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The Kerala Story: विपुल शाह की फिल्म 'द केरल स्टोरी' में महिला तस्करी की दहलाने वाली कहानी, देखें टीजर

The Kerala Story विपुल अमृतलाल शाह ने इससे पहले ह्यूमेन वेब सीरीज बनायी थी जो डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई थी। इस सीरीज में मेडिकल की दुनिया में अवैध रूप से दवाओं के परीक्षण के मुद्दे को हाइलाइट किया था।

By Manoj VashisthEdited By: Updated: Tue, 22 Mar 2022 02:26 PM (IST)
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The Kerala Story Announcement Teaser. Photo- Instagram
नई दिल्ली, जेएनएन। निर्माता-निर्देशक विपुल अमृतलाल शाह ने वेब सीरीज ह्यूमेन के बाद अपने अगले प्रोजेक्ट का एलान किया है। ह्यूमेन में गैर कानूनी रूप से ड्रग टेस्टिंग की कहानी दिखाने वाले विपुल इस बार केरल में महिलाओं की तस्करी के दहलाने वाली दास्तां पर्दे पर लेकर आ रहे हैं। द केरल स्टोरी शीर्षक से बनायी जा रही फिल्म का एलान एक टीजर के साथ किया गया है। 

इस एनाउंसमेंट वीडियो में आंकड़ों के आधार पर तस्करी के बारे में बताया गया है कि केरल से आईएसआईएस और दुनिया के अन्य युद्धग्रस्त क्षेत्रों के लिए व्यवस्थित अपहरण और हजारों महिलाओं की तस्करी की जाती है। आंकड़ों की मानें तो 32000 से अधिक महिलाओं का अवैध व्यापार किया गया है और यह मौजूदा दौर में अति चिंतनीय है। द केरल स्टोरी को सुदीप्ता सेन ने लिखा है और वही निर्देशित भी कर रहे हैं। 

निर्माता विपुल अमृतलाल शाह ने कहा- "यह कहानी एक मानवीय त्रासदी की है, जो आपको अंदर तक झकझोर देगी। जब सुदीप्तो ने आकर मुझे 3-4 साल से ज्यादा के अपने रिसर्च के साथ सुनाया तो पहली ही बार में मैं रो पड़ा था। उसी दिन मैंने इस फिल्म को बनाने का फैसला किया। मुझे खुशी है कि अब हम फिल्म के साथ आगे बढ़ रहे हैं और हम घटनाओं की एक बहुत ही वास्तविक, निष्पक्ष और सच्ची कहानी बनाने की उम्मीद करते हैं।"

सुदीप्तो सेन ने बताया, "हाल ही में एक जांच के अनुसार, 2009 से केरल और मैंगलोर की लगभग 32,000 लड़कियों को हिंदू और ईसाई समुदायों से इस्लाम में परिवर्तित किया गया है और उनमें से ज्यादातर सीरिया, अफगानिस्तान और अन्य आईएसआईएस और हक्कानी प्रभावशाली क्षेत्र में पहुंच जाती हैं। इन फैक्ट्स को स्वीकार करने के बावजूद सरकारी स्तर पर कोशिशें नहीं की जा रहीं।''

सुदीप्ता ने बताया कि रिसर्च के लिए उनकी टीम ने इस क्षेत्र की बड़े पैमाने पर यात्रा की और भागी हुई लड़कियों की मांओं के आंसू देखे हैं। हमने उनमें से कुछ को अफगानिस्तान और सीरिया की जेलों में पाया। ज्यादातर लड़कियों की शादी ISIS  के खूंखार आतंकियों से हुई थी और उनके बच्चे भी हैं। यह महत्वपूर्ण फिल्म उन सभी मांओं के दर्द को सामने लेकर आएगी, जिन्होंने अपनी बेटियों को खो दिया है।"