Exclusive: 'शूल' के बाद भी Manoj Bajpayee पर हावी रहा था किरदार, लेना पड़ा था थेरेपी का सहारा
अभिनेता Manoj Bajpayee ने अपने फिल्मी करियर में यूं तो एक से बढ़कर एक फिल्म की है। लेकिन क्लट फिल्म शूल (Shool) उनकी सबसे शानदार मूवी में से एक मानी जाती है। इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय से मनोज ने हर किसी का दिल जीता। लेकिन क्या आपको मालूम हो कि इस मूवी के बाद मनोज की निजी जिंदगी में क्या प्रभाव पड़ा।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 30 साल के फिल्मी करियर में मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) ने हिंदी सिनेमा कई शानदार फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड़ी है। बैडिंट क्वीन से इंडस्ट्री में कदम रखने वाले मनोज की सबसे बेहतरीन मूवी के बारे में चर्चा की जाए तो उसमें शूल (Shool) का नाम पहले स्थान पर रहेगा। यही वो फिल्म थी, जिसकी वजह से रातोंरात मनोज स्टार बन गए।
लेकिन क्या आपको इस बात का जानकारी है, शूल में पुलिस इंस्पेक्टर का किरदार निभाने के बाद मनोज बाजपेयी की असल जिंदगी में काफी असर पड़ा। जागरण डॉट कॉम से खास बातचीत में मनोज ने बताया है कि मूवी का कैरेक्टर उन पर हावी होने लगा, जिसकी वजह से एक्टर महीनों परेशान रहे। आइए जानते हैं कि इस समस्या से मनोज ने कैसे निजात पाई।
शूल के किरदार ने मनोज को कर दिया था तंग
साल 1999 में डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा के निर्देशन में बनी फिल्म शूल को बड़े पर्दे पर रिलीज किया गया। इस मूवी को हिंदी सिनेमा की कल्ट फिल्म माना जाता है। मनोज बाजपेयी, रवीना टंडन, राजपाल यादव, सयाजी शिंदे और नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे कलाकार नजर आए।
इस बीच हमसे खास बातचीत के दौरान मनोज बाजपेयी ने बताया है- शूल में इंस्पेक्टर समर प्रताप सिंह के रोल में नजर आया था। ये एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर की कहानी थी, जो सिस्टम के बुरे लोगों के खिलाफ आवाज उठता है। इस किरदार में मैं इस हद तक खो गया कि फिल्म रिलीज होने के बाद कई महीनों तक मेरे अंदर समर प्रताप ही रहा। इस कैरेक्टर से में लंबे समय तक जूझता रहा।
अंत में जाकर मैंने अपने डॉक्टर्स के परामर्श और थेरेपी की मदद से मुझे इस परेशानी से राहत मिली। मैं ही जानता ही कि कैसे शूल का रोल मुझ पर हावी रहा और ये किरदार मेरे लिए काफी चुनौती भरा रहा।ये भी पढ़ें- Exclusive: 'साइलेंस 2' की शूटिंग Manoj Bajpayee के लिए बनी थी टेढ़ी खीर, रिलीज से पहले अभिनेता ने खोले राज