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रोमांटिक फिल्में बनाने के बादशाह थे यश चोपड़ा, हर फिल्म में इन नई तरकीबों से जीता सबका दिल

Yash Chopra Death Anniversary दिवंगत यश चोपड़ा ने अपने पूरे करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं। आज भी उनकी बनाई फिल्मों को दर्शक देखना पसंद करते हैं। आज उनकी 10वीं पुण्यतिथी है इस मौके पर जानते हैं उनसे जुड़े रोचक किस्से।

By Karishma LalwaniEdited By: Updated: Sat, 22 Oct 2022 09:14 AM (IST)
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File Photo of Late Director Yash Chopra
नई दिल्ली, जेएनएन। Yash Chopra Death Anniversary: बॉलीवुड के मशहूर निर्माता रहे दिवंगत यश चोपड़ा का नाम इंडस्ट्री में बड़े ही अदब के साथ लिया जाता है। आज भले ही वह इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी फिल्मों के जरिये उन्हें आज भी याद किया जाता है। यह उनकी बारीक नजर ही थी, जिससे वह अपनी हर फिल्म में कुछ नया और बेहतरीन दर्शकों को दे पाते थे। अपनी फिल्मों में रोमांटिक एंगल भी इस कदर पेश करते थे, कि उसमें प्यार हो लेकिन फूहड़ता नहीं। शायद यही वजह है कि उन्हें 'किंग ऑफ रोमांस' का नाम दे दिया गया था। उनकी डेथ एनिवर्सरी पर जानते हैं उनसे जुड़े कुछ रोचक किस्से।

भाई की कंपनी से की थी शुरुआत

यश चोपड़ा ने करियर की शुरुआत अपने भाई बीआर चोपड़ा की फिल्मों से बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर की थी। इसी बैनर तले उन्होंने बहुत सी फिल्में बनाई, जिनमें धूल का फूल, धर्मपुत्र, वक्त जैसी फिल्में शामिल हैं। 1971 में कुछ वर्षों बाद भाई से अलग होकर अपनी प्रोडक्शन कंपनी खोली, जिसकी वजह से उनके भाई और उनके बीच मतभेद हो गए। लेकिन करियर को नई दिशा देने के इच्छुक यश चोपड़ा ने अपनी प्रोडक्शन कंपनी खोली। इसके लिए वो अपनी पहली ही फिल्म के प्रोड्यूसर बने, जिसका नाम था 'दाग।'

यशराज फिल्म्स में राज कौन?

यश चोपड़ा अपने नाम में राज नहीं लगाते, लेकिन यशराज बैनर में 'राज' जरूर लिखते हैं। इसका क्रेडिट राजेश खन्ना को ही जाता है। दरअसल, जब यश चोपड़ा ने अपने प्रोडक्शन के अंतर्गत पहली मूवी 'दाग' बनाई थी, तो उस वक्त कोई डिस्ट्रीब्यूटर नहीं था। तब राजेश खन्ना, यश चोपड़ा की यह फिल्म फ्री में करने को तैयार हो गए थे, जो कि यश चोपड़ा के लिए बड़ी राहत वाली बात थी। दाग 1973 में रिलीज हुई। फिल्म पहले दिन बमुश्किल 9 थिएटर्स में रिलीज हुई, शाम होते-होते और थिएटर्स जुड़ते चले गए। कुछ ही दिनों में फिल्म हिट हो चुकी थी। इस वजह से राजेश खन्ना की एक मदद को लंबे अरसे तक यश चोपड़ा भूल नहीं पाए। ऐसी चर्चा है कि यशराज फिलम्स में से 'राज' राजेश खन्ना के नाम से लिया गया था। हालांकि, यशराज कैंप ने कभी आधिकारिक बयान नहीं दिया।

(Photo Credit: Movies N Memories Twitter)

रानी मुखर्जी के पेरेंट्स को कर दिया था लॉक?

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, एक पुराने इंटरव्यू में रानी मुखर्जी ने बताया कि कभी यश चोपड़ा उनसे इस कदर नाराज हो गए थे कि, उनके पेरेंट्स को लॉक करने की धमकी दे डाली थी। यह वह दौर था जब रानी मुखर्जी एक के बाद एक कई फिल्मों को करने से इंकार कर रही थीं। उन्होंने 'साथिया' को करने से भी मना कर दिया था, जिससे नाराज होकर यश चोपड़ा ने उनके माता-पिता को लॉक करने की धमकी दे डाली। उन्होंने इस धमकी को सच भी कर दिखाया।

(Photo Credit: Rani Mukherjee Official)

जब यश चोपड़ा ने रानी मुखर्जी के मम्मी-पापा को ऑफिस बुलाया, तो उन्होंने बताया कि वह कोई फिल्म नहीं करना चाहतीं। इतना सुनते ही वह कमरे से बाहर चले गए और उनके मम्मी-पापा को वहीं लॉक कर दिया। रानी से कहा कि जब तक वह फिल्म के लिए हां नहीं करेंगी, उनके मम्मी-पापा को बाहर नहीं निकाला जाएगा।

ट्रेंड सेटर थे यश चोपड़ा

'किंग ऑफ रोमांस' के नाम से मशहूर यश चोपड़ा किसी भी ट्रेंड को सेट करने के लिए जाने जाते थे। वह अपनी सभी फिल्मों के लीड कैरेक्टर्स की एक्टिंग से लेकर हर एक बात पर बारीकी से ध्यान देते थे। 'चांदनी' फिल्म को ही ले लीजिए। इस फिल्म में श्रीदेवी ने जो साड़ियां पहनी थीं, वह ट्रेंड बन गई थी। न सिर्फ यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही, बल्कि श्रीदेवी के लुक और ड्रेसिंग सेंस ने भी वाहवाही लूटी। इसी तरह वह अपनी बाकी फिल्मों में भी कहानी के साथ ही एक्टर्स के लुक्स पर एक्सपेरिमेंट करते थे।

1965 में उन्होंने 'वक्त' फिल्म बनाई थी और इस फिल्म के जरिये हिंदी सिनेमा को एक ऐसा उपकरण दिया, जिसे दशकों तक इस्तेमाल किया जा सके। इतना ही नहीं, 'वक्त' के साथ उन्होंने हिंदी फिल्मों में कलाकारों की टुकड़ी की अवधारणा भी पेश की।

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