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Vinod Khanna Movies: साइड हीरो बनकर भी हीरो पर भारी पड़े विनोद खन्ना, इन 10 फिल्मों में दिखा अदाकारी का दम

Vinod Khanna Movies विनोद खन्ना में हर वो बात थी जिसके लिए लोग किसी सितारे के दीवाने होते हैं। हैंडसम चेहरा आकर्षक व्यक्तित्व और अभिनय में स्टाइल। विनोद खन्ना ने कई पीढ़ी के नौजवानों को अपना दीवाना बनाया था। हिंदी सिनेमा में ऐसे सितारे कम ही हुए हैं जिन्होंने अपनी पर्सनैलिटी से ही नहीं अपनी फिल्मों से भी सिनेमा को प्रभावित किया।

By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Fri, 06 Oct 2023 07:22 PM (IST)
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विनोद खन्ना ने फिल्मों में नायक और खलनायक के किरदार निभाये। फोटो- स्क्रीनशॉट
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Vinod Khanna Hit Movies: विनोद खन्ना हिंदी सिनेमा के उन कलाकारों में शामिल हैं, जिन्होंने अपने लुक्स के साथ अभिनय से भी दर्शकों को दीवाना बनाया। अपनी 'पैंथर वॉक' के लिए लोकप्रिय विनोद खन्ना की स्क्रीन प्रेजेंस जबरदस्त थी।

करियर की शुरुआत खलनायक के तौर पर करने के बावजूद उन्होंने मुख्य भूमिकाओं में कई यादगार और सफल फिल्में दीं। मल्टीस्टारर फिल्मों में भी विनोद खन्ना की शख्सियत अलग ही उभरकर आती थी। राजेश खन्ना से लेकर अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र समेत तमाम सितारों के साथ विनोद खन्ना ने स्क्रीन स्पेस शेयर किया, मगर सेकंड लीड में भी बराबर की टक्कर दी। उनकी कुछ यादगार फिल्में-

आन मिलो सजना (1970)

इस फिल्म में उस जमाने की हिट जोड़ी राजेश खन्ना और आशा पारेख थे। इनके होने के बावजूद विनोद खन्ना ने अपनी एक्टिंग से लोगों के दिलों में जगह बनाई। उनकी परफॉर्मेंस को लोगों ने बहुत पसंद किया। इस फिल्म का गाना 'अच्छा तो हम चलते हैं' आज भी काफी चर्चित है।

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मेरा गांव मेरा देश (1971)

राज खोसला निर्देशित 'मेरा गांव मेरा देश' में विनोद खन्ना एक डकैत के रूप में सबके सामने आए। उन्होंने डाकू 'जब्बर सिंह' का किरदार निभाया और लोगों को डराने में भी कामयाब हुए। इस फिल्म में उनके साथ धर्मेंद्र मुख्य भूमिका में थे। विनोद खन्ना के डाकू के किरदार ने बॉलीवुड में धूम मचा दी और वो एक दौर आया, जब कई सारी फिल्में डाकुओं के आस-पास लिखी गईं।

अचानक (1973)

निर्देशक-लेखक गुलजार की पारखी नजर ने विनोद खन्ना के टैलेंट को पहचाना और उन्हें बैक-टू-बैक दो फिल्मों 'मेरे अपने' और 'अचानक' में साइन किया। इस फिल्म में विनोद खन्ना ने 'मेजर रणजीत खन्ना' का किरदार निभाया था।

माना जाता है कि यह किरदार नौसेना कमांडर कमांडर कावस मानेकशॉ नानावटी की कहानी से प्रेरित था। उन पर अपनी पत्नी के प्रेमी के हत्या का आरोप था। विनोद खन्ना ने इस किरदार को बखूबी निभाया था और लोगों के दिलों में एक अलग जगह बना ली थी। बता दें कि साल 2016 में आयी अक्षय कुमार की 'रुस्तम' भी इसी कहानी से प्रेरित थी।

हाथ की सफाई (1974)

प्रकाश मेहरा निर्देशित 'हाथ की सफाई' में विनोद खन्ना की परफॉर्मेंस ने उन्हें 'फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर' का अवॉर्ड दिलाया। यह कहानी दो भाइयों की थी, जो अंत में एक साथ मिलते हैं। फिल्म में विनोद खन्ना के अलावा, हेमा मालिनी, रणधीर कपूर, सिमी ग्रेवाल और रंजीत थे।

हेरा फेरी (1976)

अमिताभ बच्चन के साथ विनोद खन्ना ने फिल्म 'हेरा फेरी' में लोगों का खूब मनोरंजन किया। इस फिल्म में दोनों ही एक अलग अवतार में नजर आए। फिल्म में लोगों को धोखे से लूटने का काम करने वाले चोर होते हैं। फिल्म में सायरा बानो और सुलक्षणा पंडित भी मुख्य भूमिका में थी। इस फिल्म से विनोद खन्ना को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर नॉमिनेशन भी मिला था।

अमर अकबर एंथनी (1977)

1977 की ब्लॉकबस्टर हिट फिल्म 'अमर अकबर एंथनी' को लोग आज भी मजे से देखते हैं। तीन बिछड़े भाइयों की यह कहानी एक मसाला मनोरंजन फिल्म थी। अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर जैसे दिग्गज कलाकार के होते हुए भी विनोद खन्ना ने दर्शकों के दिलों पर छाप छोड़ी। विनोद ने 'अमर' के पुलिस किरदार को बखूबी निभाया और अपने हैंडसम लुक से हर किसी को अपना दीवाना बना दिया। 

इनकार (1977)

विनोद खन्ना एक बार फिर एक पुलिस के किरदार में नजर आए फिल्म ‘इनकार’ में। यह कहानी अपहरण की है, जिसकी जड़ तक पहुंचने के लिए ‘अमर’ (विनोद खन्ना) रात-दिन एक कर देता है। विनोद खन्ना का एक्शन और एक्टिंग दोनों ने लोगों को उनका फैन बना दिया। इस फिल्म का गाना ‘मूंगड़ा-मूंगड़ा’ आज भी सुपरहिट है।

परवरिश (1977)

एक बार फिर अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना एक साथ नजर आए। उनकी हिट जोड़ी ने फिर कमाल दिखाया और बॉलीवुड को एक और हिट दी। इस फिल्म दोनों ने भाई का किरदार निभाया था। वहीं, विनोद खन्ना ने फिर एक बार ग्रे कैरेटक्टर को बेहतरीन तरीके से निभाया। 

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कुर्बानी (1980)

1980 की फिल्म 'कुर्बानी', आज भी बॉलीवुड की बेस्ट फिल्मों में से एक है। वहीं, फिरोज खान और विनोद खन्ना की जोड़ी इस फिल्म को यादगार बनाती है। विनोद की डैशिंग पर्सनालिटी उनके इस किरदार में एक अलग ही चमक ले आती है। इस फिल्म का गाना 'आप जैसा कोई' आज भी उतना ही लोकप्रिय है, जितना बीते दौर में था। इस फिल्म का काफी हिस्सा लंदन में ब्रिटिश क्रू के साथ शूट किया गया था।

चांदनी (1989)

यश चोपड़ा की फिल्म 'चांदनी' आज भी एक मास्टरपीस है। यह मूवी भले ही ऋषि कपूर और श्रीदेवी की हिट जोड़ी और रोमांस के लिए चर्चित हो, लेकिन विनोद खन्ना के सपोर्टिंग किरदार के बिना शायद यह फिल्म अधूरी होती। विनोद खन्ना का किरदार इस कहानी में एक अलग मोड़ लेकर आता है। वहीं, विनोद का लुक और ठहराव के साथ किया गया उनका किरदार इस फिल्म में चार चांद लगा देता है।