The Kerala Story: शत्रुघ्न सिन्हा ने पश्चिम बंगाल में बैन को ठहराया सही, रिलीज की टाइमिंग को लेकर उठाया सवाल
The Kerala Story द केरल स्टोरी बॉक्स ऑफिस पर भले ही अच्छी कमाई कर रही है लेकिन इस फिल्म के पश्चिम बंगाल में लगे बैन पर कई सितारों ने अपनी नाराजगी जताई है। हालांकि अब दिग्गज अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने इस बैन को सही ठहराया है।
By Tanya AroraEdited By: Tanya AroraUpdated: Thu, 11 May 2023 05:14 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। The Kerala Story Raw: सुदीप्तो सेन के निर्देशन में बनी फिल्म द केरल स्टोरी रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई थी। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश जैसी जगहों पर जहां अदा शर्मा स्टारर इस फिल्म को टैक्स फ्री किया गया, तो वहीं पश्चिम बंगाल में इस फिल्म को पूरी तरह से बैन कर दिया गया और तमिलनाडु के मल्टीप्लेक्स थिएटर में भी इसे नहीं रिलीज किया गया।
फिल्म के बैन के बाद जहां कंगना रनोट से लेकर अनुराग कश्यप और विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपनी निराशा व्यक्त की, तो वहीं अब शत्रुघ्न सिन्हा ने इस बैन को सही बताते हुए ममता बनर्जी का समर्थन किया है।
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा-कानून व्यवस्था नहीं बिगड़नी चाहिए
शत्रुघ्न सिन्हा ने हाल ही में ई-टाइम्स को दिए इंटरव्यू में बताया कि वह लगातार ट्रेवल कर रहे हैं। इसके साथ ही उनसे जब द केरल स्टोरी पर पश्चिम बंगाल में लगे बैन पर पूछा गया, तो एक्टर और पॉलिटिशियन ने जवाब देते हुए कहा, "मैं सबसे पहले ये बताना चाहता हूं कि मैंने द केरल स्टोरी नहीं देखी है।मैं ट्रेवलिंग में इतना ज्यादा व्यस्त था कि मैंने अभी तक अपनी बेटी की सीरीज 'दहाड़' भी नहीं देखी। मैं ये बताना चाहता हूं कि मैं हमेशा अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खड़ा हुआ हूं। मुझे लगता है हर इंसान को ये अधिकार है कि वह जो कहना चाहता है, कह सकता है, लेकिन किसी राज्य की कानून व्यवस्था को ताक पर लगाकर नहीं"।
जो राज्य के लिए खतरा पैदा करे, उस आजादी पर रोक लगनी चाहिए- शत्रुघ्न सिन्हा
एक्टर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "अगर कोई फिल्म किसी राज्य की शांति के लिए खतरा पैदा कर सकती है, तो उस पर रोक लगना जरूरी है। जैसे अपनी बात कहने का सबको अधिकार है, वैसे ही कानून का भी आधिकार है"। ममता बनर्जी के फैसले का समर्थन करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, "ममता बनर्जी बहुत दूर की सोच रखने वाली लीडर हैं।
अगर उन्हें लगता है कि इस फिल्म से कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है, उसके लिए उनके पास ठोस कारण होगा। वह भी हमेशा अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खड़ीं रही हैं। अगर उन्हें ये लगता है कि एक निश्चित वर्ग के लोगों के लिए ये सही नहीं है, तो उन्हें ये पूरा अधिकार है कि वह वहीं करें जो उन्हें सही लगता है"।