अपना पहला नेशनल अवॉर्ड लेने रिक्शे में गए थे Manoj Bajpayee, कहा- आज भी बीवी मुझसे सब्जियां मंगाती है
हिंदी सिनेमा के सबसे बेहतरीन कलाकारों में से एक मनोज बाजपेयी की फिल्म गुलमोहर को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में स्पेशल मेंशन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है। वह अक्टूबर के महीने में अपने इस अवॉर्ड को रिसीव करने वाले हैं। इस खुशी को दैनिक जागरण के साथ साझा करते उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों के बारे में बातचीत की।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। किसी विशेष अवॉर्ड समारोह में खास तरह के कपड़ों में जाना तो बनता ही है। 70 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में मनोज बाजपेयी को ‘गुलमोहर’ फिल्म के लिए स्पेशल मेंशन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। अक्टूबर में वह इसे लेने के लिए पुरस्कार समारोह में शामिल होंगे। इस खास दिन के लिए मनोज जो भी पहनकर जाएंगे, उसके लिए उनकी पत्नी शबाना रजा की सहमति बेहद जरूरी है।
मनोज कहते हैं, ‘कपड़ों को लेकर मेरी समझ खास नहीं है। मेरी पत्नी को इसकी बहुत अच्छी समझ है। वह मॉडल भी रह चुकी हैं। मेरे कुछ डिजाइनर दोस्त हैं, वह भी सलाह देते हैं। दिल्ली के एक बड़े डिजाइनर हैं, जिनका फोन उसी दिन आ गया था, जिस दिन राष्ट्रीय पुरस्कार की घोषणा हुई थी। उन्होंने कहा कि तुम केवल मेरे डिजाइन किए हुए कपड़े पहनोगे।खैर, मैं जो भी पहनूंगा उन कपड़ों को लेकर शबाना की सहमति जरूरी है। जब घर की साज-सजावट भी होती है, तो मुझे बातचीत में इसलिए शामिल किया जाता है, ताकि अगर कल को कुछ गड़बड़ हो तो यह कहा जा सके कि आप भी इसका हिस्सा थे। नहीं तो उन्हें मेरी जरूरत नहीं होती है। मैं कुछ भी राय देता हूं, तो मुझे चुप करा दिया जाता है कि तुम्हें कुछ नहीं पता है।’
जब ‘सत्या’ फिल्म के दौरान मनोज को पहली बार बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था, तो उन्होंने कपड़ों को लेकर क्या जुगाड़ लगाया था?
इस पर वह हंसते हुए बताते हैं, ‘मैंने एक डिजाइनर को फोन किया था, तब उन्होंने कपड़े दिए थे। फिर उन्होंने मेरी एक-दो फिल्मों में काम भी किया था।’यह भी पढ़ें: Manoj Bajpayee ने करोड़ों में बेचा अपना लग्जरी अपार्टमेंट, 11 साल पहले वाइफ के साथ खरीदा था