Stree 2 फेम Sunita Rajwar को कैसे मिली Oscar में नॉमिनेट हुई फिल्म 'संतोष'? 'पंचायत 4' को लेकर दिया बड़ा अपडेट
Sunita Rajwar हिंदी सिनेमा की बेहतरीन अदाकाराओं में गिनी जाती हैं जिन्हें वेब सीरीज पंचायत से पॉपुलैरिटी मिली। वह पंचायत सीरीज में क्रांति की भूमिका में नजर आई थीं। फिल्म स्त्री 2 में भी उन्हें बिट्टू की मम्मी के रोल में काफी पसंद किया गया। दैनिक जागरण के साथ बातचीत में उन्होंने ऑस्कर नॉमिनेटेड फिल्म संतोष के बारे में बात की।
एंटरटेनमेंट डेस्क, मुंबई। वेब सीरीज ‘पंचायत’ में क्रांति देवी और ‘गुल्लक’ में बिट्टू की मम्मी की भूमिका से चर्चित हुईं सुनीता राजवर (Sunita Rajwar) अलग भूमिकाओं की तलाश में हैं। उनकी फिल्म ‘संतोष’ को विदेशी भाषा की श्रेणी में ऑस्कर (Oscar) में भेजा गया है। स्मिता श्रीवास्तव ने सुनीता राजवार से उनके करियर और आगामी प्रोजेक्ट को लेकर की बातचीत की है।
करियर के इस दौर को कैसे देख रही हैं?देखिए कुछ अलग नहीं होता है। यह आर्टिस्ट की जर्नी है तो उसमें उतार-चढ़ाव होता रहता है। यह चढ़ाव का समय है। संयोग से कई चीजें एक साथ हिट हो जाती हैं और आप ज्यादा नजर में आ जाते हैं। ‘गुल्लक’ और ‘पंचायत’ से ज्यादा लोकप्रियता मिली। फिल्म ‘स्त्री’ में एक सीन ने चर्चा बटोरी, लेकिन उससे पहले भी लोग जानते थे। अब दिक्कत यह है कि जैसा आपका काम हिट हो जाता है आगे वैसे ही रोल मिलने लगते हैं।
अभी आलम यह है कि मुझे कई प्रोजेक्ट के लिए मना करना पड़ रहा है। बहुत सारे लोग चाहते हैं कि मैं बिट्टू की मम्मी या क्रांति देवी जैसी भूमिका करूं।
‘संतोष’ से कैसे जुड़ना हुआ?इसके निर्माता ब्रिटेन से हैं। इसकी कास्टिंग मुकेश छाबड़ा ने की है। मुझे फिल्म की निर्देशक संध्या सूरी ने बताया था कि उन्होंने ‘पंचायत’ में मेरा कोई सीन देखा था। मैं इस ऑडिशन के लिए बुलाई गई आखिरी कलाकार थी। ऑडिशन देखकर उन्हें लगा कि मैं उसमें फिट बैठती हूं। विदेश में निर्देशक ही सीधे ऑडिशन लेते हैं। मेरी भूमिका अलग थी तो काम करने में मजा आया।
हमारी इंडस्ट्री ने किसी ने मुझ पर इतना यकीन नहीं दिखाया। मैंने बहुत बार अच्छी- अच्छी फिल्मों के लिए ऑडिशन दिया है। बाद में निर्देशक मिलते हैं तो बताते हैं कि निर्माताओं को बड़ा नाम चाहिए। संध्या सूरी की शुक्रगुजार हूं कि मुझे ‘संतोष’ के लिए चुना। यह संजीदा रोल है। उम्मीद है कि भारत में यह जब भी प्रदर्शित होगी तो लोगों को यकीन होगा कि बतौर कलाकार मैं कोई भी भूमिका निभाने में सक्षम हूं। यह सबके साथ होता है।
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Sunita Rajwar- Instagramमेनस्ट्रीम कलाकार अगर आर्ट फिल्म करते हैं तो बहुत बार उन्हें भी स्वीकार नहीं किया जाता। आर्ट फिल्म के कलाकार अगर हीरो बनते हैं तो उन्हें भी स्वीकृति नहीं मिलती। 24 साल इंडस्ट्री में रहने के बाद समझ आता है कि यह बिजनेस है तो ज्यादा दर्द नहीं होता।‘पंचायत 4’ की क्या तैयारी है?हम लोगों की रीडिंग हो चुकी है। इस महीने से शूटिंग शुरू होगी। इस बार दर्शक भी इंतजार कर रहे हैं कि मेरे किरदार के साथ क्या होगा। बस इतना कहूंगी कि इस बार काफी कुछ दिलचस्प है। इस बार मेरा स्क्रीन टाइम पिछले सीजन (पंचायत 3) से ज्यादा होगा।
नीना गुप्ता से कैसी दोस्ती है?वो नेशनल स्कूल आफ ड्रामा में मेरी सीनियर रही हैं। मैं जब बॉम्बे (मुंबई) आई थी तो नाटकों के जरिए उनसे जुड़ी थी क्योंकि मैं अपनी दोस्त अचिंत कौर के साथ रहती थी। वो नीना के साथ थिएटर कर रही थी। नीना गुप्ता और अभिनेता राजेंद्र गुप्ता का सहज थिएटर है। हम ‘सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक’ नाटक के रिहर्सल के लिए उनके घर जाते थे। बाद में मैंने भी उसमें छोटा सा रोल किया था। उनसे लंबे समय से जुड़ी रही हूं। वह मेरी गॉडमदर की तरह हैं।
Sunita Rajwar- Instagram‘पंचायत’ की शूटिंग गांव में करना आसान होता है?हम जिस गांव में शूट करते हैं, वहां 15-20 घर होंगे। उन लोगों को हीरो-हीरोइन से मतलब नहीं होता। हम जिस होटल में रहते हैं उन्हें तो पता ही नहीं कि वेब सीरीज क्या होती है। मैं तो हल्द्वानी से आती हूं। मेरे घर के चारों तरफ खेत थे। बचपन में हमारा घर जंगल की तलहटी पर था तो मैं गांव की जिंदगी से वाकिफ हूं। मेरे लिए गांव में रहना घर जैसा है।
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