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Exclusive: 'रक्षक' पर Varun Mitra ने खोले दिल के राज, बताया- त्रिवेणी सिंह के माता-पिता से मिलने का अनुभव

Varun Mitra Exclusive Interview On Rakshak जलेबी स्टार वरुण मित्रा ने फिल्म रक्षक- इंडियाज ब्रेव्स में पहली बार आर्मी ऑफिसर का किरदार निभाकर लाखों दिलों को जीता है। ये फिल्म लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह की जिंदगी पर आधारित है। हाल ही में वरुण मित्रा ने जागरण डॉट कॉम के साथ खास बातचीत में फिल्म को लेकर खुलकर बात की है। जानिए उन्होंने क्या कुछ कहा।

By Rinki TiwariEdited By: Rinki TiwariUpdated: Sat, 19 Aug 2023 04:04 PM (IST)
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Rakshak पर वरुण मित्रा ने की खुलकर बात। Photo-Instagram
नई दिल्ली, जेएनएन। Varun Mitra On Rakshak India's Braves: अमेजन मिनी टीवी की लेटेस्ट शॉर्ट फिल्म 'रक्षक- इंडियाज ब्रेव्स' जांबाज नौजवान लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह की कहानी है, जिसने 2 जनवरी 2004 को जम्मू रेलवे स्टेशन पर 300 लोगों की जान बचाते हुए खुद को कुर्बान कर दिया था और दो आतंकियों को मार गिराया था। 

अशोक चक्र से सम्मानित लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह पर आधारित फिल्म 'रक्षक' इन दिनों मिनी टीवी पर खूब पसंद की जा रही है। फिल्म में त्रिवेणी सिंह का किरदार टैलेंटेड एक्टर वरुण मित्रा (Varun Mitra) ने निभाया है।

हाल ही में, वरुण मित्रा ने जागरण डॉट कॉम के साथ खास बातचीत में फिल्म से लेकर त्रिवेणी सिंह के माता-पिता से मिलने तक का अपना अनुभव साझा किया है। 

'रक्षक' में लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह का किरदार निभाना आपके लिए कितना चैलेंजिंग रहा?

वरुण मित्रा- मेरे लिए ये बहुत चैलेंजिंग रहा। एक तो वह आर्मी ऑफिसर थे और ऊपर से बहुत बहादुर। मैंने सुना है कि वह रियल लाइफ में भी एक हीरो ही थे, क्योंकि वह हर किसी का सपोर्ट करते थे। जिस तरह से उनका अपने पैरेंट्स के साथ रिलेशनशिप था, अपनी सिस्टर के साथ, वह बहुत अच्छे इंसान थे।

क्या आप त्रिवेणी सिंह के माता-पिता से मिले थे?

वरुण मित्रा- हां, मैं उनकी मां, पिता और बहन से मिला था। वह भी काफी अच्छा एक्सपीरियंस रहा। उन्होंने मुझे त्रिवेणी सिंह की लाइफ के बारे में बताया। काफी कुछ चीजें उनकी फैमिली से जानने को मिली। जब आपको उस चीज के बारे में जानकारी मिल जाती है तो काम करना थोड़ा सा आसान हो जाता है। इसके बाद आप बॉडीलैंग्वेज वगैरह पर काम करते हैं।

क्या त्रिवेणी सिंह और आप में कुछ समानता मिलती है?

वरुण- मुझे उनकी मां ने बोला था कि आपके और उनमें एनर्जी में समानता है। आपकी आंखें एकदम उनकी तरह हैं। दोनों की बादाम शेप की आंखें हैं। उनकी मां ने जब ये सब चीजें बोल दी थी तो थोड़ा कॉन्फिडेंस आ गया कि चलो कैसे भी करके प्ले कर लेंगे।

'रक्षक' के बाद आपके अंदर क्या बदलाव आया?

वरुण- सेट पर सारे एक्सपीरियंस बहुत अच्छा रहा। हर कैरेक्टर प्ले करते समय कुछ न कुछ क्वालिटी आपके अंदर आ जाती है। मैं कहना चाहूंगा कि मैं सेट पर सबसे ज्यादा शांत रहा हूं। मेरे आसपास जो भी हो रहा था, मैं उसे बहुत शांत तरीके से डील कर रहा था।

ऐसा इसलिए क्योंकि मैंने सुना था कि लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह अपने आप में एक शांत इंसान थे। जिंदगी में कभी ऊपर-नीचे तो हो ही जाता है, लेकिन सेट पर मैं ज्यादातर शांत रहता था।

अपने करियर में आपका सबसे पसंदीदा कैरेक्टर कौन सा रहा?

वरुण- मुझे लगता है कि लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह का कैरेक्टर, क्योंकि वह एक रियल इंसान थे। बाकी तो मैंने फिक्शनल कैरेक्टर प्ले किये हैं। तो इस कैरेक्टर से एक अलग लेवल का प्यार हुआ। हम उनकी फैमिली से भी मिले। अटैचमेंट बहुत सच्चा था। बाकी कैरेक्टर्स तो हम अपने दिमाग में बनाते हैं।

ये वाकई बहुत स्पेशल कैरेक्टर रहा और ये मेरे लिए बहुत बड़ी बात है कि लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह की क्वालिटी को मैं आत्मसात कर सका।

आपने एक्टिंग का रुख कैसे किया? 

वरुण- वास्तव में मैं एक एक्सपोर्ट हाउस में काम करता था। मैंने 6 साल तक ये काम किया। मेरा हमेशा मन था कि मैं बॉम्बे की तरफ जाऊं और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की तरफ जाऊं। एक्टिंग में ट्राई करूं और ट्रेवल होस्ट में ट्राई करूं, लेकिन मुझे थोड़ी हिचकिचाहट थी, क्योंकि फैमिली, दोस्त और कंफर्ट दिल्ली में है। मेरा जॉब दिल्ली में था।

सैलरी ठीक-ठाक थी। वो छोड़ने में मुझे थोड़ा टाइम लगा। जब मैं 26 साल का था, तब बॉम्बे आया था। सिर्फ ये देखने के लिए कि मैं यहां टिक पाऊंगा या नहीं। उस दौरान मुझे लगा कि मुझे शिफ्ट हो जाना चाहिए। फिर मैं वापस गया और अपना जॉब क्विट किया, वहां एक थ्री मंथ नोटिस सर्व किया और फिर मैं बॉम्बे आ गया। तो ये सारी चीजें एक झटके में ही हुई हैं।