Taapsee Pannu ने खुदको ऑफर होने वाली फिल्मों को लेकर किया खुलासा, कहा- मेरे पास वहीं फिल्में आती हैं...
तापसी पन्नू हाल ही में फिल्म ब्लर में नजर आईं थी। इस फिल्म में तापसी ने एक्टिंग के अलावा बतौर सहनिर्माता भी काम किया है। वहीं अब एक्ट्रेस ने अपनी आने वाली फिल्मों को लेकर कई तरह के खुलासा किया।
By Aditi YadavEdited By: Updated: Sun, 11 Dec 2022 04:06 PM (IST)
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। पिंक, थप्पड़, बदला, दोबारा जैसी फिल्मों में नजर आने वाली अभिनेत्री तापसी पन्नू हाल ही में फिल्म ब्लर में नजर आईं हैं। इस फिल्म में उन्होंने एक्टिंग के साथ-साथ बतौर सहनिर्माता भी काम किया है। अब तापसी ने अपनी इस नई भूमिका के बारे दैनिक जगरण से खास बातचीत में अपनी आने वाली फिल्मों के बारे में बात करते हुए खुलासा किया है कि वह अपनी रिलीज होने वाली फिल्मों में अलग अंदाज में नजर आएंगी।
निर्माता बनने की तमन्ना कब से थी?इस सवाल का जवाब देते हुए अभिनेत्री ने कहा, पहले तो एक्ट्रेस ही नहीं बनना था तो प्रोड्यूसर बनना तो दूर की बात है। जब एक्टिंग थोड़ी बहुत समझ आनी शुरू हुई तो लगा कि यहीं ठीक-ठाक कर लो तो बहुत बड़ी बात है। मैं कभी-कभी निर्माता-निर्देशकों से उम्मीद करने लग जाती थी कि ऐसा कर लो प्लीज। मुझे लगता था कि मेरे दायरे से बाहर की बात है, मुझे नहीं बोलना चाहिए। तब लगता था कि निर्माता बनती तो वो बात हक से बोल सकती थी। उस समय यह फीलिंग आनी शुरू हुई, धीरे-धीरे फिल्म मेकिंग की जानकारी बढ़ती गई। फिर प्रांजल का फोन आया कि साथ में प्रोडक्शन हाउस शुरू करते हैं क्योंकि वह मेरी सूरमा के निर्माता थे। तबसे उन्हें जानती हूं। प्रांजल को प्रोडक्शन में 20 साल का अनुभव है। रश्मि रॉकेट के लिए मैं पेपर पर प्रोड्यूसर नहीं थी, लेकिन पटकथा के चयन से लेकर रिलीज करने तक प्रांजल के साथ मैंने भी काम किया। उनका दिमाग नंबर की तरफ ज्यादा चलता है और मेरा कि कौन लोग फिल्म का हिस्सा होने चाहिए। हमारी समझ भी एक दूसरे से काफी मिलती है। इसलिए हमने बहुत आसानी से ब्लर बनाई। उसके बाद हमने धक धक बना ली है। दो और फिल्मों पर काम चल रहा है।
आपको लगातार इंटेंस किरदार बहुत भा रहे हैं। कोई खुशी से भरपूर, फैमिली ड्रामा मिसिंग नहीं लग रहा?वो मैं अगले साल पूरा करूंगी। मैं अभी भी यही कहूंगी कि मेरे पास जो प्रस्ताव आएंगे, उसमें से ही पसंद करूंगी। मेरे पास वहीं फिल्में आती हैं जो लोगों को लगता है कि कोई और नहीं कर पाएगा। जब उन्हें लगता है कि जेनेरिक सा रोल है तो मेरे पास आता ही नहीं है। सेफ रोल सेफ फिल्में मेरे पास आई ही नहीं। मेरे पास काफी ऐसी फिल्में आती हैं जिन्हें बाकी लोग मना कर देते हैं। रिस्की फिल्मों ने ही मेरा करियर बनाया है। ब्लर के साथ है कि यह बैक टू बैक फिल्मों की सीरीज में आखिरी वैसी फिल्म होगी। कोरोना महामारी से पहले, थप्पड़ आई, फिर हसीन दिलरुबा, रश्मि रॉकेट, लूप लपेटा, शाबाश मिथु तो मेरा दिमाग थक गया था। लगा कि अब मुझमें हिम्मत नहीं खुद को कुरेदने की। इसके बाद मैंने वो लड़की है कहां साइन की। वो विशुद्ध कामेडी फिल्म है। उसके बाद
राजकुमार हिरानी की डंकी साइन की। उसके बाद मेरी दो फिल्में घोषित होंगी वो लाइट स्पेस में हैं। तो मेरा खुशनुमा साइट दिखेगा।साउथ में आपने जो फिल्में की वह हिंदी से काफी अलग रही हैंहां, क्योंकि तब मुझे भी ज्यादा पता नहीं था जो लोग बोल रहे थे, उसी पर चल रही थी। फिर लगा कि यह फंडा मेरे लिए काम नहीं कर रहा है। एहसास हुआ कि मुझे अपना ट्रैक बदलने की जरूरत है। मुझे सुबह उठकर काम पर जाने में मजा ही नहीं आ रहा था कि क्योंकि वही चार एक्सप्रेशन (भाव) दिखाने हैं। वही एक जैसा रोल करना है। इसलिए मैंने सोचा अब भले ही टाप पांच या टाप तीन में नाम न आए, मुझे मानसिक शांति चाहिए। आपकी प्रेरक शक्ति यह नहीं होनी चाहिए कि बड़ा निर्देशक या बड़ा हीरो है। बड़ा मुद्दा यह है कि मैं क्या करने वाली हूं तो मैंने सोचा कि रीस्टार्ट करते हैं। जब से रीस्टार्ट का बटन दबाया, तब से मेरी फिल्मों के अंदाज बदल गए।
ब्लर फिल्म में नेत्रहीन का किरदार निभाना कितना चुनौतीपूर्ण रहा?फिल्म में मैं शुरू से नेत्रहीन नहीं हूं। इस वजह से कोई ट्रेनिंग नहीं ली। मुझे लगा कि अगर ट्रेंनिंग ली तो लगेगा कि नेत्रहीन दिखने की आदी है। वास्तव में लगना चाहिए कि यह इसके लिए नया है। शुरू में मैंने एक-दो टेक ट्राई किया, जिसमें देख सकती हूं, फिर जहां कदम रखूं, वहां मुझसे ठीक से गिरा ही न जाए क्योंकि दिख रहा है। हाथ रखूं तो लगे कि दिख रहा है। मुझे लगा अब इसे ऐसे करना है कि विश्वसनीय लगे तो इसलिए मैंने सेट पर वो लेंसेस मंगवाए कि मुझे कुछ भी दिखाई न दे। तो नेत्रहीन वाला हिस्सा मैंने वाकई नेत्रहीन होकर किया। हालांकि सीढ़ी वाले एक दो सीक्वेंस जिसमें मुझे जल्दी से उतरना है उसमें मैंने पट्टी डाली ताकि मुझे थोड़ा बहुत दिखता रहे और चोट न लगे।
इंडस्ट्री में ब्लर (धुंधला) मोमेंट क्या रहा है?(हंसते हुए) मेरा तो हर रिलीज से एक दिन पहले विजन ब्लर हो जाता है। कुछ समझ नहीं आता कि किस तारीख पर विश्वास करूं, किस आलोचना पर विश्वास करूं, किसको देखकर खुश या उदास हूं। वीकेंड के बाद ही रियलिटी समझ आनी शुरू होती है। उससे पहले सब ब्लर ही होता है।
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