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Tom Alter Birth Anniversary: हिंदी सिनेमा का वो दिग्गज अभिनेता, जिसने लिया सचिन तेंदुलकर का पहला TV इंरटव्यू

Tom Alter Birth Anniversary बॉलीवुड के अंग्रेज कहे जाने वाले टॉम ऑल्टर ने कई तरह के बेहतरीन किरदार निभाकर अपना दमखम साबित किया था। 1970 के कुछ वर्षों से लेकर 2017 तक उन्होंने अनगिनत फिल्मों में काम किया जिसमें उनके अभिनय को खूब सराहना मिली। टॉम को उनके लुक की वजह से शुरुआत में विदेशी शख्स के किरदार मिलते थे।

By Karishma LalwaniEdited By: Karishma LalwaniUpdated: Thu, 22 Jun 2023 01:39 PM (IST)
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File Photo of Late Actor Tom Alter. Photo Credit: Film History Pics
नई दिल्ली, जेएनएन। Memorable Characters of Tom Alter: 22 जून को हिंदी सिनेमा के एक ऐसे अभिनेता की बर्थ एनिवर्सरी मनायी जाती है, जो सूरत से अंग्रेज, मगर दिल से हिंदुस्तानी थे। यह अभिनेता हैं- टॉम ऑल्टर। लगभग चार दशक के करियर में 100 से अधिक फिल्में करने वाले टॉम थिएटर के दिग्गजों में गिने जाते थे। 

29 सितंबर, 2017 को कैंसर के चलते उनका निधन हो गया था। जयंती के मौके पर जानेंगे अभिनेता बनने से पहले उनकी निजी जिंदगी के बारे में और साथ ही उनके द्वारा हिंदी फिल्मों में निभाए गए कुछ बेहतरीन रोल्स।

उत्तराखंड में जन्मे थे टॉम ऑल्टर

टॉम ऑल्टर का जन्म 22 जून, 1950 को उत्तराखंड के मसूरी में हुआ था। उनका परिवार विभाजन के बाद दो हिस्सों में बंट गया था। 1916 में अमेरिका से उनके दादा-दादी मद्रास (चेन्नई) आ गए, और कुछ वर्षों बाद पाकिस्तान के लाहौर में जा बसे। विभाजन के बाद टॉम ऑल्टर के दादा-दादी ने पाकिस्तान में रहना चुना, और उनके माता-पिता भारत आ गए।

उर्दू पर थी मजबूत पकड़

टॉम ऑल्टर शक्ल से पूरे अंग्रेज लगते थे। मगर अपने रंग रूप के विपरीत वह हिंदी बोलने के इतने अच्छे थे कि उन्हें भारत का ब्रांड एंबेसडर कहा जाता था। हिंदी के साथ ही उर्दू भाषा पर भी टॉम ऑल्टर की मजबूत पकड़ थी। टॉम साल 1980 से लेकर 1990 के दशक में स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट भी रहे थे। वह पहले जर्नलिस्ट थे, जिन्होंने टीवी पर सचिन तेंदुलकर का इंटरव्यू लिया था, जब वह क्रिकेट में कदम रखने जा रहे थे।

इन फिल्मों में निभाए दमदार किरदार

टॉम ऑल्टर ने चरस फिल्म से सिनेमा में डेब्यू किया था। कहा जाता है कि टॉम ऑल्टर ने राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) की 'आराधना' देखने के बाद एक्टर बनने का फैसला किया था। उन्होंने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) ज्वाइन किया, और वहां से एक्टिंग की बारीकियां सिखीं।

(Photo Credit: Film History Pics)

टॉम ऑल्टर का यह फैसला सही भी साबित हुआ। हिंदी सिनेमा में बतौर अभिनेता उन्हें अपार सफलता मिली। उनकी कद-काठी और रूप-रंग ही कुछ ऐसा था कि छोटे से रोल में भी उनकी उपस्थिति को नजरअंदाज करना मुश्किल था। चलिए जानते हैं, उनके द्वारा निभाए गए और रोल्स के बारे में।

शतरंज के खिलाड़ी

1977 में आई सत्यजीत रे की यह फिल्म मुंशी प्रेमचंद की लघुकथा पर आधारित थी। फिल्म की मूल कहानी 1857 के विद्रोह की पूर्व संध्या पर दो अमीर व्यक्तियों को दिखाती है है, जो ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों के बीच हो रहे शतरंज के खेल में शामिल होते हैं। फिल्म में टॉम ऑल्टर ने कैप्टन वेस्टन की भूमिका निभाई थी।

क्रांति

यह फिल्म 19वीं शताब्दी की कहानी को दिखाती है, जब भारत स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहा था। मूवी में टॉम ऑल्टर का किरदार ब्रिटिश अधिकारी का था।

गांधी

महात्मा गांधी की जिंदगी पर बनी रिचर्ड एटनबरो की फिल्म गांधी में टॉम ऑल्टर का रोल बहुत छोटा सा था। फिल्म में उनका रोल महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी की देखभाल करने वाले डॉक्टर का था। यह रोल भले ही छोटा था, लेकिन टॉम ने इस भूमिका को बहुत ही संजीदगी के साथ फिल्मी पर्दे पर उतारा था।

(Photo Credit: Film History Pics)

परिंदा

विधु विनोद चोपड़ा द्वारा निर्देशित 'परिंदा' क्राइम ड्रामा मूवी है। यह फिल्म अंडरवर्ल्ड की कहानी पर आधारित है, जिसमें टॉम ने गैंगस्टर मूसा की भूमिका निभाई थी।

आशिकी

90 के दशक की यह सुपरहिट मूवी आज भी पसंद की जाती है। फिल्म में टॉम ने हॉस्टल के वार्डन का रोल निभाया था, जो अनु वर्गीज (अनु अग्रवाल) की जिंदगी को नर्क बना देता है। यह रोल उनके करियर के चैलेंजिंग और दमदार किरदारों में से एक था।

वीर-जारा

यश चोपड़ा की खूबसूरत फिल्म 'वीर जारा', वीर (शाह रुख खान) और जारा (प्रीति जिंटा) की प्रेम कहानी है, मगर फिल्म के बाकी कलाकारों में टॉम ऑल्टर का रोल भी याद किए जाने लायक है। उन्होंने मूवी में डॉक्टर यूसुफ की छोटी सी भूमिका निभाई थी।

लोकनायक

प्रकाश झा द्वारा निर्देशित टॉम ऑल्टर की यह मूवी लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) की लाइफ पर आधारित है। इस मूवी में जहां चेतन पंडित जयप्रकाश नारायण बने थे, तो टॉम ऑल्टर ने महात्मा गांधी के सिद्धांतों का समर्थन करने वाले अबुल कलाम आजाद की भूमिका निभाई थी।

पद्मश्री से थे सम्मानित

2008 में टॉम ऑल्टर को हिंदी सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। टॉम ऑल्टर की आखिरी फिल्म उनकी मौत के 2 साल बाद रिलीज हुई थी, जिसका नाम किताब है। यह एक शॉर्ट फिल्म है।