साल 2002 में फिल्म ओम जय जगदीश से बॉलीवुड में कदम रखने वालीं तारा शर्मा सालूजा ने अपने करियर में मस्ती पेज 3 खोसला का घोसला अक्सर जैसी कई सुपरहिट फिल्में दी हैं। हालांकि अब उनके पास ज्यादा ऑफर नहीं है। तारा शर्मा की साल 2006 में रिलीज हुई फिल्म खोसला का घोंसला एक बार फिर से सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है।
प्रियंका सिंह, मुंबई। ‘मस्ती’, ‘पेज 3’ समेत कई फिल्मों का हिस्सा रहीं तारा शर्मा फिलहाल पैरेंटिंग पर आधारित ‘द तारा शर्मा शो’ कर रही हैं। हालांकि, मां बनने के बाद से ही वह फिल्मों में बहुत ज्यादा एक्टिव नहीं हैं। हाल ही में उन्होंने फिल्म, करियर और पैरेंटिंग व अन्य मुद्दों पर तारा ने प्रियंका सिंह के साथ साझा किए जज्बात.
मुझे लगा वेरोनिका के किरदार में लेंगे
मां बनने के बाद से तारा शर्मा बड़े पर्दे पर बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं रही हैं। हालांकि तारा अभिनीत फिल्म ‘खोसला का घोसला’ 18 अक्टूबर को सिनेमाघरों में दोबारा प्रदर्शित हो रही है। ‘द आर्चीज’ फिल्म में छोटे से रोल में दिखी तारा कहती हैं,
"मां बनने के बाद मैं अपने बच्चों के साथ समय बिताते हुए काम करना चाहती थी, तो मैंने सोचा कि मैं खुद का शो बनाती हूं। मैं स्क्रीन पर तो थी, लेकिन बड़े पर्दे से अलग स्क्रीन पर थी। जब ‘द आर्चीज’ के ऑडिशन के लिए मुझे बुलाया, तो मैंने सोचा कि मुझे वेरोनिका या बेटी का रोल ऑफर करेंगे। जब उन्होंने कहा कि मां का रोल है, तो मैं हैरान रह गई। जोया (अख्तर) से इस बात को कहकर मैं खूब हंसी भी। मैं समझती हूं कि उम्र बढ़ती है, लेकिन अगर आप भीतर से युवा महसूस करते हैं, तो ऐसा हो जाता है।
खुश हूं कि ऑफर्स नहीं आए
तारा आगे कहती हैं, ‘अगर आप सुपरस्टार नहीं हैं, ऊपर से एक औरत हैं और मां बन चुकी हैं, तो ऑफर्स कम हो जाते हैं। यह दुखद है। ऐसा नहीं है कि मैं अपने बच्चों को छोड़कर काम मांगने के लिए नहीं जा सकती थी, लेकिन मैं अपना ज्यादा समय उन्हें देना चाहती थी। पापा कहते थे कि बैठकर प्रतीक्षा मत करो कि कोई तुम्हें ऑफर देगा, अगर तुम्हें कुछ करना है, तो खुद क्रिएट करो।
मैं हमेशा कहती हूं कि यह अच्छा पेशा है, लेकिन किसी पर निर्भर न रहें। मुझे एक्टिंग भी करनी है, लेकिन इस बात को लेकर भी स्पष्ट हूं कि मेरा अपना काम चलता रहे। खुश हूं कि तब बड़े ऑफर्स भी नहीं आए और मैं अपना शो शुरू कर पाई।’
tara sharma instagram
काम मिले कुछ ऐसा तारा को अब किस तरह के रोल करने हैं?
इस पर वह कहती हैं, "रोल में इतनी ताकत होनी चाहिए कि मैं अपने बच्चों को छोड़कर उस काम के लिए जाऊं। मेरा छोटा बेटा फुटबॉल और बड़ा बेटा टेनिस खेलता है। मैं उनकी हर चीज से जुड़ी रहती हूं। वह काम इस लायक होना चाहिए कि मैं बच्चों को छोड़कर उसमें काम करूं। बच्चे इतनी जल्दी बड़े हो जाते हैं, उनका बचपन फिर नहीं आएगा। बाकी मेरे लिए छोटा-बड़ा रोल कोई खास मायने नहीं रखता है।
tara sharma instagram पापा कहते थे कि फिल्म हवाई जहाज की तरह है, जब वह उड़ता है, तो सब उसके साथ उड़ते हैं, फिर चाहे कोई बिजनेस क्लास में बैठा हो या इकोनामी में। पहली फिल्म ‘ओम जय जगदीश’ में छोटा सा रोल था, ‘मस्ती’ में लंबी- चौड़ी स्टारकास्ट थी। मैं कभी डरी नहीं थी"।
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