Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

बंगाल पर फिल्म बनाने के लिए सनोज मिश्रा को चुकानी पड़ी ये कीमत, निडर होकर कहा- अब दिखाऊंगा मणिपुर का सच

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कई तरह की फिल्में बनती आई हैं जिन्हें दर्शकों का भरपूर प्यार भी मिलता है। अगस्त में हॉरर-कॉमेडी फिल्म स्त्री 2 और ड्रामे से भरपूर दूसरे जॉनर की फिल्मों ने जहां लोगों के बीच जगह बनाई वहीं एक कहानी बंगाल के हालातों पर बनी फिल्म द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल भी रिलीज हुई। निर्देशक सनोज मिश्रा ने फिल्म को लेकर आने वाले चैलेंज पर बात की।

By Karishma Lalwani Edited By: Karishma Lalwani Updated: Sat, 07 Sep 2024 03:50 PM (IST)
Hero Image
'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' डायरेक्टर सनोज मिश्रा

करिश्मा लालवानी, नई दिल्ली। पिछले दिनों बंगाल में ट्रेनी डॉक्टर हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। लोग अब तक उसे भूल नहीं पाए हैं। एक ओर जहां बंगाल के लोग इन दिनों गुस्से की आग में जल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर डायरेक्टर सनोज मिश्ना ने लोगों को बंगाल का ही वह चेहरा दिखाने का साहस किया है, जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं।

जागरण डॉट कॉम से बातचीत में सनोज मिश्रा ने फिल्म की मेकिंग के दौरान आने वाले चैलेंज, ममता बनर्जी सरकार सहित कई चीजों पर बात की।

कश्मीर, केरल के बाद अब बंगाल की बारी

सिनेमा की रंगीन दुनिया में हर तरह की फिल्में बनती आई हैं, जिसमें कश्मीर, केरल, नक्सलवाद जैसे गंभीर मुद्दों पर बनी मूवीज भी शामिल हैं। इस लिस्ट में अब 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' का नाम भी शामिल हो चुका है, जिसे बॉक्स ऑफिस पर लोगों का सपोर्ट और प्यार दोनों मिल रहा है। हालांकि, इस फिल्म की मेकिंग सनोज मिश्रा के लिए आसान नहीं थी।

बंगाल में फिल्म शूट करना सबसे बड़ा चैलेंज था

सनोज मिश्रा ने बताया कि बंगाल पर फिल्म बनाना उनके लिए काफी चैलेंजिंग रहा। बंगाल की कहानी है, तो बिना बंगाल के दिखाई नहीं जा सकती। अगर बहुत बड़े एक्टर्स होते, तो वो मेरे तरीके से काम नहीं करते। लेकिन जो मैंने आर्टिस्ट लिए, उनको मैंने पूरी तरह से ऐसे ट्रेन किया कि बगैर डायलॉग के भी सीन शूट हो जाए। यहां तक कि जो टेक्नीशियन भी होते थे, कई बार उन्हें भी पता नहीं चलता था कि शूट क्या है। हालांकि, इसी में एक चैलेंज ये भी होता था कि अगर गले से आवाज नहीं निकली, तो परफॉर्मेंस भी कमजोर हो जाएगा।

'हर पल था मौत का खतरा'

डायरेक्टर सनोज मिश्रा ने कहा, ''फिल्म को मूक और बधिर की तरह शूट किया गया है। लेकिन फिल्म देखकर इस बात की भनक तक नहीं लगेगी। मेरा प्रयास था कि मैं कुछ ऐसा काम करूं, जिससे लोगों में अच्छा मैसेज जाए। हालांकि, हर पल मौत का खतरा था, पता नहीं कब कौन मार देगा, कहां से बम चल जाएगा। फिल्म रिलीज होने के बाद समस्याएं और बढ़ गईं। धमकी मिलना, कराची, पाकिस्तान से फतवा आना। एक करोड़ का इनाम रखा गया अगर मेरी गर्दन काट जी जाए। लेकिन मैं इन पर ध्यान नहीं देता। धमकी वाले धमकाते रहेंगे और मैं अपना काम करता रहूंगा।''

मणिपुर की घटना का भी सच आएगा सामने?

''द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल के बाद मेरा अगला सब्जेक्ट मणिुपर पर होगा- द डायरी ऑफ मणिपुर। इस पर 30 प्रतिशत तक काम हो चुका है। मैं चाहता हूं कि वह चीजें जिन पर देश दुनिया के लोग बात करने से कतराते हैं, बचते हैं, मैं चाहता हूं कि उसे लोगों के सामने मुखर होकर बोलूं।''

यह भी पढ़ें: 'जरूरत के समय काम नहीं आए रवि किशन' धमकियों के बीच Kangana Ranaut ने यूं बचाई डायरेक्टर सनोज मिश्रा की जान