Dual role: जानिए फिल्मों में डबल रोल का ट्रेंड लौटने के पीछे की वजह
अक्षय कुमार कहते हैं कि मैंने राउड़ी राठौर में डबल रोल इसलिए किया था क्योंकि उसकी स्क्रिप्ट मुझे पसंद आई थी। मैं बस फ्लो के साथ चलता हूं। उससे काम आसान हो जाता है। दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं है।
By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Thu, 09 Jun 2022 02:16 PM (IST)
प्रियंका सिंह। कहते हैं कि एक से भले दो होते हैं। फिल्मों में भी यह फॉर्मूला खूब चला है, जब एक ही एक्टर दो किरदार यानी डबल रोल में नजर आया। दिलीप कुमार की राम और श्याम, हेमा मालिनी की सीता और गीता, अमिताभ बच्चन की फिल्म डॉन, सलमान खान और शाहरुख खान की फिल्म करण अर्जुन, लगभग हर बड़े कलाकार ने अपनी फिल्मों में डबल रोल निभाकर, एक ही टिकट पर दर्शकों को दोगुना मजा दिया है। आने वाले दिनों में भी रणवीर सिंह, आदित्य रॉय कपूर, श्रद्धा कपूर डबल रोल में नजर आएंगे। डबल रोल का ट्रेंड लौटने के पीछे की वजहों, उनको शूट करने के तरीकों, एक्टर्स की डबल रोल में दिलचस्पी के पीछे का कारण जानते हैं।
पहली डबल रोल वाली हिंदी फिल्म लंका दहन थी, जो साल 1917 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में अन्ना सालुंके ने डबल रोल निभाया था। वह फिल्म में हीरो और हीरोइन दोनों बने थे। राम और श्याम, सीता और गीता, चालबाज, अंगूर, आराधना, दुश्मन जैसी तमाम फिल्में बनी हैं, जिसमें दर्शकों को एक टिकट पर डबल मजा मिला है। अभिनेता अमिताभ बच्चन को सबसे ज्यादा डबल रोल करने का खिताब हासिल है। उन्होंने आखिरी रास्ता, तूफान, सत्ते पे सत्ता, बेमिसाल, अदालत, सूर्यवंशम, बड़े मियां छोटे मियां, डॉन समेत 12 फिल्मों में डबल रोल निभाए हैं। डॉन फिल्म में उनका डबल रोल यादगार है। इस फिल्म के निर्देशक चंद्र बारोट बताते हैं कि इस फिल्म को बनाने से देव आनंद, प्रकाश मेहरा, मनमोहन देसाई ने मना कर दिया था।
इस फिल्म को बनाने का श्रेय सलीम-जावेद (लेखक सलीम खान और जावेद अख्तर) की जोड़ी को जाता है। उन्होंने इस फिल्म को बनाने का काम मेरे लिए आसान कर दिया। मैंने अमिताभ और सलीम-जावेद ने लंदन में फिल्म द गॉडफादर देखी थी, इस फिल्म से काफी मदद मिली। इसका तो कोई शीर्षक भी नहीं रखा गया था। इस फिल्म की स्क्रिप्ट को लोग डॉन वाली स्क्रिप्ट कहते थे। फिल्म में अमिताभ बच्चन डबल रोल में तो थे, लेकिन खास बात यह रही की यह दोनों किरदार आपस में टकराए नहीं। एक के जाने के बाद दूसरा किरदार आता है,
इसलिए शूटिंग में कोई दिक्कत नहीं हुई थी।पर्दे पर एक ही कलाकार के लिए दो किरदारों को निभाना जितना मुश्किल होता है, उतना ही उन किरदारों को पेपर पर उतारना भी मुश्किल होता है। सत्यमेव जयते 2 में जॉन अब्राहम को ट्रिपल रोल में पर्दे पर उतारने वाले निर्देशक-लेखक मिलाप जवेरी कहते है कि अगर एक कलाकार दो या तीन किरदार एक ही फिल्म में निभा रहा है, तो वह सभी किरदार एक-दूसरे से इतने अलग होने चाहिए कि वह फर्क दर्शक पर्दे पर आसानी से कर पाएं। उनका स्वभाव, खूबियां एक-दूसरे से मिलती-जुलती न हो। यह पैशन वाला काम होता है। कभी कामयाबी मिलती है, कभी नहीं, लेकिन मेहनत तो उतनी ही करनी पड़ती है। सिर्फ कलाकार की ही नहीं, पूरी टीम की कंटीन्यूटी, पेपर वर्क पर्दे पर मैच होनी चाहिए। सत्यमेव जयते 2 में जो जॉन के तीनों किरदार अलग थे, फिर चाहे वह उनका होम मिनिस्टर वाला किरदार हो, जो रिजर्व और खामोश था, पुलिस अफसर वाला रोल हो, जो लार्जर दैन लाइफ और हीरोइक था या फिर दादासाहेब का किरदार हो, जो स्वतंत्रता सेनानी थे। जब कलाकार वह किरदार निभाते हैं, तो वह भी बहुत होमवर्क करते हैं, ताकि लुक हो चाहे डायलॉग डिलीवरी की स्टाइल सब अलग हो।
आसान नहीं डबल रोल शूट करना: जानकार बताते हैं कि डबल रोल में वेराइटी तीन तरीकों से लाई जाती है। पहला यह कि एक जैसे दिखने वाले किरदारों को एक ही समझा जाए। दूसरा यह कि वे दिखने में एक से हैं पर स्पष्ट फर्क है, चाहे लुक में हो या पहनावे में। तीसरा जो इस्तेमाल किया गया था हॉलीवुड की फिल्म 'फेस ऑफ' में। उसमें तकनीक की सहायता से शक्ल पहले की होती है, लेकिन दिमाग और इरादे दूसरे के होते हैं। दुश्मन फिल्म में काजोल को डबल रोल में पर्दे पर विश्वसनीय दिखाने वाली निर्देशिका तनुजा चंद्रा डबल रोल वाले सीन्स को शूट करना ट्रिकी मानती हैं। वह कहती हैं कि बतौर निर्देशक यह जोन बहुत ट्रिकी होता है। एक ही सीन में अगर डबल रोल वाले एक्टर के दोनों चेहरे दिख रहे हैं, तो दो बार शूट करना पड़ता है। विजुअल इफेक्ट के लिए अलग शूट करना होता है। ओवर द शोल्डर शाट्स लेने पड़ते हैं, जिसमें एक का कंधा दिखता है और दूसरे की शक्ल। एक्टर को यह सोचकर बात करना होता है कि वह अपने हमशक्ल से ही बात कर रहा है।
बतौर निर्देशक मुझे इस बात का ध्यान रखना होता है कि एक्टर अपने दोनों किरदार पकड़कर रखे। एक ही इंसान दो अलग किरदार निभा रहा होता है। मैं उस किरदार को अलग लोगों की तरह ही देखती हूं। मेरे लिए वह दो अलग एक्टर होते हैं, तभी शूटिंग में आसानी हो पाती है। मुबारकां फिल्म में डबल रोल में नजर आए अर्जुन कपूर ने बताया था कि उनके किरदार करण और चरण को साथ में कैसे शूट किया गया। उन्होंने बताया था कि कि पहले यह तय होता था कि सीन में ज्यादा कौन बोल और हिल रहा है। अगर चरण ज्यादा बोल रहा है, तो बोलने वाले का हिस्सा पहले शूट होता है, क्योंकि कैमरा एक तरफ ही लगता है। एक तीसरा आदमी भी बिठाया जाता है। वह दूसरे किरदार का बॉडी डबल होता है। वह चरण की क्रिया पर अपनी प्रतिक्रिया देता है। तकनीकी तौर पर इसे क्यू देना कहते हैं। इन सब में टाइमिंग का खेल होता है। वह यूं कि चरण के डायलॉग बोलने के बाद मुझे करण भी बनना पड़ता था। एक सीन फिल्माने में छह-आठ रीटेक हो जाते हैं। अब कैमरा वैसा ही रहेगा। मैं करण बनकर आता हूं। तीसरे आदमी की जगह 'आईलाइन' या 'कटर' रख दी जाती है। मुझे शूटिंग स्क्रीन पर चेक भी करना होता था कि किस लाइन पर चरण उठा था, कहां बैठा था। जब मैं करण की लाइन बोलता था तो तीसरा आदमी नहीं होता था। चरण की जगह कटर' होते थे। उसके ऑडियो संवाद प्ले किए जाते थे। उसमें तीसरे आदमी के साथ-साथ चरण के बॉडी डबल की आवाज भी आती थी। ऐसे माहौल में डबल रोल के सीन शूट हुए हैं। यह सब करने पर ही दर्शकों को लगेगा कि सच में दो अर्जुन स्क्रीन पर हैं। मुबारकां फिल्म में मोशन कंट्रोल वाला कैमरा इस्तेमाल किया गया, जिससे मोजेज कहते हैं।
बढ़ती है एंटरटेनमेंट वैल्यू आने वाले दिनों में कई डबल रोल वाली फिल्में आएंगी। इसे लेकर एक्जीबिटर अक्षय राठी कहते हैं कि मैं इस ट्रेंड को डबल रोल वाला ट्रेंड नहीं, बल्कि अचल एंटरटेनमेंट का दौर कहूंगा। जानेमाने आर्टिस्ट जब वह डबल रोल करते हैं, तो एंटरटेनमेंट का स्तर ही अलग होता है। सर्कस फिल्म साल 1982 में रिलीज हुई फिल्म अंगूर की रीमेक होगी, जिसमें रणवीर सिंह और वरुण शर्मा डबल रोल में कॉमेडी कर रहे हैं। लेकिन अगर तमिल फिल्म थाडम की हिंदी रीमेक की बात करें, तो उसमें एक्शन थ्रिलर फिल्म में आदित्य राय कपूर डबल रोल का तड़का लगाएंगे। डबल रोल को सही तरीके से दिखाए जाए, तो फिल्म की एंटरटेनमेंट वैल्यू बढ़ जाती है, फिर चाहे वह किसी भी जॉनर की हो। बिना वजह का ज्ञान न देने वाले एंटरटेनमेंट का दौर वापस आ रहा है। उसके लिए डबल रोल अच्छा उपकरण है। इससे एंटरटेनमेंट एंगेजिंग वैल्यू बढ़ती है। भूल भुलैया 2 में तब्बू का डबल रोल पसंद किया गया। इसका मतलब दर्शक इन फिल्मों के लिए तैयार हैं। अब तो तकनीक का साथ भी है। हर तरह के सीन्स वह क्रिएट कर सकते हैं।
जानर में नहीं बंधा है डबल रोल: चालबाज, बड़े मियां छोटे मियां, जुडवा ऐसी कई डबल रोल वाली फिल्में आई हैं, जिसमें कॉमेडी जॉनर को काफी एक्सप्लोर किया गया है। हालांकि इसमें स्कोप बहुत है। मिलाप इस बाबत कहते हैं कि राउडी राठौर, राम और श्याम, किशन कन्हैया, करण अर्जुन ऐसी कई फिल्में हैं, जिसमें डबल रोल बिना कॉमेडी के हुआ है। डबल रोल वाली फिल्में जॉनर स्पेसिफिक नहीं है। राउडी राठौर में ड्रामा था, जिसमें बहुत पावर था। बाहुबली में भी प्रभास एक तरह से डबल रोल में ही थे। वह ड्रमैटिक और लार्जर दैन लाइफ वाला जोन था। यह सिर्फ कॉमेडी या एक्शन फिल्मों के लिए नहीं, बल्कि कहानी की डिमांड पर निर्भर करता है। दर्शक बड़े पर्दे पर बड़ा एंटरटेनमेंट देखना चाहते हैं। यही वजह है कि तब्बू का अंजोलिका-मंजोलिका का किरदार भूल भुलैया में पसंद आया है। फिल्म में एक्शन, रोमांस, कॉमेडी सब है, इसलिए दर्शकों को भी डबल रोल को देखने में मजा आया।
दोनों किरदार को जीना होता है: डबल रोल करना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता है कलाकार के लिए, कॉस्ट्यूम से लेकर अंदाज तक सब कुछ हर एक सीन के मुताबिक उन्हें बदलना पड़ता है। अक्षय कुमार कहते हैं कि मैंने राउड़ी राठौर में डबल रोल इसलिए किया था, क्योंकि उसकी स्क्रिप्ट मुझे पसंद आई थी। मैं बस फ्लो के साथ चलता हूं। उससे काम आसान हो जाता है। दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं है। आपको दोनों किरदारों को वैसा ही जीना होता है, जैसे दो अलग व्यक्ति हो। वहीं गोपी किशन फिल्म में डबल रोल कर चुके सुनील शेट्टी कहते हैं कि जब मैं सिर्फ कॉमेडी फिल्में कर रहा था, तो वह फिल्में उतनी नहीं चल रही थीं, जितनी मेरी एक्शन फिल्म चलती थीं।
गोपी किशन फिल्म में मुझे दर्शकों ने कॉमेडी और एक्शन दोनों करते हुए देखा। मैं डबल रोल में था। एक्शन फिल्मों की वजह से लोगों ने मुझे कॉमेडी में अपनाया ही नहीं था। उस दौरान मैं जितनी भी कॉमेडी फिल्में करने की कोशिश की वह नाकाम साबित हो रही थी। गोपी किशन फिल्म में मैं एक्शन रोल में भी था, इसलिए दर्शक वह फिल्म देखने गए। किशन के किरदार में मेरा एक्शन देखने के साथ ही, गोपी के किरदार की कॉमेडी को लोगों ने अपना लिया। डबल रोल के जरिए मैंने अपना कॉमिक साइड भी दर्शकों को दिखा पाया।
इन फिल्मों में डबल धमाका- सर्कस – रोहित शेट्टी निर्देशत इस फिल्म में रणवीर सिंह डबल रोल में होंगे।- थाडम – इस तमिल फिल्म की हिंदी रीमेक में आदित्य रॉय कपूर डबल रोल में होंगे।- नो एंट्री 2 – अनीस बज्मी ने हाल ही में नो एंट्री 2 बनाने का ऐलान किया है। यह फिल्म साल 2005 में रिलीज हुई फिल्म की सीक्वल होगी। कौन से कलाकार डबल रोल निभाएंगे, उसको लेकर अभी तक को खुलासा नहीं हुआ।- ब्लर – तापसी पन्नू की बतौर निर्माता पहली फिल्म ब्लर में डबल रोल में होंगी।चालबाज : इन लंदन- श्रद्धा कपूर फिल्म में डबल रोल में होंगी। फिलहाल इस पर पर काम अभी शुरू नहीं हुआ है।