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Vinod Mehra: अधूरा रह गया था विनोद मेहरा का ये ख्वाब, नहीं पूरी कर पाए थे पहली निर्देशित 'गुरुदेव' की शूटिंग

Vinod Mehra Death Anniversary हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेता विनोद मेहरा भले ही इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी जगह कोई न ले सका। उनका करियर छोटा लेकिन शानदार था। अपने दो दशक के करियर में विनोद मेहरा ने 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। यूं तो उनका एक्टिंग करियर शानदार था लेकिन उनका एक ख्वाब कभी पूरा न हो सका।

By Rinki TiwariEdited By: Rinki TiwariUpdated: Sun, 29 Oct 2023 11:17 AM (IST)
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विनोद मेहरा का नहीं पूरा हो पाया था ये ख्वाब (फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम)
 एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Vinod Mehra Death Anniversary: 'बाबूमोशाय जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए...', ये डायलॉग भले ही राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) का है, लेकिन हिंदी सिनेमा से जुड़े एक अभिनेता पर एक एकदम फिट बैठता है। ये अभिनेता हैं विनोद मेहरा का। भले ही विनोद ने कम उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया हो, लेकिन उन्होंने अपने करियर में खूब नाम कमाया। 45 साल की उम्र तक विनोद ने करीब 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया।

विनोद मेहरा की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के किस्से हमेशा फिल्मी गलियारों में टॉक ऑफ द टाउन रहे। चार-चार शादियों से लेकर मेन लीड से सेकेंड लीड बनने तक विनोद मेहरा की कहानी बड़ी दिलचस्प रही है। आइए, आपको विनोद मेहरा से जुड़ी दिलचस्प बातों के बारे में बताते हैं।

चाइल्ड आर्टिस्ट की करियर की शुरुआत

13 फरवरी 1945 को अमृतसर में जन्मे विनोद मेहरा ने बचपन में ही एक्टिंग शुरू कर दी थी। उन्होंने महज 10 साल की उम्र में फिल्म 'अद्ल-ए-जहांगीर' से की थी। इसके बाद वह 'रागिनी' और 'बेवकूफ' जैसी फिल्मों में यंगर किशोर कुमार के रोल में नजर आए। विनोद ने साथ में अपनी पढ़ाई भी जारी की और फिर मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था।

Vinod Mehra

इस फिल्म ने बदली विनोद मेहरा की किस्मत

सालों तक चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर काम करने के बाद विनोद मेहरा को साल 1971 में फिल्म 'एक थी रीता' से मेन लीड के रूप में पहला बड़ा ब्रेक मिला था। इस फिल्म के जरिए विनोद मेहरा की किस्मत खुल गई। विनोद मेहरा 'पर्दे के पीछे', 'एलान' 'अमर प्रेम', 'लाल पत्थर' और 'अनुराग' समेत कई फिल्मों में मेन लीड काम किया।

Vinod Mehra

बाद में विनोद ने सेकेंड लीड के तौर पर अमिताभ बच्चन से लेकर राजेश खन्ना, संजीव कुमार, सुनील दत्त समेत कई सुपरस्टार्स के साथ काम किया है। वह 'नागिन', 'जानी दुश्मन', 'घर', 'स्वर्ग नरक' और 'कर्तव्य' फिल्मों में भी नजर आ चुके हैं।

तीन नहीं, विनोद मेहरा ने की थी चार शादियां

ज्यादातर लोग जानते हैं कि विनोद मेहरा ने तीन शादियां की थीं, लेकिन वास्तव में विनोद ने तीन नहीं बल्कि चार शादियां की थीं। दरअसल, विनोद मेहरा की पहली शादी मीना ब्रोका से हुई थी, जो उन्होंने मां के कहने पर की थी। जब विनोद फिल्मों में आए तो उनका दिल बिंदिया गोस्वामी पर आया और उन्होंने 1980 में बिंदिया से शादी रचा ली। हालांकि, बिंदिया से उनकी शादी महज चार साल ही चल पाई। विनोद की तीसरी शादी किरण मेहरा से हुई। मगर ये शादी भी दो साल तक ही चल पाई।

Vinod Mehra with wife

विनोद मेहरा की चौथी शादी सबसे ज्यादा चर्चा में रही और ये हुई थी रेखा के साथ। यासीर उस्मान की किताब 'रेखा: एन अनटोल्ड स्टोरी' के मुताबिक, विनोद मेहरा ने रेखा से भी शादी की थी। मगर विनोद, रेखा संग उनकी शादी से खुश नहीं थीं। किताब में कहा गया था कि जब विनोद रेखा को शादी करके घर लाए तो मां बहुत गुस्सा हुईं। यहां तक कि उन्होंने चप्पल भी उठा ली थी।

Vinod Mehra Rekha

जब रेखा विनोद की मां के पैर छूने गईं तो उन्होंने एक्ट्रेस को धक्का मारकर हटा दिया था। विनोद के लाख समझाने के बाद मां नहीं मानीं तो एक्टर ने रेखा को अपने घर भेज दिया। कुछ समय बाद उनकी शादी भी टूट गई थी। विनोद मेहरा के किरण संग दो बच्चे हैं, जिनके नाम सोनिया और रोहन है। दोनों ही फिल्मी दुनिया से जुड़े हैं।

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विनोद मेहरा की राजेश खन्ना से मिली हार

क्या आप जानते हैं कि विनोद मेहरा फिल्मों से पहले क्या करते थे? विनोद गोल्डफील्ड मर्केंटाइल कंपनी में एक कार्यकारी थे। दिलचस्प बात ये है कि विनोद मेहरा को फिल्मों में आने का ऑफर एक्टर रूप के. शोरे ने दिया था। अभिनेता ने विनोद को एक रेस्तरां में देखा था और फिर उन्हें फिल्मों में आने की सलाह दी। विनोद साल 1965 में हुए यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स और फिल्मफेयर द्वारा आयोजित अखिल भारतीय प्रतिभा प्रतियोगिता में राजेश खन्ना से हार गए थे और फर्स्ट रनर-अप बने थे।

Vinod Mehra

मौत के बाद रिलीज हुई थी पहली प्रोड्यूस की हुई फिल्म

फिल्मों में एक्टिंग करने के बाद विनोद मेहरा ने बतौर प्रोड्यूसर और डायरेक्टर फिल्म 'गुरुदेव' से शुरू करने का फैसला किया। फिल्म में श्रीदेवी, ऋषि कपूर और अनिल कपूर मुख्य भूमिका में थे। फिल्म की शूटिंग भी शुरू हो गई थी, लेकिन विनोद का ये ख्वाब पूरा होने से पहले ही टूट गया। हार्ट अटैक की वजह से विनोद मेहरा का 30 अक्टूबर 1990 को निधन हो गया था। विनोद के निधन के बाद डायरेक्टर राज सिप्पी ने बाकी की शूटिंग पूरी करवाई और तीन साल बाद फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हुई।

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