Vinod Khanna Death Anniversary: विलेन बनकर किया फिल्मों में डेब्यू, अभिनय का ऐसा दिखाया दम हीरो पर पड़े भारी
विनोद खन्ना सत्तर और अस्सी के दौर के टॉप एक्टर्स में शामिल थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत खलनायक के तौर पर की थी मगर अपनी आकर्षक पर्सनैलिटी और अभिनय के दम पर हीरो को टक्कर देने लगे थे। विनोद खन्ना ने अपने दौर के सभी सुपरस्टार्स के साथ फिल्में कीं। सोलो लीड रोल में भी उनकी फिल्मों ने सफलता दर्ज की।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। नेगेटिव किरदार निभाकर भी दर्शकों का प्यार लूटने वाले अभिनेता कम ही होते हैं। विनोद खन्ना ऐसे ही कलाकारों में शामिल थे, जिन्होंने नकारात्मक भूमिकाएं निभाने के बावजूद अपनी खूबसूरती और अदाकारी से कई पीढ़ियों को दीवाना बनाया।
अपने करियर में एक से बढ़कर एक रोल निभाने वाले इस शानदार एक्टर का जन्म 6 अक्तूबर, 1946 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था। 27 अप्रैल को इस दिग्गज कलाकार की पुण्यतिथि है। 2017 में उनका निधन कैंसर के चलते हुआ था।
- विनोद खन्ना कौन थे?
- विनोद खन्ना का जन्म कब और कहां हुआ?
- विनोद खन्ना ने किस फिल्म से किया डेब्यू?
- विनोद खन्ना को किस रोल ने दिलाई पहचान?
- चकाचौंध छोड़ चुना आध्यात्म
विनोद खन्ना कौन थे?
विनोद खन्ना एक भारतीय फिल्म अभिनेता थे। राजनेता से अभिनेता तक का उनका सफर काफी शानदार रहा है। विनोद ने गुरदासपुर से सांसद के रूप में कार्य किया। उनका जन्म पंजाबी हिंदू परिवार में कमला और कृष्णचंद खन्ना के घर पेशावर (पाकिस्तान ) में हुआ था। उनके जन्म के कुछ समय बाद, भारत का विभाजन हो गया और उनका परिवार पेशावर छोड़कर मुंबई आ गया।
विनोद खन्ना ने यहां से पूरी की पढ़ाई
विनोद खन्ना ने सेंट मैरी स्कूल, मुंबई में दूसरी कक्षा तक पढ़ाई की और फिर दिल्ली में रहने लगे। 1957 में, उनका परिवार दिल्ली चला गया, जहां उन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल, मथुरा रोड में पढ़ाई की। हालांकि, 1960 में उनका परिवार वापस मुंबई आ गया, लेकिन विनोद को नासिक के पास के बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया। बोर्डिंग स्कूल में उन्होंने महाकाव्य सोलवा साल और मुगल-ए-आजम फिल्म देखी और उनका उनको मोशन पिक्चर्स के साथ लगाव हो गया। बात दें कि विनोद ने सिडेनहैम कॉलेज, मुंबई से वाणिज्य की उपाधि प्राप्त की। उन्हें क्रिकेट पसंद था।
विनोद खन्ना ने किस फिल्म से किया डेब्यू?
विनोद खन्ना ने साल 1968 में 'मन का मीत' से हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया था और खलनायक के रूप में नजर आए। इस फिल्म के बाद वह 'आन मिलो सजना', 'पूरब और पश्चिम', 'मेरा गांव मेरा देश', 'सच्चा झूठा' और 'मस्ताना' जैसी कई फिल्मों में निगेटिव रोल में दिखाई दिए। इसके बाद साल 1971 में ‘हम तुम और वो' में विनोद खन्ना बतौर मुख्य अभिनेता नजर आए। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में अपने अभिनय का जादू चलाया और कई सुपरहिट फिल्में दीं।
चकाचौंध छोड़ चुना आध्यात्म
विनोद खन्ना ने साल 1982 में, अपने फिल्मी करियर के चरम पर इंडस्ट्री को छोड़कर आध्यात्म की राह को चुना था। उन्होंने अपने आध्यात्मिक गुरु ओशो रजनीश का अनुसरण करने के लिए अस्थायी रूप से फिल्म उद्योग छोड़ दिया। करीब 5 सालों तक उन्होंने खुद को फिल्मों से दूर रखा। इसके बाद साल 1987 में उन्होंने वापसी की। वापसी के बाद, उन्होंने 'जुर्म' और 'चांदनी' में रोमांटिक भूमिकाएं निभाईं, लेकिन उन्हें ज्यादातर एक्शन फिल्मों में ही भूमिकाएं ऑफर की गईं।
एक्टर ने की दो शादियां
विनोद खन्ना ने अपने करियर के पीक पर गीतांजलि से शादी की थी। दोनों की पहली मुलाकात थिएटर के दौरान हुई थी। दोनों के दो बच्चे अक्षय खन्ना और राहुल खन्ना हुए। वहीं, साल 1990 में गीतांजलि से उनका तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने कविता से दूसरी शादी कीं कविता से उनकी एक बेटी और बेटा हुआ।
इन अवॉर्ड से किए गए सम्मानित
1999 में विनोद खन्ना को फिल्मों में उनके 30 वर्ष से भी ज्यादा समय के योगदान के लिए फिल्मफेयर के लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित भी किया गया। इसके बाद 2018 में उन्हें मरणोपरांत भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
ब्लड कैंसर की वजह से हुई मौत
पूरी दुनिया में अपनी एक्टिंग का डंका बजाने वाले विनोद खन्ना का निधन ब्लड कैंसर की वजह से हुआ था। उन्होंने काफी समय तक अपनी बीमारी को परिवार से छुपाकर रखा। उन्हें छह साल पहले ही ब्लड कैंसर होने का पता चल गया था, लेकिन वह इसे ठीक करने के लिए कुछ नहीं कर पाए। रिपोर्ट्स की मानें तो छह साल तक जर्मनी में उनका इलाज चला और सर्जरी भी हुई, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका और 27 अप्रैल, 2017 को उनका निधन हो गया।