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Valentine's Day: धर्म, परिवार और रुतबा..., शाह रुख-गौरी की लव स्टोरी में थे कई दुश्मन, SRK ने बेले खूब पापड़

Valentines Day 2024 गौरी खान और शाह रुख खान का साथ 30 सालों से भी ज्यादा का है। उनकी शादी भले 1991 में हुई हो लेकिन लव स्टोरी तो 80 के दशक में ही शुरू हो गई थी वो भी तब जब दोनों स्कूल में थे। 19 साल के शाह रुख खान पहली नजर में ही 14 साल की गौरी पर दिल हार बैठे थे।

By Vaishali Chandra Edited By: Vaishali Chandra Updated: Thu, 08 Feb 2024 04:27 PM (IST)
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शाह रुख-गौरी की लव स्टोरी में थे कई दुश्मन, (X Image)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। शाह रुख खान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के किंग ऑफ रोमांस कहे जाते हैं। पर्दे पर उनका रोमांस सुपरहिट है, लेकिन रियल लाइफ में एक्टर ने खूब पापड़ बेले थे। शाह रुख खान और गौरी खान की लव स्टोरी किसी मसाला फिल्म से कम नहीं है। धर्म से लेकर समाज में रुतबे तक, दोनों का बैकग्राउंड बिल्कुल अगल था, लेकिन शाह रुख की गौरी को पाने की जिद उनके प्यार को शादी के मुकाम तक ले आई।

गौरी खान और शाह रुख खान का साथ 30 सालों से भी ज्यादा का है। उनकी शादी भले 1991 में हुई हो, लेकिन लव स्टोरी तो 80 के दशक में ही शुरू हो गई थी, वो भी तब जब दोनों स्कूल में थे।

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14 साल की गौरी और 19 साल के शाह रुख

दिल्ली के अमीर परिवार से ताल्लुक रखने वाली गौरी छिब्बर से शाह रुख खान की पहली मुलाकात 1984 में हुई था। उस वक्त गौरी की उम्र 14 साल थी और शाह रुख 19 साल के थे। दोनों की पहली मुलाकात पंचशील क्लब में चल रही एक पार्टी में हुई थी। गौरी को पहली बार देखते ही शाह रुख अपना दिल हार बैठे थे, लेकिन किंग ऑफ रोमांस रियल लाइफ में बेहद शर्मीले थे। ऐसे में गौरी से दोस्ती करने में उनकी तीन मुलाकाते खर्च हो गई।

शाह रुख से गौरी ने बोला झूठ

शाह रुख पहली बार देखते ही गौरी के पास बात करने पहुंचे और डांस करने के लिए पूछा, लेकिन गौरी ने जवाब में कहा कि वो अपने दोस्त का इंतजार कर रही हैं। शाह रुख थोड़ा मायूस हुए, लेकिन फिर उन्हें पता चला कि वो लड़का गौरी का भाई विक्रांत छिब्बर है। फिर क्या था शाह रुख, गौरी को इम्प्रेस करने में लग गए।

कोड वर्ड में होती थी बात

गौरी छिब्बर जिस भी पार्टी में पहुंचती, शाह रुख खान उनके पीछे- पीछे पहुंच जाते थे, क्योंकि उनके पास मिलने के लिए दूसरी कोई जगह नहीं थीं। तीसरी मुलाकात में शाह रुख को आखिरकार गौरी का फोन नंबर मिल गया। फिर शुरू हुआ बातों का सिलसिला। गौरी से बात करने के लिए शाह रुख कोर्ड वर्ड इस्तेमाल  करते थे। वो अपनी किसी दोस्त से गौरी के घर फोन करवाते और कहते कि शाहीन का फोन। शाहीन सुनते ही गौरी समझ जाती थी कि ये शाह रुख का फोन, क्योंकि ये उनका कोड वर्ड था। इसके बाद दोनों फोन पर लंबी बाते करते थे और घर में किसी को शक भी नहीं होता था।

गौरी के लिए परवान चढ़ता शाह रुख का प्यार

गौरी को लेकर शाह रुख खान बेहद पजेसिव थे। गर्लफ्रेंड के लिए उनका दीवानापन इतना बढ़ चुका था कि वो कई तरह की पाबंदियां लगाने लगे थे। शाह रुख, गौरी को सफेद रंग के कपड़े नहीं पहने देते थे, क्योंकि उन्हें ये ट्रांसपेरेंट लगता था। यहां तक कि वो गौरी को बाल को बांध कर रखने के लिए कहते थे, क्योंकि खुले बालों में गौरी बेहद खूबसूरत लगती थीं और उन्हें पसंद थी कि कोई और गौरी को देखें। ब्वॉयफ्रेंड की इस रोक-टोक से गौरी इतना परेशान हो गई थीं कि शाह रुख को बिना बताए गुस्सा होकर मुंबई अपने दोस्तों के साथ घूमने चली गईं।

शाह रुख को छोड़कर चली गई थीं गौरी

गौरी के मुंबई जाने की बात जैसे ही शाह रुख खान को पता चली,  वो परेशान हो गए। बस फिर क्या बिना सोचे- समझे एक्टर मुंबई के लिए रवाना हो गए। हालांकि उन्हें पता नहीं था कि गौरी कहां हैं और क्या कर रही हैं। उस दौर में मोबाइल फोन भी नहीं होते थे, तुरंत बात कर खोज- खबर ली जा सकी। एक साधारण परिवार से आने वाले शाह रुख हाथ में 400 रुपये लेकर मुंबई पहुंचे थे। जब गौरी को ढूंढने की बात आई, तो उन्हें याद आया कि गौरी को बीच साइड बहुत पसंद है। शाह रुख टैक्सी में बैठे और ड्राइवर से कहा कि मुंबई के सारे बीच पर घुमा दो जब तक 400 रुपये का भाड़ा न हो जाए। 

गौरी के लिए दर-बदर भटके शाह रुख

बिना कुछ अता-पता लिए शाह रुख कई गौरी के लिए दर-बदर भटकते रहे थे। फिर एक समुद्र किनारे उन्हें गौरी की आवाज सुनाई दी और वो उन्हें ढूंढने लगे। थोड़ी देर में शाह रुख और गौरी एक-दूसरे के आमने- सामने थे। हालांकि, एकदम अचानक शाह रुख को अपने सामने देखकर गौरी हैरान थीं।

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धर्म, परिवार और रुतबा

सालों की डेटिंग के बाद बारी आई शादी की। शाह रुख के लिए ये सबसे बड़ी परेशानी थी, क्योंकि गौरी तो मान गई थीं, लेकिन उनका परिवार इस शादी के सख्त खिलाफ था। उस दौर में इंटर रिलीजन शादी करना तो दूर सोचने भी हिम्मत की बात थी। ऐसे में गौरी से शादी करना शाह रुख खान के लिए टेढ़ी खीर था। उसके ऊपर से दोनों के स्टेटस में भी बहुत अंतर था। गौरी अमीर परिवार से थीं, तो वहीं शाह रुख गरीब फैमिली बैकग्राउंड से थे। इसके अलावा गौरी के भाई को शाह रुख से सख्त नफरत थी। यहां तक कि वो एक्टर की जान लेने तक की बात कर दी थी।

प्यार के आगे झुका परिवार

शाह रुख खान और गौरी छिब्बर के प्यार के कई दुश्मन थे, लेकिन अंत में सभी को समझ आ गया कि इन्हें अलग करना नामुमकिन है। फिर क्या था सबकी रजामंदी से दोनों पहले कोर्ट मैरिज फिर निकाल और तीसरी बार 25 अक्टूबर 1991 में शादी की।