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'पद्मावती' विवाद: राजपूत विरोध या सेंसर बोर्ड ही नहीं... रिलीज़ टलने के पीछे ये रहीं 4 वजह

इंडस्ट्री में इन हालात के मद्देनज़र पद्मावती की रिलीज़ डेट टाले जाने की सुगबुगाहट होने लगी थी। हालांकि पुष्टि नहीं हो सकी थी।

By Manoj VashisthEdited By: Updated: Wed, 22 Nov 2017 06:48 AM (IST)
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'पद्मावती' विवाद: राजपूत विरोध या सेंसर बोर्ड ही नहीं... रिलीज़ टलने के पीछे ये रहीं 4 वजह
मुंबई। 'पद्मावती' को लेकर चल रहे बवाल के मद्देनज़र मेकर्स ने इसी रिलीज़ टालने का फ़ैसला किया है। फ़िल्म पहली दिसंबर को रिलीज़ होने वाली ती। निर्माता कंपनी वायाकॉम 18 मोशन पिक्चर्स की तरफ़ से जारी स्टेटमेंट में इसकी जानकारी दी गयी है। हालांकि नई रिलीज़ डेट के बारे में कोई खुलासा नहीं किया गया है।

रविवार को कंपनी के प्रवक्ता की ओर से जारी स्टेटमेंट में कहा गया है- ''आज के सबसे प्रतिभाशाली फ़िल्ममेकर्स में शामिल संजय लीला भंसाली ने राजपूत मान, सम्मान और परंपराओं पर बेहद ख़ूबसूरत सिनेमा तैयार किया है। फ़िल्म की कहानी जिस अंदाज़ में दिखायी गयी है, उस पर हर भारतीय को गर्व होगा और भारतीय कथ्य का दम दुनियाभर में दिखेगा। हम ज़िम्मेदार, क़ानून को मानने वाले और व्यावसायिक नागरिक हैं और सीबीएफ़सी समते सभी संबंधित संस्थाओं क़ानून के प्रति गहरा सम्मान रखते हैं। हम निर्धारित तौर-तरीक़ों को मानने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें यक़ीन है कि हम ज़ल्द फ़िल्म रिलीज़ करने के लिए ज़रूरी अनुमतियां हासिल कर लेंगे। जल्द ही फ़िल्म की नई रिलीज़ डेट का ऐलान किया जाएगा।''

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बताते चलें कि दो दिन पहले 'पद्मावती' की रिलीज़ डेट टाली जाने की ख़बर आयी थी, जिसके मुताबिक़ फ़िल्म अगले साल 12 जनवरी को सिनेमाघरों में आएगी। हालांकि वायाकॉम 18 के सीओओ अजीत अंधारे ने उस वक़्त ट्वीट करके फ़िल्म की रिलीज़ बदले जाने की ख़बर को ग़लत बताया था। बहरहाल, पद्मावती की रिलीज़ को स्थगित करने के पीछे कोई एक कारण नहीं था। एक ऐसी वजह भी है, जिस पर अभी तक किसी ने ग़ौर नहीं किया। सिलसिलेवार ढंग से जानते हैं, पद्मावती की रिलीज़ टलने के पीछे संभावित कारण-

1. राजपूतों का विरोध

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राजस्थान का राजपूत संगठन करणी सेना एलान के वक़्त से ही 'पद्मावती' का विरोध कर रहा है। जयपुर में फ़िल्म की शूटिंग के दौरान सेना के सदस्यों ने जयगढ़ क़िले में फ़िल्म के सेट पर तोड़फोड़ की थी और भंसाली के साथ हाथापाई की। सेना का कहना है कि फ़िल्म में दिल्ली सल्तनत के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी और चितौड़ की रानी पद्मिनी के बीच एक ड्रीम सीक्वेंस में प्रेम-प्रसंग दिखाया जा रहा है, जो राजपूताना शान और इतिहास के ख़िलाफ़ है। हालांकि संजय लीला भंसाली शुरू से इस तरह के किसी दृश्य से इंकार करते रहे हैं और कुछ दिन पहले उन्होंने एक वीडियो जारी करके इस बात की पुष्टि की थी कि फ़िल्म में 'पद्मावती' और खिलजी के बीच प्रेमालाप जैसा कोई सीन नहीं है। 

2. गुजरात चुनाव

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देश के कई हिस्सों में स्थानीय निकाय चुनावों और गुजरात में विधान सभा चुनावों के मद्देनज़र राजपूतों के इस विरोध को सियासी दलों ने हड़प लिया। विवाद को तीखी बयानबाज़ियों से हवा दी और देशभर में एक फ़िल्म विवाद को आंदोलन का रूप दे दिया। जानकार मानते हैं कि गुजरात चुनाव से पहले विरोध शांत नहीं होता, लिहाज़ा फ़िल्म पहली दिसंबर को रिलीज़ नहीं हो पाती। इंडस्ट्री में इन हालात के मद्देनज़र 'पद्मावती' की रिलीज़ डेट टाले जाने की सुगबुगाहट होने लगी थी। हालांकि पुष्टि नहीं हो सकी थी। 

3. सेंसर बोर्ड की नाराज़गी

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'पद्मावती' को लेकर चल रही ग़लतफ़हमियों को दूर करने के लिए मेकर्स ने कुछ चुनिंदा मीडिया वालों के लिए फ़िल्म की स्क्रीनिंग रखी थी, जिसके बाद कुछ चैनलों पर फ़िल्म के समर्थन में कार्यक्रम दिखाये गये। इस कोशिश ने सेंसर बोर्ड को नाराज़ कर दिया। सेंसर बोर्ड के मुखिया प्रसून जोशी ने इस पर एतराज़ जताते हुए कहा था कि प्रमाण पत्र के बिना कैसे फ़िल्म दिखा दी गयी और उसकी समीक्षा की जाने लगी है। प्रसून ने कहा था कि एक तरफ़ फ़िल्म की स्क्रीनिंग के लिए सेंसर बोर्ड पर दबाव बनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ़ बनी-बनायी प्रक्रिया को नष्ट किया जा रहा है। वायाकॉम 18 के प्रवक्ता द्वारा जारी किये गये बयान की भाषा देखकर ये क़यास लगाया जा रहा है कि रिलीज़ पोस्टपोन करने के पीछे सेंसर बोर्ड की फटकार भी एक वजह तो नहीं है? 

4. वीएफ़एक्स का काम बाक़ी

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ऊपर दिये गये तीनों कारण तो सबको नज़र आ रहे हैं, मगर जो वजह किसी को नहीं दिखी, वो बेहद ख़ास है। दरअसल, सूत्र बताते हैं कि पद्मावती अभी बनकर तैयार नहीं है। फ़ाइनल आउटपुट में अब भी कई बदलाव होने बाकी हैं। सूत्रों का दावा तो ये भी है कि संजय लीला भंसाली ने जो फ़िल्म प्राइवेट स्क्रीनिंग में दिखाई है, वह अंतिम नहीं हैं। किसी तकनीकी ख़राबी की वजह से वीएफ़एक्स का काफ़ी काम डिलीट हो गया था। इस वजह से भी फ़िल्म को फ़ाइनल एडिट तक पहुंचाने में परेशानी हुई है। इसीलिए पद्मावती एक दिसंबर की रिलीज़ डेट को मिस कर सकती थी, लिहाज़ा मेकर्स ने सभी बातों के मद्देनज़र इसे अगले साल ले जाने का फ़ैसला किया है।