरीज ‘शोटाइम’ में वह नजर आ रहे हैं, जिसके बचे हुए एपिसोड्स प्लेटफॉर्म पर रिलीज कर दिया गये हैं। उनसे शो और इंडस्ट्री में सितारों की दिखावटी चकाचौंध पर दीपेश पांडेय की बातचीत के अंश।
अपने करियर में किस दौर को सबसे अच्छा शोटाइम मानते हैं?
हर कलाकार इस सवाल पर यही कहेगा कि अभी तो मेरा शोटाइम आना बाकी है या मेरा शोटाइम चल रहा है। वह चाहे अच्छे दौर से गुजर रहे हों या बुरे दौर से। उनके दिमाग में उनका शोटाइम चलता रहता है। मैंने टीवी से लेकर ओटीटी और फिल्म हर जगह काम किया। जब मैं मुड़कर देखता हूं तो मुझे खुशी होती है कि मुझे अलग-अलग माध्यमों में लोगों ने अलग-अलग भूमिकाओं में स्वीकार किया। ईमानदारी से कहूं तो मेरे लिए पिछले 20 वर्ष से शोटाइम ही चल रहा है।
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शोबाजी में पीछे रहने की क्या वजह रही?
मैं कभी नकली बन नहीं पाया, क्योंकि मैंने जब भी नकली बनने की कोशिश की, मैं उसमें सहज नहीं रह पाया। मुझे महसूस हुआ कि वह दिखावे की जिंदगी मैं संभाल नहीं पाऊंगा। जब मुझे कोई बोलता है कि आपको तो काफी पसंद किया जा रहा है तो मुझे लगता है कि वह झूठ बोल रहा है। कोई मुझे नहीं, मेरे पात्र को पसंद कर रहा है। शोबाजी वाला मेरा स्वभाव भी नहीं है। इसलिए मुझे कभी इस बात की टेंशन नहीं हुई कि मुझे एयरपोर्ट या किसी अन्य सार्वजनिक स्थान पर अपने साथ चार बंदे चाहिए।
वर्तमान में सितारों की भारी-भरकम टीम और बढ़ते खर्चे का भार काफी चर्चा में है। इस चलन को कैसे देखते हैं?
मेरी निर्माताओं के साथ कोई सहानुभूति नहीं है, एक्टर्स बिल्कुल गलत नहीं कर रहे हैं। एक्टर्स को स्टार आपने ही बनाया है, आपने ही उनकी सारी मांगें पूरी करके स्टारडम का राक्षस खड़ा किया है। अब, जबकि उन्हें संभाल नहीं पा रहे हैं तो शिकायत कर रहे हैं। मैं हमेशा से इस मामले में प्रायोगिक रहा हूं कि किसी भी कलाकार को इतनी बड़ी टीम लेकर चलने की जरूरत नहीं है। दिन-ब-दिन मांग बढ़ना तो मानवीय स्वभाव है। आपको ही उन्हें नियंत्रण में रखना चाहिए था। मैं यह भी कहूंगा बदलाव आना जरूरी है। मगर जो गलत है, वो हमेशा ही गलत रहेगा।
एक सीन में शाह रुख खान के स्टाइल में ही आपको प्रशंसकों से अभिवादन करते दिखाया गया है..
(हंसते हुए) वो दर्शकों के ऊपर है कि दर्शक उसका क्या मतलब निकलते हैं। मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि मेरी भूमिका किसी एक सितारे पर आधारित नहीं है। मेरा पात्र उस स्टारडम को दिखाता है, जो हम इंडस्ट्री में 20-30 वर्षों से देखते आ रहे हैं। अगर आप गौर से इस पात्र को देखेंगे तो यह हमारी इंडस्ट्री के अलग-अलग सुपरस्टार्स से प्रेरित है।
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गोवा के फार्महाउस की खेती-बाड़ी कैसी चल रही है?
मुझे ऑर्गेनिक सब्जियां खाने का शौक बचपन से था। जब इस स्थिति में आया कि अपना घर खरीद सकूं तो उसमें मेरी प्राथमिकता यह थी कि मुझे घर के बाहर थोड़ी जमीन चाहिए, जहां मैं मनपसंद फल और सब्जियां उगा सकूं। जब मैंने गोवा में घर लिया तो उसमें इतनी सारी चीजें लगा दीं कि अब जब भी जाता हूं तो वहां कुछ ना कुछ खाने के लिए मिल ही जाता है। हाल ही में मैं वहां पहली बार जामुन खाकर आया हूं।