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अंग्रेजों के लिए डकैत और गरीबों के मसीहा थे दादा मुनि अशोक कुमार के पूर्वज

अशोक कुमार के स्टारडम को छूना शायद हिंदी सिनेमा में किसी भी अभिनेता के लिए मुमकिन नहीं है। नेगेटिव हो या पॉजिटिव दिग्गज अभिनेता अपने किरदार में कुछ इस कदर जान फूंकते थे कि ऑडियंस उन पर से अपनी निगाहें नहीं हटा पाती थी। बंगाली परिवार में जन्मे अशोक कुमार ने एक बार बताया था कि उनके पूर्वज डकैत थे लेकिन फिर भी लोग उनसे प्यार करते थे।

By Tanya Arora Edited By: Tanya Arora Updated: Tue, 06 Aug 2024 06:09 PM (IST)
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अशोक कुमार के पूर्वज थे डाकू/ फोटो- Jagran Graphics

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता अशोक कुमार ने अपने अभिनय से फैंस के दिलों पर एक अलग छाप छोड़ी है। छह दशक के करियर में तकरीबन 300 फिल्में करने वाले अशोक कुमार ने ब्लैक एंड व्हाइट सिनेमा से लेकर रंगीन टीवी आने तक खूब काम किया।

13 अक्टूबर 1911 को भागलपुर में जन्मे अभिनेता को हिंदी सिनेमा का पहला बड़ा स्टार माना जाता है। उनके चाहने वाले तो कई लोग उनके स्टारडम को देखते हुए उन्हें इंडियन सिनेमा का पहला सुपरस्टार मानते हैं। अशोक कुमार का असली नाम कुमुदलाल गांगुली था और लोग उन्हें से दादा मुनि पुकारते थे।

दादा मुनि बड़े भाई को कहा जाता है। साल 1936 में 'जीवन नैया' से उन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में दीं। अशोक कुमार के फिल्मी करियर से जुड़ी तो कई बातें हम जानते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि उनके पूर्वज डकैत थे। हालांकि, अभिनेता के पूर्वजों से लोग डरते नहीं थे, बल्कि उन्हें बेहद प्यार करते थे।

बंगाल के बड़े डाकू थे अशोक कुमार के पूर्वज

हिन्दू बंगाली ब्राह्मण परिवार में जन्मे अशोक कुमार ने एक खास बातचीत में ये खुलासा किया था कि उनके पूर्वज डकैत थे, जिसे सुनकर सामने इंटरव्यू ले रहीं महिला भी हैरान हो गई थीं।

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ओल्ड इज गोल्ड फिल्म्स ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अशोक कुमार के इंटरव्यू का एक छोटा सा पार्ट शेयर किया है, जिसमें जब उनसे पुरखों के बारे में पूछा जाता है, तो वह कहते हैं,

"मेरे पुरखों के बारे में एक दिलचस्प बात है। मेरे पिता जी कहते थे कि करीब 150 साल पहले बंगाल में हमारे पूर्वज डकैती करते थे। उनका नाम था रघुराज डाकू, वो बंगाल में बहुत प्रसिद्ध थे। वह सिर्फ एक इलाके में ही डकैती करते थे। अमीरों को वह लूटते और गरीबों में बांट देते थे। यही वजह थी कि लोग उन्हें बेहद प्यार करते थे"।

उन्होंने बताया कि रबिंद्रनाथ टैगोर ने भी उनके पूर्वजों के बारे में लिखा था, जिसकी कुछ पंक्तियां उन्होंने इंटरव्यूवर को भी सुनाई।

50 साल तक किया इंडस्ट्री में काम

अशोक कुमार हिंदी सिनेमा के वो अभिनेता थे, जिन्होंने दिलीप कुमार और मनोज कुमार जैसे बड़े-बड़े कलाकारों से पहले इंडस्ट्री में कदम रखा था और राजेश खन्ना, धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन जैसे सितारों के सुपरस्टार्स बनने के बाद भी वह काम करते रहे। वह जब भी पर्दे पर आते थे, तो दर्शकों को उनके अलावा स्क्रीन पर न कोई दिखता था।

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जीवन नैया से अपनी शुरुआत करने वाले अशोक कुमार ने जन्मभूमि, अछूत कन्या, इज्जत, वचन, निर्मला, प्रेम कहानी, शिकारी, साजन जैसी कई यादगार फिल्में दी। वह भारतीय सिनेमा के पहले ऐसे अभिनेता थे, जिन्होंने हॉरर फिल्मों का चलन इंडिया में शुरू किया। 1949 में उन्होंने फिल्म 'महल' में काम किया, जो हिंदी सिनेमा की पहली हॉरर मूवी है। वह एक बेहतरीन अभिनेता होने के साथ-साथ बेहतरीन सिंगर और निर्माता भी रहे हैं।

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