बंगाल पर फिल्म बनाने के लिए सनोज मिश्रा को चुकानी पड़ी ये कीमत, निडर होकर कहा- अब दिखाऊंगा मणिपुर का सच
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कई तरह की फिल्में बनती आई हैं जिन्हें दर्शकों का भरपूर प्यार भी मिलता है। अगस्त में हॉरर-कॉमेडी फिल्म स्त्री 2 और ड्रामे से भरपूर दूसरे जॉनर की फिल्मों ने जहां लोगों के बीच जगह बनाई वहीं एक कहानी बंगाल के हालातों पर बनी फिल्म द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल भी रिलीज हुई। निर्देशक सनोज मिश्रा ने फिल्म को लेकर आने वाले चैलेंज पर बात की।
करिश्मा लालवानी, नई दिल्ली। पिछले दिनों बंगाल में ट्रेनी डॉक्टर हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। लोग अब तक उसे भूल नहीं पाए हैं। एक ओर जहां बंगाल के लोग इन दिनों गुस्से की आग में जल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर डायरेक्टर सनोज मिश्ना ने लोगों को बंगाल का ही वह चेहरा दिखाने का साहस किया है, जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं।
जागरण डॉट कॉम से बातचीत में सनोज मिश्रा ने फिल्म की मेकिंग के दौरान आने वाले चैलेंज, ममता बनर्जी सरकार सहित कई चीजों पर बात की।
कश्मीर, केरल के बाद अब बंगाल की बारी
सिनेमा की रंगीन दुनिया में हर तरह की फिल्में बनती आई हैं, जिसमें कश्मीर, केरल, नक्सलवाद जैसे गंभीर मुद्दों पर बनी मूवीज भी शामिल हैं। इस लिस्ट में अब 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' का नाम भी शामिल हो चुका है, जिसे बॉक्स ऑफिस पर लोगों का सपोर्ट और प्यार दोनों मिल रहा है। हालांकि, इस फिल्म की मेकिंग सनोज मिश्रा के लिए आसान नहीं थी।बंगाल में फिल्म शूट करना सबसे बड़ा चैलेंज था
सनोज मिश्रा ने बताया कि बंगाल पर फिल्म बनाना उनके लिए काफी चैलेंजिंग रहा। बंगाल की कहानी है, तो बिना बंगाल के दिखाई नहीं जा सकती। अगर बहुत बड़े एक्टर्स होते, तो वो मेरे तरीके से काम नहीं करते। लेकिन जो मैंने आर्टिस्ट लिए, उनको मैंने पूरी तरह से ऐसे ट्रेन किया कि बगैर डायलॉग के भी सीन शूट हो जाए। यहां तक कि जो टेक्नीशियन भी होते थे, कई बार उन्हें भी पता नहीं चलता था कि शूट क्या है। हालांकि, इसी में एक चैलेंज ये भी होता था कि अगर गले से आवाज नहीं निकली, तो परफॉर्मेंस भी कमजोर हो जाएगा।