'जरूरत के समय काम नहीं आए रवि किशन' धमकियों के बीच Kangana Ranaut ने यूं बचाई डायरेक्टर सनोज मिश्रा की जान
बॉलीवुड में सच्चाई को दिखाती कई तरह की फिल्में बन चुकी हैं। यह सच किसी व्यक्ति से जुड़ा हो या देश के किसी कोने में होने वाली हिंसात्मक घटना हो इन्हें पर्दे पर दिखाने का साहस कम ही लोग कर पाते हैं। इनमें से एक हैं द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल के डायरेक्टर सनोज मिश्रा जिन्होंने जागरण डॉट कॉम से अपनी फिल्म पर खास बातचीत की।
करिश्मा लालवानी, नई दिल्ली। सिनेमा की रंगीन दुनिया में हर तरह की फिल्में बनती हैं। यहां कॉमेडी जॉनर पसंद किया जाता है, तो ड्रामे से भरपूर फिल्मों का भी अपना ही मजा है। इन सबके बीच कुछ फिल्में ऐसी भी होती हैं, जिसमें वो सच दिखाया जाता है, जिससे करोड़ों लोग अनजान होते हैं। वर्षों से फिल्म इंडस्ट्री का महत्वपूर्ण चेहरा रहे सनोज मिश्रा ने फिल्म 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' में ऐसे ही एक सच को दिखाने का साहस किया है।
सनोज मिश्रा ने 'गांधीगिरी', 'श्रीनगर' जैसी कई फिल्में बनाई हैं और अब बंगाल की कहानी को उन्होंने पर्दे पर दिखाया है। 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' उस बंगाल की कहानी है, जहां लोगों में प्यार है, तो हिंसा भी कहीं न कहीं पनप रही है। यह क्यों हैं और वहां के लोग इससे उबरने का प्रयास कैसे करते हैं, इस बारे में डायरेक्टर सनोज मिश्रा ने जागरण डॉट कॉम से खास बातचीत करते हुए फिल्म की मेकिंग में आने वाली परेशानियों सहित कंगना रनौत (Kangana Ranaut) से मिले साथ तक के बारे में बात की।
जंगल में हुई फिल्म की शूटिंग
'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' की शूटिंग कोलकाता के अलग-अलग लोकेशन्स पर हुई है। डायरेक्टर सनोज मिश्ना ने बताया कि 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' एक गंभीर मुद्दा है, इसलिए कोलकाता में इसकी शूटिंग जितनी आसान लग रही थी, उतनी थी नहीं। फिल्म के सीन्स को जंगल में शूट किया गया। फिर मूवी की रिलीज से पहले उन्हें धमकी भरे कॉल आ रहे थे। इस फिल्म को बैन करने की मांग भी तेज थी क्योंकि यह उस बंगाल को दिखाती है, जहां रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशियों की वजह से वहां के लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।बॉलीवुड से सिर्फ कंगना ने दिया साथ
सनोज मिश्रा ने बताया कि जब उनकी फिल्म पर विवाद शुरू हुआ, तो बॉलीवुड से उनके सपोर्ट में सिर्फ कंगना रनौत ने बात की। रिलीज से कुछ दिन पहले वह पुलिस के बुलावे पर कोलकाता गए थे। वहां के हालात और अपनी फिल्म पर बढ़ रहे विवाद को देखते हुए उन्हें खुद के साथ गलत होने की आशंका हुई, जिसके बाद वह तुरंत वहां से निकल गए। इस बीच उनका फोन बंद था। ऐसे में किसी को उनकी लोकेशन का पता नहीं लग पा रहा था।डायरेक्टर ने कहा कि कंगना रनौत अब एक एक्ट्रेस होने के साथ-साथ सांसद भी हैं। जब उन्हें मेरी गुमशुदगी और धमकियों के बारे में पचा चला, तो उन्होंने सोशल मीडिया पर तो पोस्ट किया ही। साथ ही ऑफ कैमरा भी मेरे हक में मदद का हाथ आगे बढ़ाया। ''जब मुझे इस तरह की धमकियां मिल रही थीं, तब कंगना रनौत ने साथ दिया। वह झांसी की रानी हैं। वह ऐसी अजीब शख्सियत हैं, जो दुनिया में एक ही हैं और अपनी लाइफ में बहुत हिम्मत का काम किया है उन्होंने। वह नायक हैं, जिसने किसी की तकलीफ को समझकर उसके साथ खड़े होने की हिम्मत जुटाई।''