एक ही अभिनेता ने निभाया था फिल्म में राम और सीता का किरदार, 107 साल पहले आया डबल रोल का कंसेप्ट
एक टिकट खरीदकर पूरे ढाई से तीन घंटे सिर्फ अपने ही पसंदीदा सितारे को डबल रोल में देखना किस फैन की ख्वाहिश नहीं होगी। दिलीप कुमार से लेकर नरगिस दत्त देवानंद और श्रीदेवी जैसे कई सितारे फिल्मों में दोहरी भूमिका निभा चुके हैं। हालांकि डबल रोल निभाने वाले अभिनेता का जन्म 107 साल पहले ही इंडस्ट्री में हो गया था जो पर्दे पर राम और सीता दोनों बने थे।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। फिल्मों में डबल रोल का कंसेप्ट काफी समय से चला आ रहा है। हेमा मालिनी की 'सीता और गीता' से लेकर, शाह रुख खान की 'डुप्लीकेट', दिलीप कुमार की 'राम और श्याम और सलमान खान की जुड़वा दर्शकों ने थिएटर में बैठकर एक टिकट पर डबल मजे लिए।
उन्हें अपने पसंदीदा सितारे को एक ही स्क्रीन पर अलग-अलग रोल में देखने का मौका हमेशा से मिलता रहा है। बीते साल जहां शाह रुख खान ने फिल्म 'जवान' में बाप और बेटे का रोल अदा किया था, तो वहीं डबल रोल निभाने की लीग में अब कृति सेनन का नाम भी शामिल हो चुका है। वह अपनी आगामी फिल्म 'दो पत्ती' में डबल रोल अदा करती हुई दिखाई देंगी।
क्या आपको पता है कि भारत में डबल रोल का कंसेप्ट कौन लेकर आया। कौन था वह अभिनेता जिसने सबसे पहले एक पौराणिक फिल्म में डबल रोल निभाया। अगर नहीं, तो चलिए जानते हैं 107 साल पुरानी सुपरहिट फिल्म का इतिहास, जिसमें एक ही अभिनेता बना था राम और सीता।
इस अभिनेता ने 1917 में बनी फिल्म में निभाया था डबल रोल
पहली फिल्म में डबल रोल की भूमिका अदा करने वाले अभिनेता कोई और नहीं, बल्कि अन्ना सालुंके थे, जिन्होंने भारत की पहली फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र' में भी काम किया था। अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने हीरो के साथ-साथ नायिका की भूमिका भी अदा की। दादा साहब फाल्के की फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र' में रानी तारामती बनने के बाद, वह पर्दे पर माता सीता और भगवान श्रीराम भी बने।
यह भी पढ़ें: Janmashtami 2024: मात्र 12 मिनट लंबी थी श्री कृष्ण पर आधारित पहली फिल्म, दादा साहेब ने की थी डायरेक्ट
साल 1917 में एक फिल्म रिलीज हुई, जिसका टाइटल था 'लंका-दहन'। ये फिल्म हिंदू महाकाव्य 'रामायण' पर आधारित थी, जिसे महर्षि वाल्मीकि ने लिखा था। फिल्म का निर्देशन दादा साहब फाल्के ने ही किया था। राजा हरिश्चंद्र के बाद ये निर्देशक की दूसरी फीचर फिल्म थी। राजा हरिश्चंद्र की तरह ही 'लंका-दहन' भी एक म्यूट फिल्म थी।