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Vinod Khanna: 'बच्चे! जिस स्कूल में तुम पढ़ते हो...', विनोद खन्ना के ये 10 डायलॉग सबके दिलों पर करते हैं राज

बॉलिवुड के मशहूर अभिनेता विनोद खन्ना की 76वीं जंयती है। विलेन बनकर फिल्मों में कदम रखने वाले विनोद खन्ना ने अपने करियर में 146 से अधिक फिल्मों में काम किया। इनके कई डायलॉग ऐसे रहे जो काफी फेमस हुए और उनके फैंस के बीच उन्हें अमर बना दिया। चलिए आपको ऐसे ही 10 डायलॉग के बारे में बताते हैं जो आज भी लोगों के जुबां पर है।

By Shubham SharmaEdited By: Shubham SharmaUpdated: Fri, 06 Oct 2023 06:36 AM (IST)
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विनोद खन्ना के वो फेमस डॉयलाग। (फाइल फोटो)

जागरण डिजिटल डेस्क: बॉलिवुड के मशहूर अभिनेता विनोद खन्ना की आज 76वीं जंयती है। सिने जगत में अपनी अलग पहचान बनाने वाले विनोद खन्ना का 2017 में निधन हो गया था। वह ब्लड कैंसर से पीड़ित थे। अमिताभ बच्चन और राजेश खान के स्टारडम के बीच विनोद खन्ना की अपनी एक अलग पहचान थी।

विलेन बनकर फिल्मों में कदम रखने वाले विनोद खन्ना ने अपने करियर में 146 से अधिक फिल्मों में काम किया, जिनके कई डायलॉग ऐसे रहे, जो काफी फेमस हुए और उनके फैंस के बीच उन्हें अमर बना दिया। चलिए आपको ऐसे ही 10 डायलॉग के बारे में बताते हैं, जो आज भी लोगों के जुबां पर याद है।

  1. 'दोस्ती भुलाई जा सकती है दुश्मनी नहीं' यह फिल्म का क्रोध का डायलॉग है', जो साल 2000 हजार में रीलिज हुई थी।
  2. 'इज्जत वो दौलत है जो एक बार चली गई तो फिर कभी हासिल नहीं हो सकती', यह फिल्म मुकद्दर का सिकंदर का डायलॉग है, जो साल 1978 में रिलीज हुई थी।
  3. 'मैंने जबसे होश संभाला है खिलौनों की जगह मौत से खेलता आया हूं', यह फिल्म कुर्बानी का डायलॉग है, जो साल 1980 में रिलीज हुई थी।
  4. गरीब का दिल अगर सोने का होता है तो हाथ फौलाद के होते हैं', यह फिल्म सूर्या का डायलॉग है, जो साल 1989 में रिलीज हुई थी।
  5. 'बच्चे! जिस स्कूल में तुम पढ़ते हो, उसके हम हेडमास्टर रह चुके हैं' यह फिल्म मन का मीत का डायलॉग है, जो साल 1968 में रिलीज हुई थी।
  6. 'दर्द की दवा ना हो तो दर्द को ही दवा समझ लेना चाहिए', यह फिल्म चांदनी का डायलॉग है, जो साल 1989 में रिलीज हुई थी।
  7. 'टाइम का बड़ा गेम है, इसके साथ कभी नहीं खेलना', यह फिल्म रिस्क का डायलॉग है, जो साल 2007 में रिलीज हुई थी।
  8. 'प्यार में वो गहरा है कि जिसके सामने समुंदर भी छोटा मालूम होता है' यह भी फिल्म मुकद्दर का सिकंदर का डायलॉग है, जो साल 1978में रिलीज हुई थी।
  9. 'रिटायर सिर्फ पुलिस वाले होते हैं, चोर नहीं' यह फिल्म खिलाड़ी का डायलॉग है, जो साल 1989 में रिलीज हुई थी।
  10. 'तलवार की लड़ाई तलवार से, प्यार की लड़ाई प्यार से और बेकार की लड़ाई सरकार से' यह भी फिल्म मुकद्दर का सिकंदर का डायलॉग है, जो साल 1978 में रिलीज हुई थी।

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