Sunil dutt Happy Birthday: कुछ इस तरह से सुनील दत्त ने किया था नर्गिस से अपने प्यार का इजहार, जानें फिएट कार का ये खूबसूरत किस्सा
प्यार करना आसान है उसका इजहार करना उतना ही मुश्किल... किस्सा एक ऐसे इजहार-ए-मोहब्बत का जहां दोनों के दिल एक-दूजे के वास्ते धड़क रहे थे मगर लफ्जों की दूरियां थीं और जब मिले तो फिर कोई बाधाएं उन्हें रोक न पाईं।
By Anand KashyapEdited By: Updated: Sun, 06 Jun 2021 01:28 PM (IST)
अनंत विजय । प्यार करना आसान है, उसका इजहार करना उतना ही मुश्किल... किस्सा एक ऐसे इजहार-ए-मोहब्बत का, जहां दोनों के दिल एक-दूजे के वास्ते धड़क रहे थे मगर लफ्जों की दूरियां थीं और जब मिले तो फिर कोई बाधाएं उन्हें रोक न पाईं। आज अभिनेता सुनील दत्त के जन्मदिन पर पढ़िए उनके बारे में एक दिलचस्प किस्सा...
शाम ढल चुकी थी, समंदर की लहरें हिलोरें ले रही थीं, हवा में थोड़ी ठंडक थी, मुंबई (तब बांबे) की सड़क पर एक फिएट कार धीमी गति से चली जा रही थी। नई चमचमाती उस कार को अभिनेता सुनील दत्त चला रहे थे और उनकी बगल वाली सीट पर उस वक्त फिल्मों की सफल अभिनेत्री नर्गिस बैठी थीं। शूटिंग खत्म होने के बाद सुनील दत्त, नर्गिस को उनके घर छोड़ने जा रहे थे। कार की खिड़की का शीशा थोड़ा खुला था और ठंडी हवा सुनील दत्त के गालों को छूकर निकल रही थी।पर सुनील दत्त के माथे पर पसीने की बूंदें थीं, वो बार-बार नर्गिस से कह रहे थे, ‘मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं’ जब नर्गिस ने बोला कहिए तो वो चुप हो गए। फिर सुनील दत्त ने कहा कि ‘मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं’। नर्गिस ने फिर कहा फर्माएं? लेकिन वो फिर खामोश। इसी तरह से बातचीत चल रही थी और कार भी अपनी रफ्तार से मंजिल की ओर बढ़ रही थी। सुनील दत्त के दिल की बात जुबां पर आ नहीं पा रही थी। उनको लग रहा था कि अगर नर्गिस ने मना कर दिया तो उनका क्या होगा? इतने में नर्गिस का घर आ गया।
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सुनील दत्त ने गाड़ी रोकी तो नर्गिस ने उनकी तरफ इस तरह से देखा जैसे आंखें कोई पर्सनल सा सवाल करना चाह रही हों, लेकिन वो भी कुछ कह नहीं पाईं और कार का दरवाजा खोलकर उतरने लगीं। तब सुनील दत्त ने लंबी सांस लेकर कहा ‘मैं तुमको पसंद करता हूं और तुमसे शादी करना चाहता हूं’। नर्गिस ने सुनील दत्त की बातें सुनीं और कार का दरवाजा बंद करके बगैर कोई उत्तर दिए अपने घर की ओर चल पड़ीं। अब सुनील दत्त परेशान। अपनी पसंदीदा फिएट कार लेकर वो वापस घर की ओर लौटे। किसी तरह बेचैनी में रात कटी। उन्होंने मन ही मन तय कर लिया था कि अगर नर्गिस ने उनके प्रणय निवेदन को स्वीकार नहीं किया तो वो हरियाणा में अपनी मां के गांव लौट जाएंगे।
किसी तरह रात कटी, सुनील दत्त अगले दिन तैयार होकर शूटिंग पर चले गए। दिनभर बेचैन रहे। नर्गिस का कोई उत्तर या कोई संकेत उन तक नहीं पहुंचा। शाम को काम खत्म करके वो अपनी फिएट से वापस घर लौट आए। बुझे-बुझे से सुनील दत्त जब घर में दाखिल हुए तो उनकी बहन रानी खुशी से चहक रही थीं। उन्होंने सुनील दत्त का हाथ पकड़कर कहा ‘भाई मुबारक हो’। बेमन से सुनील दत्त ने पूछा, ‘किस बात की बधाई’? तो उनकी बहन ने कहा कि ‘उन्होंने हां कर दी है’।
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सुनील दत्त कुछ देर के लिए समझ ही नहीं पाए कि किसने हां कर दी। वो कुछ पूछते तबतक रानी ने ही राज खोला, ‘नर्गिस जी आई थीं और उन्होंने रजामंदी दे दी है।’ सुनील दत्त की खुशी का पारावार नहीं रहा। वो मुस्कुराते हुए अपने कमरे में चले गए। ये किस्सा सुनील और नर्गिस की बेटी नम्रता दत्त ने अपनी किताब में विस्तार से लिखा है। लोकचर्चा इस बात की होती है कि ‘मदर इंडिया’ फिल्म में आग से बचाने की वजह से नर्गिस ने सुनील दत्त को प्रपोज किया था, लेकिन सच्चाई ये है कि सुनील दत्त ने उनको अपनी फिएट कार में प्रपोज किया था। यही वजह है कि सुनील दत्त ने बहुत पुरानी हो जाने के बाद भी अपनी उस 1933 नंबर की फिएट कार को अपने पास रखा था। ‘मदर इंडिया’ में आग की घटना के बाद दोनों के बीच प्यार और गहरा जरूर हुआ था।