Subhash Ghai Birthday Special: एक्टिंग करने आए पर बन गए डायरेक्टर, 16 में से 13 फिल्में रहीं ब्लॉकबस्टर
बॉलीवुड के बेहतरीन डायरेक्टर्स में से एक सुभाष घई आज अपना 77वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। उन्होंने अपने करियर में बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं जो आज भी बॉलीवुड की पहचान मानी जाती है।
By Jagran NewsEdited By: Priyanka JoshiUpdated: Tue, 24 Jan 2023 12:33 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Subhash Ghai Birthday Special: आज बॉलीवुड के दूसरे शौमेन कहे जाने वाले सुभाष घई अपना 77वां बर्थडे मना रहे हैं। हिंदी सिनेमा में ऐसे बहुत कम लोग रहे जो हर क्षेत्र में बेहतरीन हो। सुभाष घई कुछ ऐसा ही नाम है। एक्टिंग करने मुंबई आए सुभाष का जादू जब नहीं चला तो उन्होंने डायरेक्शन में किस्मत आजमाई, और फिर वो बन गए हिंदी सिनेमा के बेहतरीन डायरेक्टर। सुभाष ने अपने करियर में लगभग 16 फिल्में लिखी और डायरेक्ट की हैं। जिनमें से 13 फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुईं। सुभाष ने न सिर्फ अपनी पहचान बनाई बल्कि बॉलीवुड को जैकी श्रॉफ, माधुरी दीक्षित, मीनाक्षी शेषाद्री जैसे कई बेहतरीन सितारों को एक नया मुकाम दिलाया है। तो चलिए आज इस 'शोमैन' की जिंदगी और इनकी खास फिल्मों पर आज एक नजर डालते हैं।
एफटीआईआई से किया ग्रेजुएशन
सुभाष घई का जन्म 24 जनवरी 1945 को नागपुर में हुआ था। अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद सुभाष घई ने हरियाणा के रोहतक से कॉमर्स किया। सुभाष को शुरू से ही फिल्मों में खासी दिलचस्पी थी। इसलिए उन्होंने कॉमर्स होने के बाद पुणे में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया। एफटीआईआई से पढ़ाई पूरी होने के बाद सुभाष ने सपनो के शहर मुंबई का रुख किया।
एक्टिंग के लिए आए बॉम्बे
सुभाष का अब बस एक सपना था कि वो मुंबई जाकर फिल्मों में काम करने लगें। हुआ भी कुछ ऐसा ही, इसके बाद वो मुंबई तो पहुंच गए पर इंडस्ट्री में उनका किसी से कोई सरोकार था नहीं। ऐसे में सुभाष को किसी भी फिल्म स्टूडियो में घुसने की परमिशन नहीं मिली।फोटो- सुभाई घई ट्वीटर
फिल्मों में एंट्री से पहले फिल्म स्टूडियो में घुसने के लिए बेले पापड़
राज्यसभा टीवी को दिए एक इंटरव्यू में सुभाष ने बताया था कि, शुरुआत में तो उन्हें फिल्मों में रोल पाने से पहले स्टूडियो में घुसने के लिए ही काफी पापड़ बेलने पड़े, क्योंकि यहां न कोई उनका परिचित था और न किसी ने उनकी एक्टिंग देखी। तमाम प्रयासों के बाद सुभाष ने सेल्फ हेल्प बुक्स पढ़ना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने लोगों से बात करने और उन्हें अपनी बात मनवाने की सीख मिल गई। इसी बीच यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स फिल्मफेयर कॉन्टेस्ट आयोजित हुआ। जिसमें 5000 लोगों में से सुभाष घई, राजेश खन्ना और धीरज कुमार का चयन हुआ। इसके बाद राजेश खन्ना को तो फिल्म में तुरंत रोल मिल गया, पर सुभाष को इसके लिए एक साल का इंतजार करना पड़ा। अब सुभाष को फिल्मों में छोटे-मोटे रोल मिल जाया करते थे।