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राजेश खन्ना से हार, रेखा से प्यार, तीन शादियां, कुछ ऐसी रही है विनोद मेहरा की लाइफ़

ख़बरों की मानें तो विनोद मेहरा ने रेखा से शादी की थी। यह शादी कोलकाता में हुई थी। इसके बाद विनोद मेहरा, रेखा को अपने घर ले गए। लेकिन, विनोद मेहरा की मां कमला मेहरा ने रेखा को बहू के रूप में स्वीकार नहीं किया।

By Hirendra JEdited By: Updated: Fri, 15 Feb 2019 11:26 AM (IST)
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राजेश खन्ना से हार, रेखा से प्यार, तीन शादियां, कुछ ऐसी रही है विनोद मेहरा की लाइफ़
मुंबई। महज 45 साल की उम्र में इस दुनिया से विदा लेने वाले विनोद मेहरा आज हमारे बीच होते तो अपना 74 वां बर्थडे मना रहे होते! 70-80 के दशक की बात करें तो अपनी सहज अभिनय शैली, प्यारी मुस्कान और अपनी बोलती हुई आंखों की चमक से लाखों लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाने वाले अभिनेता विनोद मेहरा उस दौर के एक महत्वपूर्ण अभिनेता रहे हैं!

विनोद मेहरा का जन्म 13 फरवरी 1945 को पंजाब, अमृतसर में हुआ था। तब उनकी दीदी शारदा फ़िल्मों में सपोर्टिंग एक्ट्रेस हुआ करती थीं। इसी बीच विनोद मेहरा को भी फ़िल्मों में मौका मिल गया। विनोद की उम्र उस वक़्त सिर्फ 13 साल की थी जब उन्हें पहली बार फ़िल्म 'रागिनी' में एक चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काम करने का मौका मिला। बाल कलाकार के रूप में उन्होंने अपने सहज अभिनय से सबका दिल जीत लिया और फिर एक के बाद एक कई फ़िल्में कीं। इसके बावजूद उनका मन कभी अभिनेता बनने को नहीं हुआ।

साल 1965 की बात है जब विनोद मेहरा एक प्राइवेट कंपनी में मार्केटिंग की नौकरी कर रहे थे। तभी उनके कुछ दोस्तों ने उन्हें एक 'ऑल इंडिया टैलेंट कॉन्टेस्ट' में भाग लेने के लिए कहा, जिसमें देश भर से युवा भाग ले रहे थे। इस प्रतियोगिता के विनर के लिए फ़िल्म से लेकर मॉडलिंग तक के लिए राहें आसन हो जातीं ऐसे में कुछ दोस्तों की ज़िद पर विनोद मेहरा ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। एक से एक स्मार्ट, हैंडसम और डैशिंग नौजवानों के बीच विनोद ने बाजी मार ही ली थी लेकिन, फाइनल राउंड में उन्हें दूसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ा! इस टैलेंट कॉन्टेस्ट के विजेता बने-राजेश खन्ना, जो बाद में देश के पहले सुपरस्टार बने। विनोद दूसरे नंबर पर रहे!

बहरहाल, विनोद बाल कलाकार के बाद एक युवा अभिनेता के रूप में अपना बॉलीवुड सफ़र साल 1971 में आई फ़िल्म 'एक थी रीता' से शुरू किया। जैसा कि ऊपर आपने पढ़ा कि उनकी दिलचस्पी हीरो बनने में नहीं थी। लेकिन, एक बार फिर उन्होंने अपनी दोस्तों की बात मानी और एक रेस्तरां में जब उन्हें एक निर्माता-निर्देशक ने फ़िल्म ऑफर की तो वो इस फ़िल्म से जुड़ गए। उसके बाद विनोद मेहरा ने तमाम स्थापित अभिनेताओं के बीच अपनी एक अलग और सौम्य सी जगह बनाई।

विनोद मेहरा के फ़िल्मी कैरियर की गाड़ी चल पड़ी थी। लेकिन, उनकी मां को अब अपने लाड़ले बेटे की शादी की चिंता होने लगी। विनोद अपनी मां से बहुत प्यार करते थे और उन्होंने उनकी पसंद की लड़की मीना ब्रोका से शादी भी कर ली। लेकिन, दिल की बीमारी जैसे उनके सीने में घर कर चुकी थी! शादी के कुछ ही दिनों के बाद उन्हें पहला दिल का दौरा पड़ा और वो बाल-बाल बचे। इस बीच उनका दिल अपनी हीरोइन बिंदिया गोस्वामी पर आ गया। उन्होंने बिना पहली पत्नी को तलाक दिए बिंदिया से शादी कर ली। लेकिन, पहली पत्नी ने बाद में उन्हें डिवोर्स दे दिया! विनोद मेहरा और बिंदिया का रिश्ता ठीक ही चल रहा था कि एक दिन बिंदिया गोस्वामी ने डायरेक्टर जे पी दत्ता से शादी करने के लिए उन्हें तलाक दे दिया। बिंदिया से अलग होने के बाद विनोद मेहरा ने तीसरी शादी किरण से 1988 में की थी और इस शादी के दो साल बाद ही उनका निधन हो गया। किरण के विनोद से तब दो बच्चे भी हुए! बेटा रोहन और बेटी सोनिया। ये दोनों बच्चे आज अभिनय की दुनिया में सक्रिय हैं!

बता दें कि विनोद मेहरा और रेखा के प्यार के किस्सों ने भी तब खूब सुर्खियां बटोरी हैं! ख़बरों की मानें तो विनोद मेहरा ने रेखा से शादी की थी। यह शादी कलकत्ता में हुई थी। इसके बाद विनोद मेहरा, रेखा को अपने घर ले गए। लेकिन, विनोद मेहरा की मां कमला मेहरा ने रेखा को अपनी बहू के रूप में स्वीकार नहीं किया।

कहा जाता है कि कमला को रेखा के अतीत के बारे में पता था कि वह बिन-ब्याही मां की बेटी हैं। इसलिए कमला ने रेखा को घर में घुसने ही नहीं दिया। ऐसे में विनोद मेहरा भी कुछ कर नहीं पाए और यह रिश्ता टूट गया। हालांकि, रेखा और विनोद मेहरा की शादी का कोई सबूत नहीं है। रेखा भी इस बात का खंडन कर चुकी हैं। एक इंटरव्यू में रेखा ने शादी की ख़बर को अफवाह बताते हुए विनोद मेहरा को अपना एक शुभचिंतक बताया था।

पर्दे पर विनोद मेहरा की जोड़ी सबसे ज्यादा मौसमी चटर्जी के साथ पसंद की गयी। मोहम्मद रफ़ी उनके पसंदीदा गायक रहे और 'गुरुदेव' उनकी आखिरी रिलीज़ फ़िल्म थी जो उनकी मौत के तीन साल बाद आई थी! विनोद मेहरा 'अमर प्रेम, 'अनुरोध, 'अनुराग', घर', 'स्वर्ग नरक', कुंवारा बाप', 'अमर दीप', 'नागिन' आदि फ़िल्मों के लिए हमेशा याद किये जाते रहेंगे!।